संजय गुप्ता @ INDORE. बीजेपी के मिशन आठ लाख से जीत रोकने के लिए इंदौर ( INDORE ) कांग्रेस ( Congress ) के नेता मैदान में कहीं नजर नहीं आ रहे हैं। जो नेता विधानसभा चुनाव ( assembly elections ) में टिकट के लिए लगातार सक्रिय थे और फिर चुनाव में उतरे, वह अब घर बैठ गए हैं। दो नेता संजय शुक्ला ( Sanjay Shukla ) और विशाल पटेल ( Vishal Patel ) तो बीजेपी के हो गए हैं। यानि अपना चुनाव निपटने के बाद नेता घर बैठ गए और एक समय जीतू पटवारी का एक बयान वायरल हुआ था पार्टी गई तेल लेने, वही हालत हो गई है।
लोकसभा चुनाव में क्या कर रहे कांग्रेस के हारे प्रत्याशी
इंदौर विधानसभा एक- संजय शुक्ला- यह अब बीजेपी में शामिल हो गए हैं। यहां से कांग्रेस नेता दीपू यादव, विनीतिका यादव की लोकसभा चुनाव के लिए सक्रियता शून्य है।
इंदौर विधानसभा दो- यहां से चिंटू चौकसे मैदान में थे, वह निगम नेता प्रतिपक्ष है। थोड़ा सक्रिय है, लेकिन मुख्य तौर पर उनकी भूमिका निगम के नेत प्रतिपक्ष के रूप में ही ज्यादा है।
इंदौर विधानसभा तीन- पिंटू जोशी अपने रिश्ते में भाई लगने वाले अश्विन जोशी से लड़ाई जीतते हुए टिकट लेकर आए, चुनाव में सक्रिय रहे लेकिन अब भूले भटके ही गांधी भवन जाते हैं या मैदान में कहीं नजर आते हैं। सक्रियता ना के बराबर है।
इंदौर विधानसभा चार- राजा मांधवानी विधानसभा चार में मुश्किल से टिकट लेकर आए थे, टिकट लाने के लिए चुनाव के पहले नेतागीरी में सक्रिय हुए और फिर चुनाव के बाद घर बैठ गए और अपने बिजनेस में लग गए। लोकसभा में सक्रियता जीरो है।
इंदौर विधानसभा पांच- यहां से सत्तू पटेल उतरे थे, उनके भी बीजेपी में जाने की अटकलें चली, वह बीजेपी में तो नहीं गए, लेकिन दो बार लोकसबा चुनाव लड़ चुके सत्तू, फिलहाल कांग्रेस प्रत्याशी के लिए कोई सक्रियता नहीं दिखा रहे हैं।
राउ- यहां से जीतू पटवारी उतरे थे जो अब प्रदेशाध्यक्ष है, वह प्रदेश भर में तो सक्रिय है लेकिन उनकी गैर मौजूदगी में राउ में लोकसभा के लिए कोई सक्रियता नजर नहीं आ रही है।
देपालपुर- यहां से विशाल पटेल ने चुनाव लड़ा था, वह भी शुक्ला के साथ अब बीजेपी के हो गए हैं।
सांवेर- यहां से रीना सैतिया ने चुनाव लड़ा था, कांग्रेस दफ्तर में उनकी थोडी सक्रियता अभी बनी हुई है।
महू- चुनाव के पहले बीजेपी से कांग्रेस में आए राम किशोर शुक्ला को टिकट मिल गया था। लेकिन चुनाव में निर्दलीय प्रत्याशी अंतर सिंह दरबार से भी पीछे तीसरे नंबर पर रहे। दरबार तो अब बीजेपी के हो चुके हैं। वहीं शुक्ला फिर से बीजेपी में जाने की कोशिशों में लगे हैं। यहां से कांग्रेस की सक्रियता जीरो है।
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कार्यवाहक अध्यक्षों की हालत देखिए- चार माह से गोलू के पते ही नहीं
उधर कांग्रेस ने शहराध्यक्ष सुरजीत सिंह चड्ढा के साथ बाद में पांच कार्यवाहक अध्यक्ष बनाए थे, इसमें प्रमुख नाम गोलू अग्निहोत्री का था। वह शहराध्यक्ष के लिए लंबी लॉबिंग कर चुके हैं। लेकिन विधानसभा चुनाव के बाद से ही गोलू के कोई पते नहीं है, वह गांधी भवन में तो किसी को दिखे ही नहीं। इसी तरह एक और कार्यवाहक अध्यक्ष जो एक दिन के लिए अध्यक्ष भी बने अरविंग बागड़ी कभी-कभार गांधी भवन व कांग्रेस के आयोजन में नजर आते हैं लेकिन अकेले, कोई भीड़ उनके साथ नहीं होती है। अन्य कार्यवाहक अध्यक्षों के भी हाल यही है।
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चड्ढा और यादव यह दो ही सक्रिय
कांग्रेस के हर आयोजन में फिलहाल बात करें तो शहराध्यक्ष सुरजीत सिंह चड्ढा और कार्यवाहक अध्यक्ष देवेंद्र सिंह यादव ही कुछ कार्यकर्ताओं के साथ लगातार सक्रिय नजर आते हैं। इनका रोज गांधी भवन में जाना रहता है। कांग्रेस महासचिव राकेश यादव सोशल मीडिया पर लगातार बीजेपी को घेरते और चुनाव आयोग में सक्रियता दिखा रहे हैं। लेकिन बाकी नेताओं के कोई ठिकाने नहीं है। उधर कांग्रेस से बीजेपी में जाने की मची भगदड़ के चलते अभी तक शहर कांग्रेस कमेटी का भी गठन नहीं हुआ है। लोकसभा चुनाव में कांग्रेस प्रत्याशी अक्षय कांति बम बिना संगठन के बीजेपी की मजबूत संगठन के सामने बीता चुनाव चुनाव 5.47 लाख वोट से जीते चुके शंकर लालवानी के सामने उतर रहे हैं।