BHOPAL. मध्य प्रदेश में लोकसभा चुनाव 2024 ( Lok Sabha election 2024 ) को लेकर कांग्रेस की तरफ से उम्मीदवारों की लिस्ट जारी की गई है। प्रदेश की विदिशा लोकसभा सीट हॉट सीट बन गई है। क्योंकि बीजेपी ने यहां से पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ( Shivraj Singh Chauhan ) को मैदान में उतारा है। दूसरी तरफ शिवराज सिंह चौहान को टक्कर देने के लिए प्रताप भानु शर्मा ( Pratap Bhanu Sharma ) को कांग्रेस ने टिकट दिया है। आपको बताते चलें कि प्रताप भानु शर्मा को पूर्व प्रधानमंत्री स्वर्गीय राजीव गांधी का करीबी माना जाता है।
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कौन हैं प्रताप भानु शर्मा?
प्रताप भानु शर्मा का जन्म 1947 में हुआ था। वे मध्य प्रदेश के विदिशा जिले के रहने वाले हैं। प्रताप भानु शर्मा 7वीं और 8वीं लोकसभा में विदिशा सीट से सांसद रह चुके हैं। मैकेनिकल इंजीनियरिंग की पढ़ाई करने वाले प्रताप भानु शर्मा एक बड़े उद्योगपति भी रहे हैं। जब वे सांसद थे, तब उन्होंने स्वरोजगार योजनाओं को चलाया और उद्योगों को बढ़ावा देने के लिए भी काम किया। इसके अलावा 1975-76 के बीच वे कांग्रेस की तरफ से जिला लघु उद्योग संगठन और और जिला चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री के अध्यक्ष भी रह चुके हैं। 1980 और 1984 में उन्होंने विदिशा से लोकसभा चुनाव लड़ा और जीत हासिल की। अब एक बार फिर वे लोकसभा चुनाव लड़ने जा रहे हैं। इस बार उनका मुकाबला विदिशा से पांच बार सांसद और पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान से होगा। प्रताप भानु शर्मा को पूर्व प्रधानमंत्री स्वर्गीय राजीव गांधी का करीबी माना जाता है। कभी वे राजीव गांधी की क्लीन शेव ब्रिगेड को सदस्य थे। जिनमें माधवराव सिंधिया और राजेश पायलट भी शामिल थे।
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दो बार सांसद रहे शिवराज को देंगे टक्कर
वहीं, पूर्व सीएम शिवराज सिंह चौहान के सामने विदिशा से कांग्रेस ने पूर्व सांसद प्रताप भानु शर्मा को टिकट दिया है। शर्मा पीसीसी चीफ जीतू पटवारी की पंसद हैं। शर्मा विदिशा सीट पर 1980 और 1984 में दो बार सांसद रह चुके हैं। उनका नाम पहले ही तय कर लिया गया था, लेकिन इस बीच देवेंद्र पटेल का नाम सामने आ गया। वहीं, कुछ लोगों ने सेवानिवृत्त विंग कमांडर अनुमा आचार्य की पैरवी कर दी। इससे मामला फंस गया था। अब पार्टी ने प्रताप भानु शर्मा के नाम पर मुहर लगा दी है।
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कांग्रेस ने इनको दिया टिकट
बता दें, कांग्रेस अब तक मध्य प्रदेश की 29 में से 25 सीटों पर प्रत्याशियों का ऐलान कर चुकी है। छिंदवाड़ा से नकुलनाथ, सीधी से कमलेश्वर पटेल, भिंड से फूल सिंह बरैया, सतना से सिद्धार्थ कुशवाहा, मंडला से ओमकार सिंह मरकाम, बैतूल से रामू टेकाम, देवास से राजेंद्र मालवीय, धार से राधेश्याम मुवैल, टीकमगढ़ से पंकज अहिरवार, खरगोन से पोरलाल खरते, सागर से गुड्डू राजा बुंदेला का नाम पहले ही घोषित किया जा चुका है। राजगढ़ से दिग्विजय सिंह, रीवा से नीलम मिश्रा, शहडोल से फुंदेलाल मार्को, जबलपुर से दिनेश यादव, बालाघाट से सम्राट सरस्वार, होशंगाबाद से संजय शर्मा, भोपाल से अरुण श्रीवास्तव, उज्जैन से महेश परमार, मंदसौर से दिलीप सिंह गुर्जर, रतलाम झाबुआ से कांतिलाल भूरिया और इंदौर से अक्षय कांति बम को टिकट दिया गया है।
भाजपा छोड़ कर गए थे राव यादवेंद्र सिंह
गुना सीट पर ज्योतिरादित्य सिंधिया के सामने कांग्रेस ने राव यादवेंद्र सिंह को प्रत्याशी बनाया है। राव यादवेंद्र सिंह विधानसभा चुनाव से पहले भाजपा से कांग्रेस में शामिल हुए थे। कांग्रेस ने उनको मुंगावली से टिकट दिया था, लेकिन उनको हार का सामना करना पड़ा। यादवेंद्र सिंह के पिता स्व. देशराज सिंह यादव भाजपा से विधायक रह चुके हैं। अशोकनगर में यादव परिवार का अच्छा दबदबा माना जाता है। यादवेंद्र सिंह जिला पंचायत सदस्य हैं। उनकी पत्नी जनपद सदस्य, भाई जिला पंचायत सदस्य और मां जनपद सदस्य हैं।
यादवेंद्र के पिता लड़ चुके हैं सिंधिया के खिलाफ चुनाव
यादवेंद्र सिंह के पिता भी दो बार गुना लोकसभा सीट से सिंधिया के खिलाफ चुनाव लड़ चुके हैं। बता दें, इस सीट से पूर्व केंद्रीय मंत्री और पूर्व प्रदेश अध्यक्ष अरुण यादव ने चुनाव लड़ने की इच्छा जाहिर की थी, लेकिन दिग्विजय सिंह गुट ने उनको बाहरी बता कर पेंच फंसा दिया था। इस सीट पर भाजपा ने सांसद केपी यादव का टिकट काटकर केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया को दिया है। ऐसे में चर्चा है कि इससे गुना संसदीय सीट पर यादव वोटर नाराज हैं। अब कांग्रेस ने यादवों की नाराजगी को भुनाने के लिए ही यादवेंद्र सिंह यादव को टिकट दिया है। ऐसे में अब अरुण यादव को खंडवा सीट से चुनाव लड़ना पड़ सकता है। हालांकि, उन्होंने खंडवा सीट से चुनाव नहीं लड़ने की इच्छा जताई है। यहां पर अरुण यादव के अलावा राजनारायण सिंह पुरनी, सुरेंद्रसिंह शेरा का नाम भी चर्चा में है। शर्मा पटवारी की पसंद हैं।
दमोह में पूर्व विधायक पर दांव लगाया
कांग्रेस ने दमोह सीट पर पूर्व विधायक तरबर सिंह लोधी को टिकट दिया है। तरबर सिंह लोधी 2018 में बंडा सीट से जीते थे। हालांकि, वे 2023 में चुनाव हार गए। यह सीट लोधी बहुल है, यहां पर भाजपा ने राहुल सिंह लोधी को अपना प्रत्याशी बनाया है। इसी को देखते हुए कांग्रेस ने तरवर सिंह लोधी पर दांव लगाया है।
यहां इनके नाम आगे
कांग्रेस ने तीन सीटों ग्वालियर, खंडवा और मुरैना पर अभी अपने प्रत्याशियों के नाम घोषित नहीं किए हैं। ग्वालियर से पूर्व सांसद रामसेवक सिंह गुर्जर, पूर्व विधायक प्रवीण पाठक के नाम चर्चा में हैं। इसमें राम सेवक गुर्जर के नाम आगे बताया जा रहा है। वहीं, मुरैना सीट पर विधायक पंकज उपाध्याय और नीटू उर्फ सत्यपाल सिंह सिकरवार का नाम चर्चा में है। यहां से विधायक पंकज उपाध्याय का नाम आगे चल रहा है।