INDORE. सीएम डॉ. मोहन यादव 26 जनवरी और 27 को इंदौर में है। जीतू कांड में इंदौर पुलिस की भद पिट चुकी है। इस दाग को मिटाने के लिए शानदार टाइमिंग दिखाते हुए पुलिस ने जीतू यादव उर्फ जाटव के चचेरे भाई अभिलाष उर्फ अवि यादव को गिरफ्तार कर लिया है।
कुलकर्णी भट्टे से गिरफ्तारी बताई
पुलिस ने अभिलाष को उसके घर कुलकर्णी भट्टे से गिरफ्तार होना बताया है। बताया जा रहा है कि वह अलग मोबाइल नंबर का उपयोग कर रहा था, उसके और करीबियों के नंबर सर्विलांस में थे, इसी से पुलिस को जानकारी मिली और पुलिस ने रात को उसे धर लिया। इसके पहले भी कुछ आरोपी कुलकर्णी भट्टे से गिरफ्तार होना बताए गए। यानी आरोपी कहीं नहीं गए, अपने या दोस्तों के घरों पर ही है। फिर सवाल यही है कि पुलिस क्या कर रही है और एक-दो दिन छापे मारकर फिर चुप क्यों बैठ गई।
जीतू यादव के करीबी गुंडे दिलीप बेसवाल और बंटी ठाकुर गिरफ्तार, दो दिन की रिमांड पर
अब सीएम के साथ पुलिस की टाइमिंग देखिए
यह कांड चार जनवरी को दोपहर में हुआ, लेकिन जूनी इंदौर पुलिस ने शाम को केवल खानापूर्ति के लिए 40 अज्ञात के खिलाफ केस किया। फिर हाथ पर हाथ धर कर बैठ गई। लेकिन जब सीएम डॉ. मोहन यादव नौ जनवरी को इंदौर दौरे पर आए, तब पुलिस ने टाइमिंग दिखाते हुए पांच आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया। वहीं जब सीएम से जब इस संबंध में एसआईटी नहीं बनने और अन्य सवाल हुए तो सीपी संतोष सिंह ने शाम को ही एसआईटी बनाने की घोषणा कर दी। जब सीएम ने पूरी घटना को लेकर सोशल मीडिया पर तल्ख टिप्पणी की, तब इसमें पुलिस ने छापामारी शुरू की।
जिला बदर करना पड़ा भारी, HC ने कलेक्टर पर लगाया 50 हजार का जुर्माना, जानें पूरा मामला
जब सीएम ने आलोचना की तब बीजेपी नेता गए
इस मामले में बीजेपी नेताओं का भी यही हाल रहा है। जब तक सीएम ने इस मामले में टिप्पणी कर आलोचना नहीं की, तब तक बीजेपी नेताओं ने पीड़ित कमलेश कालरा के घर जाना भी मुनासिब नहीं समझा और ना ही उनके समर्थन में कोई बात कही। केवल विधायक मालिनी गौड़ अपने समर्थक कालरा के लिए लड़ती रही। वहीं सांसद शंकर लालवानी हो महापौर पुष्यमि भार्गव या फिर इंदौर का मंत्री गुट या फिर अन्य नेता इस घटना पर चुप्पी ही साधे रहा। कांग्रेस ने तो इसे बीजेपी का अंदरूनी मुद्दा बताकर पल्ला ही झाड लिया और इस पूरे मामले में गूंगी बनी रही।
सरपंच पति को दुष्कर्म पीड़िता BJP नेत्री ने कोर्ट में मारे थप्पड़, आरोप वीआईपी की तरह लाए
जीतू को सरगना मान चुकी है पुलिस
उधर हाईकोर्ट में खुद पुलिस और शासन पक्ष जीतू के करीबी गुंडे पिंटू की जमानत का विरोध करने के दौरान जीतू यादव को इस कांड के सरगना के तौर पर आपत्ति ले चुकी है। साथ ही इसमें यह सभी तर्क रखे गए...
- आरोपी राजनीतिक प्रभाव वाले व्यक्ति है। साक्षी पार्षद कमलेश कालरा ने बयान में बताय कि एमआईसी मेंबर जीतू यादव से फोन पर बातचीत के दौरान क्षमा मांगने पर और वृद्ध मां की दुहाई देते हुए गुंडों को घर से हटाए जाने के लिए कहा गया। आऱोपी गण राजनीतिक प्रभाव वाले होकर पूरी तरह अनियंत्रित है और फिर फरियादी व साक्षीगण के साथ घटना की पुनरावृत्ति करेंगे
- अधिकांश आरोपी आदतन अपराधी है। खुद पार्षद जीतू यादव पर 10 आपराधिक पंजीबद्ध हो चुके हैं। यह भी केस डायरी में हैं
- जांच के दौरान आडियो, घटना के फुटेज में स्पष्ट है कि पार्षद कालरा के घर भेजे गए सभी आरोपी पार्षद जीतू यादव के द्वारा भेजे गए हैं, जिन्होंने पूरी तरह राजनीतिक संरक्षण म रहकर घृणित कृत्य किया, जिससे पूरे क्षेत्र में भय व दहशत का माहौल बना।
- आरोपियों द्वारा किए गए आपराधिक कृत्य का सामाजिक रूप से प्रदेश के विभिन्न शहरों में पार्षद जीतू यादव के विरूद् आमजन द्वारा विरोध प्रदर्शन किया गया है।
- प्रकरण की जांच जारी है, आरोपियों के द्वारा व पार्षद जीतू यादव द्वारा फरियादी व परिवार को धमकाया जाकर कहा गया है कि तुम्हारे साथ रोजाना ऐसे ही (निर्वस्त्र) होगा। ऐसे में पूरी संभावना है कि फरियादी व साक्षियों क धमका कर प्रभावित किया जाए।