जीतू यादव के करीबी गुंडे दिलीप बेसवाल और बंटी ठाकुर गिरफ्तार, दो दिन की रिमांड पर
पार्षद कमलेश कालरा के घर पर 40 से ज्यादा समर्थक गुंडे भेजने वाले गुंडे जीतू यादव उर्फ जाटव अभी भी पुलिस की पहुंच से दूर है। उधर 30 से ज्यादा चिन्हित हो चुके उसके समर्थक गुंडों में से दो और को पुलिस ने गिरफ्तार किया है।
बांए से दिलीप बेसवाल बीच में जीतू यादव और किनारे में घनश्याम सिंह Photograph: (thesootr)
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Indore. पार्षद कमलेश कालरा के घर पर 40 से ज्यादा समर्थक गुंडे भेजने वाले गुंडे जीतू यादव उर्फ जाटव अभी भी पुलिस की पहुंच से दूर है। उधर 30 से ज्यादा चिन्हित हो चुके उसके समर्थक गुंडों में से दो और को पुलिस ने गिरफ्तार किया है। हालांकि बताया जा रहा है कि वह खुद ही पुलिस के सामने सरेंडर हुए हैं। उधर पुलिस ने अब जाकर इनकी पुलिस रिमांड ली है, इसके पहले गिरफ्तार हुए 18 गुंडों में से पुलिस ने मात्र दो का ही रिमांड लिया था और इनकी पूछताछ में जीतू के चचेरे भाई अभिलाष का नाम आया जिसके बाद उसे मुख्य आरोपी बनाया गया। वह भी अभी पुलिस गिरफ्त से बाहर है।
पुलिस के अनुसार गुरुवार को दिलीप बेसवाल पिता रमेश चंद्र निवासी कुलकर्णी नगर और घनश्याम सिंह उर्फ बंटी पिता हरिसिंह ठाकुर भदौरिया निवासी शीलनाथ कैंप को गिरफ्तार किया गया है। दिलीप के खिलाफ तुकोगंज व एमआईजी थाने में केस है. यानी यह भी आदतन अपराधी है। इसके पहले पकड़े गए 18 आरोपियों में से 9 भी आदतन अपराधी ही थे।
एडिशनल डीसीपी आनंद यादव के अनुसार मोबाइल लोकेशन पर दोनों को गिरफ्तार किया गया है। वहीं सूत्रों के अनुसार दोनों खुद ही पुलिस के सामने पेश हुए हैं। द सूत्र ने पहले ही आशंका जताई हुई है कि यह सभी आरोपी एक-दो करके पुलिस के सामने आ रहे हैं, ताकि बात जीतू यादव तक नहीं जाए और किसी एक के भी जमानत होने पर वह अग्रिम जमानत ले ले और फिर सार्वजनिक तौर पर सामने आए। तब तक मामला भी ठंडा हो जाएगा।
उधर पुलिस ने दो वीडियो सामने आने के बाद भी कालरा के घर जिन कारणों से गुंडे पहुंचे थे उन्हें जब्त नहीं किया है। टीआई अनिल गुप्ता जूनी इंदौर पुलिस का कहना है कि इस मामले में हॉकी, बेसबाल, बल्ला, डंडे जब्त हो गए हैं और कारों की पहचान की जा रही है। अभी तीन कारों की पहचान हुई है।
उधर पुलिस का कहना है कि वह जीतू के वाइस सेंपल लेने के लिए लगातार नोटिस जारी कर रही है और 6 बार उसे नोटिस दिए जा चुके हैं, लेकिन वह सामने नहीं आया है। यदि सामने नहीं आया तो फिर भगोड़ा घोषित किया जाएगा। हालांकि, अभी तक जीतू का नाम एफआईआर में नहीं है।