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CHHINDWARA. एमपी के छिंदवाड़ा में किडनी फेल होने से बच्चों की मौत का सिलसिला जारी है। शनिवार को नागपुर में इलाज के दौरान डेढ़ साल की योगिता ठाकरे ने दम तोड़ दिया। एक महीने में अब तक 11 बच्चों की जान जा चुकी है।
प्रदेश में कोल्ड्रिफ (Coldrif) और नेक्स्ट्रो-डीएस (Nextro-DS) कफ सिरप को बैन कर दिया गया है। इन सिरप की वजह से छिंदवाड़ा में 11 बच्चों की किडनी फेल होने से मौत हुई है। मुख्यमंत्री मोहन यादव ने इसकी जानकारी दी है।
स्थानीय डॉक्टर की सलाह पर बच्चों को कोल्ड्रिफ और नेक्स्ट्रो-डीएस कफ सिरप देने की बात सामने आई थी। बच्चों की मौत के बाद जांच के लिए तीन टीमें बनाई गई हैं। अब SIT बनाकर राज्य स्तर पर जांच की जाएगी।
कोल्ड्रिफ सिरप पर बैन
किडनी फेल होने की वजह से हुई मौतों के बाद अब एक और गंभीर घटना सामने आई है। छिंदवाड़ा में कोल्ड्रिफ सिरप के कारण कई बच्चों की मौत हो गई, जिससे राज्य सरकार को सख्त कदम उठाने के लिए मजबूर होना पड़ा। मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने एक्स पर एक पोस्ट करते हुए बताया कि इस सिरप की बिक्री पर राज्यभर में बैन लगा दिया गया है। इसके साथ ही सिरप बनाने वाली कंपनी के अन्य उत्पादों की बिक्री पर भी बैन लगा दिया गया है।
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मध्यप्रदेश सरकार का आदेश
सीएम मोहन यादव ने प्रभावित परिवारों के लिए 4-4 लाख रुपए की सहायता राशि देने का निर्देश दिया है। राज्य सरकार ने इस घटना के बाद कड़ी कार्रवाई की योजना बनाई है। सिरप बनाने वाली फैक्ट्री तमिलनाडु के कांचीपुरम में स्थित है, और राज्य सरकार ने तमिलनाडु सरकार से जांच करने का आग्रह किया था। जांच रिपोर्ट 4 अक्टूबर, शनिवार की सुबह प्राप्त हुई और इसके आधार पर कड़ी कार्रवाई की जा रही है।
सरकार की एडवाइजरी- 2 साल से कम के बच्चों को न दें
केंद्र सरकार ने भी इस विषय पर अपनी एडवाइजरी जारी की है। स्वास्थ्य सेवा महानिदेशक ने सलाह दी है कि दो वर्ष से कम उम्र के बच्चों को खांसी का सिरप नहीं देना चाहिए। इसके अलावा, पांच वर्ष से छोटे बच्चों के लिए खांसी और सर्दी की दवाओं का उपयोग कम से कम किया जाए।
कड़ी जांच और कार्रवाई
राज्य स्तर पर भी इस मामले में जांच के लिए एक टीम बनाई गई है। अधिकारियों ने कहा है कि दोषियों को किसी भी कीमत पर बख्शा नहीं जाएगा। इस घटना के बाद स्थानीय स्तर पर भी कार्रवाई की जा रही है।
3 पॉइंट्स में समझें पूरी खबर👉 छिंदवाड़ा की योगिता ठाकरे की किडनी फेल होने के कारण मौत हो गई है। वह पिछले एक सप्ताह से नागपुर में इलाज करा रही थी। अब तक छिंदवाड़ा में 11 बच्चों की किडनी फेल होने से मौत हो चुकी है। 👉 किडनी फेल होने की मौतों के कारण छिंदवाड़ा में कोल्ड्रिफ सिरप पर बैन लगा दिया गया है। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने राज्यभर में सिरप की बिक्री पर रोक लगाने का आदेश दिया और सिरप बनाने वाली कंपनी के अन्य उत्पादों पर भी बैन लगाया। 👉 मुख्यमंत्री ने मृतकों के परिवारों को 4 लाख रुपए की सहायता राशि देने का निर्देश दिया। इसके साथ ही राज्य सरकार ने इस मामले में कड़ी कार्रवाई करने की योजना बनाई है। |
कफ सिरप पर बैन
इससे पहले छिंदवाड़ा कलेक्टर शीलेंद्र सिंह ने बताया कि जांच के दौरान यह स्पष्ट हुआ है कि बच्चों की मौत का कारण कफ सिरप है। इस सिरप में डायएथिलीन ग्लायकॉल नामक केमिकल की गड़बड़ी की संभावना जताई जा रही है। इसी आधार पर जिले में Coldrif (कोल्ड्रिफ) और Nextro-DS (नेक्सट्रॉस डीएस) कफ सिरप की बिक्री पर तत्काल प्रभाव से प्रतिबंध लगा दिया गया है।
20 सितंबर से देखी गई मामले में तेजी
20 सितंबर के बाद परासिया, उमरेठ, जाटाछापर, बड़कुही और आसपास के इलाकों में बच्चों में सर्दी-खांसी और बुखार की समस्या देखी गई। इसके बाद परिजनों ने स्थानीय डॉक्टरों और मेडिकल दुकानों से कफ सिरप खरीदी और बच्चों को पिलाया। कुछ ही दिनों में बच्चों को यूरिन नहीं आने की समस्या शुरू हो गई। स्थिति बिगड़ने पर उन्हें परासिया और छिंदवाड़ा के अस्पतालों में भर्ती किया गया। बाद में कई बच्चों को नागपुर रेफर कर दिया गया। इलाज के दौरान अब तक 6 बच्चों की दुखद मौत हो चुकी है।