/sootr/media/media_files/2025/08/21/jila-colcetor-neha-marvia-2025-08-21-15-41-24.jpg)
मध्य प्रदेश के डिंडोरी (dindori) जिले में कलेक्टर नेहा मारव्या की ओर से जारी किए गए शिक्षकों और हॉस्टल अधीक्षकों के तबादले के आदेश को शासन ने निरस्त कर दिया है। इस बारे में जानकारी शहपुरा से भाजपा विधायक ओमप्रकाश धुर्वे ने गुरुवार को जिला भाजपा कार्यालय में आयोजित एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में दी।
विधायक ने बताया कि कलेक्टर ने डिप्टी कलेक्टर वैद्यनाथ वासनिक को जबरन सहायक आयुक्त का चार्ज दिलवाया और तत्कालीन सहायक आयुक्त को कार्यालय में प्रवेश नहीं करने दिया। इसके बाद कलेक्टर ने युक्तिकरण के नाम पर नियमों का उल्लंघन करते हुए तबादलों के आदेश जारी किए।
438 शिक्षकों के तबादले किए निरस्त
जनजातीय कार्य विभाग मंत्रालय भोपाल ने 17 जून को तीन प्राचार्यों और 12 उच्च माध्यमिक शिक्षकों के तबादलों को रद्द किया। इसके बाद 3 जुलाई को 438 शिक्षकों के तबादले भी निरस्त कर दिए गए। इसके अलावा 11 जुलाई को 139 हॉस्टल अधीक्षकों के तबादले के आदेश भी रद्द कर दिए गए। जांच में यह भी सामने आया कि 47 प्राथमिक शिक्षकों को माध्यमिक शिक्षक के रूप में दर्शाकर उनके तबादले किए गए।
नियमों के अनुसार, हॉस्टल अधीक्षक का प्रभार केवल माध्यमिक शिक्षकों को ही सौंपा जा सकता है, और इस मामले में 37 शिक्षकों के नाम सामने आए हैं। प्रेस कॉन्फ्रेंस में पूर्व जिला अध्यक्ष नरेंद्र राजपूत, जय सिंह मरावी, मंडल अध्यक्ष आशीष वैश्य और सुशील राय भी मौजूद थे। 3 जुलाई 2025 को 156 शिक्षकों का एवं दूसरे आदेश से 280 शिक्षकों का कुल 438 शिक्षकों का युक्तियुक्तकरण कर मनमानी पूर्वक पदस्थापना की गई थी।
मनमानी तबादले के विरोध में उठी आवाजें
करीब एक महीने से जिले भर में कलेक्टर द्वारा किए गए तबादलों का विरोध किया जा रहा था। इन तबादलों के तहत लगभग 200 शिक्षकों को उच्च न्यायालय से स्थगन मिल चुका था, लेकिन फिर भी कलेक्टर ने इन आदेशों को लागू करने की कोशिश की। इस प्रकार की मनमानी के चलते शासन को हस्तक्षेप करना पड़ा और 438 शिक्षकों के तबादलों को रद्द कर दिया गया।
न्यायालय और शासन के आदेश
उप सचिव मध्य प्रदेश शासन ने आदेश जारी किया है कि जिले में किए गए 438 शिक्षकों के तबादले और युक्तियुक्तकरण को निरस्त किया जाए। इसके अलावा कलेक्टर द्वारा की गई अन्य स्थानांतरण गतिविधियों को भी निरस्त कर दिया गया है। इनमें तीन प्राचार्य के तबादले भी शामिल थे, जिन्हें द्वितीय श्रेणी के तहत जिले के अंदर स्थानांतरित किया गया था।
शिक्षकों के मनमाने तबादले वाली खबर पर एक नजर
|
प्राचार्य और उच्च माध्यमिक शिक्षकों के तबादले
मध्य प्रदेश शासन सामान्य प्रशासन विभाग की ओर से जारी स्थानांतरण नीति 2025 के तहत इन स्थानांतरणों को नियमों के अनुरूप नहीं पाया गया। तीन प्राचार्य का तबादला निरस्त कर दिया गया, क्योंकि यह स्थानांतरण आदेश पेरा 5 और 6 के अनुसार नहीं थे। कलेक्टर ने 12 उच्च माध्यमिक शिक्षकों का भी तबादला किया था, जिसे भी तत्काल प्रभाव से निरस्त कर दिया गया।
ये भी पढ़िए...डिंडौरी कलेक्टर नेहा मारव्या के इस आर्डर से मचा बवाल, विवाद के बाद बदला आदेश
अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग
इस घटना ने जिले में और प्रदेश स्तर पर प्रशासनिक व्यवस्था को चुनौती दी है। तत्कालीन प्रभारी सहायक आयुक्त और डिप्टी कलेक्टर बैद्यनाथ बासनिक की भूमिका को लेकर भी सवाल उठाए जा रहे हैं। जनप्रतिनिधियों और अधिकारियों ने उनके खिलाफ अलग से कार्रवाई की मांग की है। इसी तरह 11 जुलाई 2025 को छात्रावास के 139 अधीक्षकों के पदस्थापन को भी निरस्त कर दिया गया।
जिले में प्रशासन की किरकिरी
जिले में प्रशासन की ओर लगातार निर्देश मिलने के बावजूद कदम न उठाने पर यह मामला बड़ी किरकिरी बन गया है। जिला प्रशासन को प्रदेश स्तर पर इस मुद्दे का सामना करना पड़ा है और शासन स्तर से सभी आदेशों के निरस्त होने से जिला प्रशासन की कार्यशैली पर गंभीर सवाल उठाए गए हैं। Dindori News
FAQ
thesootr links
- मध्यप्रदेश की खबरें पढ़ने यहां क्लिक करें
- छत्तीसगढ़की खबरें पढ़ने यहां क्लिक करें
- राजस्थान की खबरें पढ़ने यहां क्लिक करें
- रोचक वेब स्टोरीज देखने के लिए करें क्लिक
- जॉब्स औरएजुकेशन की खबरें पढ़ने के लिए क्लिक करें
- निशुल्क वैवाहिक विज्ञापन और क्लासिफाइड देखने के लिए क्लिक करें
अगर आपको ये खबर अच्छी लगी हो तो 👉 दूसरे ग्रुप्स, 🤝दोस्तों, परिवारजनों के साथ शेयर करें📢🔃🤝💬👩👦👨👩👧👧👩
कलेक्टर नेहा मारव्या पर गंभीर आरोप | dindori collector |