कांग्रेस का बड़ा फैसला: बीजेपी से आए नेता कांग्रेस में नहीं बन सकेंगे जिलाध्यक्ष

कांग्रेस पार्टी ने यह निर्णय संगठन में अनुशासन और समर्पण को बढ़ावा देने के लिए लिया है। जीतू पटवारी ने कहा कि यह कदम पार्टी के पुराने और समर्पित कार्यकर्ताओं के योगदान को मान्यता देने के लिए है।

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Sandeep Kumar
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MP News: मध्य प्रदेश में कांग्रेस पार्टी ने विधानसभा चुनाव 2028 की तैयारी शुरू कर दी है। संगठन को मजबूत करने के लिए पार्टी ने महत्वपूर्ण कदम उठाया है। बीजेपी से कांग्रेस में शामिल नेताओं को जिलाध्यक्ष बनने के लिए पांच साल तक सक्रिय सदस्य रहना होगा। यह निर्णय पार्टी में लंबे समय से सक्रिय नेताओं के सम्मान के रूप में लिया गया है। पार्टी ने जिलाध्यक्ष पद के लिए 45 वर्ष से कम आयु के युवा नेताओं को प्राथमिकता देने का निर्णय लिया है। 

नए दिशा-निर्देशों का उद्देश्य

कांग्रेस पार्टी ने यह निर्णय संगठन में अनुशासन और समर्पण को बढ़ावा देने के लिए लिया है। प्रदेश अध्यक्ष जीतू पटवारी ने कहा कि यह कदम पार्टी के पुराने कार्यकर्ताओं के योगदान को मान्यता देने के लिए है। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि जिन नेताओं ने पार्टी में पांच साल से कम समय बिताया है, उन्हें जिलाध्यक्ष पद के लिए विचार नहीं किया जाएगा।

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युवा नेतृत्व को प्राथमिकता

कांग्रेस पार्टी प्रदेश में 45 वर्ष से कम आयु के युवा जिला अध्यक्षों को चुनने पर विचार कर रही है। प्रदेश कांग्रेस कमेटी ने 165 ऑब्जर्वर्स की नियुक्ति की है। कांग्रेस के प्रदेश प्रभारी हरीश चौधरी ने 5 साल से पहले पार्टी में शामिल नेताओं को पैनल में न जोड़ने पर जोर दिया है। इसका मतलब है कि जिन नेताओं ने 5 साल पूरे नहीं किए हैं, उनके नाम पैनल में नहीं होंगे।

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कांग्रेस में गुटबाजी पर चिंता

कांग्रेस पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष जीतू पटवारी ने पार्टी में गुटबाजी को 'कैंसर' करार दिया था। उन्होंने इसे समाप्त करने की आवश्यकता जताई थी। इस बयान के बाद पार्टी में गुटबाजी को लेकर चर्चा तेज हो गई थी। पार्टी ने यह निर्णय उसी संदर्भ में लिया है, ताकि संगठन में अनुशासन और एकता बनी रहे।

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