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REWA. रीवा जिले के सेमरिया विधानसभा क्षेत्र से कांग्रेस विधायक अभय मिश्रा ने मंगलवार रात एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान यह दावा किया कि उनके घर पर प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की ओर से रेड डाली जा सकती है। विधायक ने कहा कि इनकम टैक्स विभाग उनके परिवार की कंपनी के 10 से 50 करोड़ रुपए के खाते सीज कर रहा है। अभय मिश्रा ने यह भी बताया कि उन्हें पिछले कई दिनों से धमकियां मिल रही थीं और जब उन्होंने इन धमकियों के सामने झुकने से इंकार किया, तो उनके खिलाफ कार्रवाई की जा रही है। उन्होंने स्पष्ट रूप से कहा कि वह अपनी बात से पीछे नहीं हटेंगे।
4 से 5 खाते सीज किए गए- विधायक
विधायक अभय मिश्रा ने बताया कि उनके परिवार की एक कंस्ट्रक्शन कंपनी है, इसका नाम उदित इंफ्रा है। उन्होंने कहा कि सरकारी दबाव के तहत इस कंपनी के करोड़ों रुपये के खाते सीज किए जा रहे हैं। पहले इस कंपनी को वह खुद चलाते थे, लेकिन अब इसका संचालन उनका परिवार कर रहा है। विधायक ने यह भी बताया कि पिछले तीन दिनों में लगातार 4 से 5 खाते सीज किए गए हैं, जो आमतौर पर ईडी की कार्रवाई से पहले किया जाता है।
विधायक अभय मिश्रा के ईडी रेड आरोपों वाली खबर पर एक नजर
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कांग्रेस विधायक अभय मिश्रा ने कहा- मैं विभिन्न मुद्दों पर अपनी राय बेझिजक तरीके से व्यक्त करता हूं और कई भ्रष्टाचारों का भी पर्दाफाश करता रहता हूं। यही वजह है कि मेरी आवाज को दबाने और कुचलने की कोशिश की जा रही है।
बीजेपी जिलाध्यक्ष ने आरोपों को बताया निराधार
कांग्रेस विधायक के आरोपों पर भाजपा जिलाध्यक्ष वीरेंद्र गुप्ता ने कहा कि सभी आरोप पूरी तरह से निराधार हैं। अगर इनकम टैक्स विभाग ने कोई कार्रवाई की है, तो यह उनका अधिकार और काम है। इस कार्रवाई का भाजपा से कोई संबंध नहीं है, और न ही इसका डिप्टी सीएम राजेंद्र शुक्ल से कोई लेना-देना है। उन्होंने यह भी कहा कि सभी सरकारी एजेंसियां स्वतंत्र रूप से अपने कार्य करती हैं।
कांग्रेस विधायक ने रीवा कलेक्टर कसा तंज
हाल ही में कांग्रेस विधायक अभय मिश्रा ने रीवा कलेक्टर प्रतिभा पाल पर तंज कसते हुए कहा था कि कलेक्टर खुद को ईमानदार नहीं बता सकतीं। उन्होंने कहा कि अगर कलेक्टर यह कह देती हैं कि वे ईमानदार हैं, तो वे उनकी पोल खोल देंगे। अभय मिश्रा ने राजनीति में अपनी ईमानदारी का दावा करते हुए कहा कि अगर कोई मेरी बेईमानी साबित कर दे, तो वह चुनौती स्वीकार कर लें। उन्होंने यह भी कहा कि विधानसभा में अलग तरह का खेल चलता है और यहां कई तरह के हथकंडे अपनाए जाते हैं।
रीवा कलेक्टर सीएम की बातों को कर रहीं नजरअंदाज
तब मिश्रा ने यह भी कहा था कि मुख्यमंत्री की नीयत सही है, वे व्यवस्था को सुधारने की कोशिश कर रहे हैं और क्षेत्र की हालत बेहतर बनाना चाहते हैं। लेकिन रीवा कलेक्टर मुख्यमंत्री की बातों को नजरअंदाज करती हैं और उप मुख्यमंत्री के निर्देशों पर काम करती हैं। मिश्रा ने आरोप लगाया कि कलेक्टर उनके खिलाफ कई तरह के हथकंडे अपनाती हैं। उन्होंने बताया कि उन्होंने कलेक्टर को पत्र लिखा था, इसमें कहा था कि अगर उनकी कार्यशैली में सुधार नहीं हुआ, तो वे कलेक्टर कार्यालय में विरोध प्रदर्शन करेंगे और छह घंटे तक उपवास रखेंगे। मिश्रा ने कहा कि वे व्यक्तिगत रूप से विरोध नहीं करते, लेकिन जब काम ठीक नहीं होता, तो इस तरह के कदम उठाने पड़ते हैं।
बीस हजार लोगों के साथ करेंगे विरोध प्रदर्शन
अभय मिश्रा ने कहा था कि रीवा की सरकारी जमीनें लूट ली गईं और बेच दी गईं। उन्होंने गांधी जी की प्रेरणा का हवाला देते हुए बताया कि इस मुद्दे पर उन्होंने सत्याग्रह किया है। मिश्रा ने यह भी कहा कि बिजली बिलों के खिलाफ वे पार्टी से अनुमति लेकर जल्द ही बीस हजार लोगों के साथ विरोध प्रदर्शन करेंगे।
2 अक्टूबर को अभय मिश्रा ने किया था धरना प्रदर्शन
गांधी जयंती (Gandhi Jayanti) के दिन रीवा के सेमरिया से कांग्रेस विधायक अभय मिश्रा ने कलेक्ट्रेट परिसर में जिला प्रशासन के खिलाफ मोर्चा खोला और शांति रूप से धरना प्रदर्शन किया था। विधायक ने आरोप लगाया कि प्रशासन जानबूझकर उन्हें बैठकों (रीवा जिला प्रशासन की बैठक) और योजनाओं से दूर रख रहा है सिर्फ इसलिए क्योंकि वे कांग्रेस पार्टी से हैं। उनका विरोध कलेक्टर कार्यालय के सामने था, जहां उन्होंने मौन धरने पर बैठने का फैसला किया।
धरने के दौरान विधायक अभय मिश्रा ने पहले शांतिपूर्वक कलेक्ट्रेट परिसर में बैठकर विरोध किया, लेकिन कुछ समय बाद वे जमीन पर लेट गए। यह दृश्य मीडिया के कैमरों में कैद हो गया और इसने प्रशासन और राजनीतिक हलकों में हलचल मचा दी। उनका यह विरोध प्रदर्शन क्षेत्रीय राजनीति में एक नया मोड़ लेकर आया है।