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मध्यप्रदेश में खाद की गंभीर कमी का सामना किया जा रहा है। इससे किसान अपने उत्पादन के लिए आवश्यक संसाधनों के बिना परेशान हैं। खाद की किल्लत केवल धार जिले तक सीमित नहीं है, बल्कि यह समस्या प्रदेशभर में फैल चुकी है।
कांग्रेस विधायक डॉ. हीरालाल अलावा ने इस मुद्दे पर जिला मुख्यालय पर धरना दिया। उन्होंने सरकार की नीतियों पर सवाल उठाए और आरोप लगाया कि खाद की किल्लत के पीछे प्रशासन की मिलीभगत है। इसके कारण व्यापारी दोगुने दाम पर खाद बेच रहे हैं।
व्यापारी बढ़ा रहे हैं कीमतें
मनावर विधायक डॉ. हीरालाल अलावा ने आरोप लगाया कि राज्य सरकार किसानों के साथ सौतेला व्यवहार कर रही है। उन्होंने यह भी कहा कि खाद की कमी के कारण व्यापारी 266 रुपए की बोरी को 400 से 450 रुपए में बेच रहे हैं। जिला प्रशासन तथा सरकार को इसके बारे में जानकारी होने के बावजूद कोई कारवाई नहीं की जा रही।
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सोसायटियों में खाद की कमी
विधायक ने कहा कि सोसायटियों में भी किसानों को खाद नहीं मिल रही है। उन्हें व्यापारियों के पास जाकर ज्यादा दाम चुकाने पड़ रहे हैं। इससे किसानों की आर्थिक स्थिति प्रभावित हो रही है और उनका विश्वास सरकार पर से उठ रहा है।
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5 प्वाइंट्स में समझें पूरी स्टोरी खाद की गंभीर कमी: MP में खाद की भारी कमी हो रही है, जिससे किसान जरूरी संसाधनों से वंचित हो रहे हैं। यह समस्या धार जिले तक सीमित नहीं है, बल्कि पूरे राज्य में फैल चुकी है। खाद की कीमतों में वृद्धि: कांग्रेस विधायक डॉ. हीरालाल अलावा ने आरोप लगाया कि व्यापारी खाद की बोरी 266 रुपए की जगह 400-450 रुपए में बेच रहे हैं। इससे किसानों को भारी नुकसान हो रहा है। खाद की कमी: विधायक ने बताया कि सोसायटियों में किसानों को खाद उपलब्ध नहीं हो रही है। उन्हें व्यापारी से अधिक कीमत पर खाद खरीदनी पड़ रही है। इससे किसानों की आर्थिक स्थिति खराब हो रही है और उनका विश्वास सरकार पर से उठ रहा है। प्रशासन की मिलीभगत: हीरालाल अलावा ने आरोप लगाया कि खाद की किल्लत और कालाबाजारी प्रशासन की मिलीभगत से हो रही है। उनका कहना है कि अगर सरकार सख्त कार्रवाई करती, तो कृषि विभाग और सोसायटी खाद की उचित आपूर्ति सुनिश्चित कर सकते थे। सरकार की नीतियों पर सवाल: विधायक ने सरकार की नीतियों पर सवाल उठाया और खाद की किल्लत के कारण किसानों की कठिनाइयों पर चिंता व्यक्त की। उनका मानना है कि प्रशासन की लापरवाही के कारण किसानों को इस संकट का सामना करना पड़ रहा है। |
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प्रशासनिक मिलीभगत पर सवाल
डॉ. हीरालाल अलावा ने कहा कि यह सब प्रशासन की मिलीभगत से हो रहा है। उनका मानना है कि अगर सरकार सख्त कार्रवाई करती, तो कृषि विभाग और सोसायटी खाद की उचित आपूर्ति सुनिश्चित कर सकते थे। लेकिन प्रशासन की लापरवाही के कारण किसानों को भारी कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है।
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किसानों का भविष्य संकट में
यह खाद संकट किसानों के लिए बड़ी समस्या बन चुका है और प्रदेश की कृषि अर्थव्यवस्था के लिए खतरनाक साबित हो सकता है। अगर जल्द ही इस मुद्दे का समाधान नहीं हुआ, तो कृषि उत्पादन प्रभावित होगा और प्रदेश में खाद्यान्न संकट उत्पन्न हो सकता है।
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