महापौर के बेटे के भाषण विवाद पर कांग्रेस सांसद विवेक तन्खा ने अपनी ही पार्टी के नेताओं को दिखाया आईना

इंदौर नगर निगम महापौर पुष्यमित्र भार्गव के बेटे संघमित्र भार्गव द्वारा 4 सितंबर को दिए गए भाषण में मोदी सरकार पर हमला किया गया। इस दौरान मंच पर सीएम डॉ. मोहन यादव, स्पीकर नरेंद्र तोमर, और अन्य बीजेपी नेता मौजूद थे।

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Sanjay Gupta
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बाएं से दाएं की ओर-उमंग सिंघार, जीतू पटवारी, विवेक तन्खा और दिग्विजय सिंह Photograph: (thesootr)

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इंदौर नगर निगम महापौर पुष्यमित्र भार्गव के बेटे संघमित्र भार्गव के सीएम डॉ. मोहन यादव, स्पीकर नरेंद्र तोमर सहित अन्य बीजेपी नेताओं की उपस्थिति में दिए गए भाषण विवाद में अब नया मोड़ आया है। इस मामले में जहां कांग्रेस लगातार भाषण के बहाने बीजेपी पर हमलावर हो रही थी, वहीं अब कांग्रेस सांसद और पूर्व महाधिवक्ता विवेक तन्खा ने बीजेपी मंत्री कैलाश विजयवर्गीय और महापौर भार्गव को टैग करते हुए अपनी ही पार्टी को आईना दिखा दिया है। 

क्या हुआ है विवाद

स्वर्गीय निर्भय सिंह पटेल की स्मृति में हुए वाद-विवाद प्रतियोगिता के दौरान 4 सिंतबर को यूनिवर्सिटी के आडीटोरियम में आयोजन हुआ। इसमें प्रथम पुरस्कर प्राप्त संघमित्र ने भाषण दिया और विपक्ष के वक्ता के तौर पर दिए गए विषय पर बोलते हुए केंद्र की मोदी सरकार पर हमला बोला। इस दौरान मंच पर सीएम डॉ. मोहन यादव, स्पीकर नरेंद्र तोमर, महापौर के साथ ही सभी बीजेपी नेता बैठे थे। तब सीएम से महापौर ने कहा भी बेटे को मैंने नहीं सिखाया और इस पर सीएम ने कहा कि मैंने तो कुछ कहा ही नहीं है, एक कहावत है चोर की दाढ़ी में तिनका। लेकिन इसके बाद कांग्रेस ने संघमित्र के वीडियो टिव्ट कर उन्हें शाबाशी देने के बहाने बीजेपी सरकार को जमकर घेरा। 

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विवेक तन्खा ने यह बोला

संघमित्र एक टैलेंटेड स्टूडेंट है। बात - विवाद प्रतियोगिता में पक्ष अच्छे से रखना प्रशंसनीय कला है। लॉ कॉलेज में मूट कोर्ट्स में छात्र एवं छात्राएँ पक्ष एवं विपक्ष भिन्न विषयों में बहखूबी से रखते हैं। वे प्रशंसा के पात्र होते है, ट्रोल का नहीं। बच्चो का मनो बल बढ़ाइये, गिराइए मत।

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दिग्गी, कांग्रेस, जीतू और उमंग, चिब क्या बोले

पूर्व सीएम दिग्वजिय सिंह

मैं तो जानता भी नहीं था कि वह महापौर के सुपुत्र है। लेकिन उनके भाषण की शैली प्रभावशाली थी और उनकी तारीफ करना कोई राजनीति नहीं था। उन्होंने काफी प्रभावी तरीके से अपनी बात रखी और जो उन्होंने जो कहा और तथ्य़ रखे मैं उन दोनों से सहमत हूं। 

जीतू पटवारी प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष

बच्चे मन के सच्चे। इसके साथ ही उन्होंने संघमित्र का भाषण टिव्ट किया और वीडियो पर लिखा है- इंदौर के महापौर पुत्र ने मोदी सरकार की बधिया उधेड़ी

उमंग सिंघार नेता प्रतिपक्ष ने यह लिखा

भाजपा में कई ऐसे लोग हैं जो सच जानते हुए भी चुप रहते हैं। मैं उनसे कहना चाहता हूँ बालक संघमित्र भार्गव से सीखें और जनता की आवाज बनें। मैं उनके इस साहस की सराहना करता हूँ और विश्वास करता हूँ कि आगे भी वे इसी तरह सरकार को आईना दिखाते रहेंगे।.@advpushyamitra @BJP4MP @CMMadhyaPradesh

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कांग्रेस ने टिव्टर एकाउंट पर यह लिखा

सीएम मोहन यादव की उपस्थिति में सरकार और सत्ता के बड़े चेहरों के सामने #इंदौर महापौर पुत्र ने #मोदी_सरकार की कलई खोल कर रख दी और दिलेरी से केंद्र सरकार की बखिया उधेड़ी

उदय भानु चिब, यूथ कांग्रेस राष्ट्रीय अध्यक्ष

इंदौर के एक मंच पर मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री से लेकर बड़े-बड़े मंत्री बैठे थे, लेकिन उसके बाद जो हुआ वो देखने लायक था... इस बेबाक युवा ने मोदी सरकार की धज्जियां उड़ा दी

महापौर ने इस तरह दिया कांग्रेस और दिग्गी को जवाब

महापौर ने दिग्विजय सिंह के बयान और तारीफ पर कहा कि - दिग्विजय सिंह की बधाई में क्या छिपा है, यह समझने की बात है। उन्होंने आगे कहा कि आजकल कई वाद-विवाद प्रतियोगिताएं होती है। इसमें कोई मंत्री की भूमिका में विभाग के काम बताता है तो कुछ अन्य भूमिका के तौर पर बात रखते हैं। दूसरे छात्रों की तरह ही मेरे सुपुत्र ने भी अपने दिए गए विषय के पक्ष में भी बात रखी और विपक्ष में भी रखी। लेकिन उन्होंने केवल विपक्ष वाला हिस्सा देखा।

वह कैसे देखते हैं यह उनका नजरिया है। उन्होंने प्रतियोगिता में अपना सर्वश्रेष्ठ दिया इसलिए आयोजकों ने उन्हें पुरस्कृत किया। कांग्रेस अब खेल और वाद-विवाद प्रतियोगिता को राजनीति का अड्डा बनाना चाहते हैं तो यह उनकी सोच, यह उनकी मानसिकता को दर्शाता है। कांग्रेस में ना आंतरिक लोकतंत्र है और ना ही उनकी इस पर आस्था है। मेरा पुत्र नेता बने या नहीं बने, लेकिन अच्छा नागरिक बनेगा इसका विश्वास है। 

मंत्री कैलाश विजयवर्गीय बोले राजनीतिक मोहरा बनाया जा रहा

उधर मंत्री कैलाश विजयवर्गीय ने भी इसमें अपने टिव्टर हैंडल पर लंबी बात रखी है। उन्होंने कहा कि - आज हृदय व्यथित है, इंदौर महापौर श्री @advpushyamitra जी के सुपुत्र संघमित्र को वाद-विवाद प्रतियोगिता के एक सामान्य वक्तव्य पर राजनीतिक मोहरा बनाना न केवल निंदनीय है, बल्कि अमानवीय भी प्रतीत होता है। वाद-विवाद प्रतियोगिता का मूल ही यही है कि कुछ प्रतिभागी पक्ष रखते हैं तो कुछ विपक्ष।

संघमित्र ने वहां विपक्ष की भूमिका निभाते हुए अपनी वाक्-कला का परिचय दिया। यह ठीक वैसा ही है जैसे रंगमंच पर कोई अभिनेता कभी नायक तो कभी खलनायक का अभिनय करता है। जैसे मेरे प्रिय मित्र आशुतोष राणा जी इंदौर  कल आयोजित होने वाले “हमारे राम” नाटक में रावण की भूमिका निभा रहे हैं। क्या इससे वे सचमुच रावण हो गए? नहीं, यह तो केवल कला की अभिव्यक्ति है। दुःख की बात यह है कि संघमित्र को केवल इस वजह से ट्रोल किया जा रहा है क्योंकि वे इंदौर के मेयर पुष्यमित्र जी के पुत्र हैं।

यह आलोचना एक उज्ज्वल भविष्य की ओर अग्रसर युवा की प्रतिभा और आत्मविश्वास को तोड़ने का प्रयास है। यह व्यवहार न केवल अन्यायपूर्ण है बल्कि हमारे समाज की सोच पर भी गहरा प्रश्नचिह्न खड़ा करता है। कितना खेदजनक है कि राजनीति इतनी नीचे गिर जाए कि बच्चों की मासूम प्रतिभा भी उसकी भेंट चढ़ जाए। मध्यप्रदेश की राजनीति का इस स्तर तक गिरना वास्तव में चिंताजनक है। मैं हृदय से मा. मुख्यमंत्री डॉ @DrMohanYadav51 जी का आभारी हूँ, जिन्होंने संघमित्र की वाकपटुता को न सिर्फ सराहा बल्कि कुछ सुझाव भी दिए। उनका यह कदम न केवल प्रोत्साहन है, बल्कि यह भी संदेश देता है कि सच्ची प्रतिभा को राजनीति के तराजू में नहीं तोला जाना चाहिए।

सीएम के लाइव भाषण से हटाया गया

मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने आयोजन के दौरान मंच से कहा कि इस तरह की वाद-विवाद प्रतियोगिताओं से नई पीढ़ी के अच्छे वक्ता सामने आते हैं। उधर संघमित्र के भाषण को लाइव स्ट्रिमिंग से हटा दिया गया है। वहीं इस भाषण के बाद महापौर मंच से कहा कि कि मैंने उसे तैयारी नहीं कराई है। इस पर मुख्यमंत्री ने मंच से ही कहा कि आप क्यों अपने पर ले रहे हो। मैं आपको देखकर नहीं बोल रहा हूं, लेकिन एक मुहावरा बड़ा गलत चलता है कि चोर की दाढ़ी में तिनका। मैं यह आपके लिए नहीं कह रहा हूं।

मंच से महापौर के बेटे ने केंद्र की मोदी सरकार को ऐसे घेरा था

संघमित्र ने कहा कि- महोदय बुलेट ट्रेन का वादा हुआ था। कहा गया था कि 2022 तक अहमदाबाद से मुंबई तक सरसराते हुए ट्रेन जाएगी, लेकिन 2025 तक आ गया लेकिन बुलेट ट्रेन तो नहीं पर वादाखिलाफी की रफ्तार जरूर दौड़ रही है। महोदय, करोड़ों रुपए खर्च हो गए, जमीन अधिग्रहण में घोटाले हो गए लेकिन बुलेट ट्रेन पावर प्वाइंट प्रेजेंटेशन से बाहर नहीं आ पा रही है।

महोदय  सरकार कहती है कि कवच टेक्निक से रेल हादसे खत्म हो जाएंगे, लेकिन बात बता दूं दस साल में 20 हजार लोगों ने रेल हादसे में जान गंवाई है। क्योंकि जब रेल के डिब्बे टूटते हैं तो तब एक मां की गोद भी सूनी हो जाती है, किसी बच्चे का भविष्य अंधकार में चला जाता है।

स्टेशन रिडेवलपमेंट की बात होती है, बोलते हैं 400 स्टेशन एयरपोर्ट जैसे बनाएंगे, बनते कितने हैं 20, वहां भी पर जनता कहती है कि चमकते बोर्ड तो हैं लेकिन पीने का पानी मंहगा है। भीड़ की भीड़ वही है। सीएजी की रिपोर्ट बताती है कि सवा लाख करोड़ रुपए जो जनता का पैसा स्टेशन बनाने के लिए स्वीकृत हुआ 80 फीसदी काम बचा है। कैटरिंग का निवेश एक ही कंपनी को दे दिया है। सरकार कहती है कि सबका साथ होगा सबका विकास होगा। लेकिन रेल में हो रहा है, दलाल का साथ, विशेष का विकास और जनता का विनाश।

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आयोजक बोले कांग्रेस राजनीतिकरण कर रही

वहीं दादा निर्भय सिंह  पटेल स्मृति वाद विवाद प्रतियोगिता के आयोजक व देपालपुर विधायक मनोज पटेल के पुत्र नीरल पटेल ने कहा कि- प्रतियोगिता का उद्देश्य छात्रों की वाणी-कला, विचार शक्ति और राष्ट्रीय चुनौतियों पर उनकी समझ को विकसित करना था। आयोजन में छात्रों को विभिन्न मंत्रालयों जैसे रेल, खेल, कृषि आदि में से चयन कर पक्ष और विपक्ष में अपने विचार प्रस्तुत करने का अवसर दिया गया। यह केवल एक अकादमिक अभ्यास था, जिसमें प्रतिभागी संघमित्रा भार्गव द्वारा रखा गया पक्ष नितांत रूप से छात्र की सोच और प्रस्तुति का हिस्सा था।

दुर्भाग्यपूर्ण है कि कांग्रेस पार्टी इस शैक्षणिक कार्यक्रम का राजनीतिकरण कर रही है। विशेषकर कांग्रेस के वरिष्ठ नेता दिग्विजय सिंह जी ने सोशल मीडिया पर इस प्रसंग को बढ़ा-चढ़ाकर प्रस्तुत किया, जो विद्यार्थियों के उत्साह को तोड़ने और उनकी अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता को दबाने का प्रयास है। मैं स्पष्ट कहना चाहता हूँ कि यह पूरा आयोजन छात्रों के लिए था और इसका राजनीति से कोई संबंध नहीं है। कांग्रेस नेताओं से मेरा निवेदन है कि वे बेवजह की कंट्रोवर्सी खड़ी करने की बजाय समाज और जनता के बीच रचनात्मक कार्य करें।

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