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JABALPUR. चेतना महासम्मेलन में संविधान की किताब फाड़ने और धर्म विरोधी किताबें बेचने का विवाद बढ़ा। यह अब राजनीतिक रूप ले चुका है। रविवार को मानस भवन में बजरंग दल कार्यकर्ताओं की पिटाई हुई।
मंगलवार को बजरंग दल ने पुलिस कंट्रोल रूम के बाहर हमलाकर विरोध किया। बुधवार को कांग्रेस ने सरकार और भाजपा को घेरा। भाजपा के नगर अध्यक्ष रत्नेश सोनकर ने प्रदर्शन को सुनियोजित बताया। भाजपा ने कांग्रेस विधायक पर मामले को झूठा मोड़ने का आरोप लगाया।
गुलाब-संविधान लेकर भाजपा ऑफिस पहुंचे कांग्रेसी
आज बुधवार 26 नवंबर को कांग्रेस कार्यकर्ता रानीताल स्थित भाजपा कार्यालय पहुंचे। उनके हाथों में गुलाब और संविधान की प्रतियां थीं। कांग्रेस का कहना था कि वे संविधान दिवस के मौके पर भाजपा को संविधान की प्रति भेंट करने आए थे। लेकिन भाजपा कार्यालय से पहले ही पुलिस ने बैरिकेड लगाकर कांग्रेसियों को रोक दिया। इसके चलते वहां जमकर नारेबाजी शुरू हो गई। देर तक कांग्रेस कार्यकर्ता संविधान बचाओ के नारे लगाते रहे।
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एक घंटे इंतजार किया, भाजपा अध्यक्ष नहीं आए
कांग्रेस नगर अध्यक्ष सौरभ नाटी शर्मा ने कहा कि हम सम्मानपूर्वक संविधान की प्रति भेंट करने आए थे। लेकिन पुलिस ने रोक दिया। एक घंटे इंतजार किया, लेकिन भाजपा जिला अध्यक्ष रत्नेश सोनकर नहीं आए। यह साफ है कि भाजपा संविधान को मानती ही नहीं। उन्होंने आरोप लगाया कि भाजपा संविधान के अनुरूप नहीं चलती। इसलिए देश में अराजकता फैली है। अब हम संविधान की प्रति बाबा साहब अंबेडकर की प्रतिमा के सामने वाचन करेंगे।
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पहले खुद संविधान पढ़े कांग्रेसी
इस मामले में जबलपुर बीजेपी नगर अध्यक्ष रत्नेश सोनकर ने कांग्रेस विधायक को कटघरे में खड़ा कर दिया है। उन्होंने कहा कि इस सम्मेलन में ऐसे लोग शामिल थे जो राष्ट्र विरोधी गतिविधियां कर रहे थे। सच्ची रामायण किताब दिखाकर आरोप लगाए गए और कहा गया कि यह किताबें सम्मेलन में बांटी जा रही थीं। कांग्रेस के दो विधायक और कार्यकर्ता बड़ी संख्या में शामिल थे। आरोप लगाया गया कि धर्म विरोधी किताबों के मामले को संविधान की प्रति फाड़ने का मामला बनाया गया। भाजपा ने कहा कि कांग्रेसी पहले संविधान पढ़ लें।
जनचेतना सम्मेलन से शुरू हुआ था विवाद
इस पूरे मामले की शुरुआत मानस भवन में आयोजित जन चेतना महासम्मेलन से हुई थी। हिंदू संगठनों पर संविधान की किताब फाड़ने और कार्यक्रम में उपद्रव करने का आरोप लगा। इसके बाद भीड़ ने मंच पर हंगामा करने आए युवकों की पिटाई कर दी। विश्व हिंदू परिषद और बजरंग दल ने आयोजन में धर्म विरोधी किताबें बेचने का आरोप लगाया।
क्या है पूरा मामला
बजरंग दल के कार्यकर्ताओं ने धर्म विरोधी किताबें बेचने का आरोप लगाते हुए विरोधी पक्ष पर FIR दर्ज करवाई थी। इसके बाद मंगलवार 25 नवंबर को घटनाक्रम और उग्र हो गया। एसटी, एससी, ओबीसी संघ, अजाक्स और बहुजन समाज के लोग पुलिस कंट्रोल रूम ज्ञापन देने पहुंचे। इस दौरान बजरंग दल के कार्यकर्ता भी वहां आ गए।
सूचना मिलते ही हिंदू संगठन लाठियों के साथ पहुंच गए। महिला प्रकोष्ठ की कार्यकर्ता भी साथ थीं। उन्होंने विरोधी पक्ष पर हमला किया। कई लोग जान बचाने के लिए पुलिस कंट्रोल रूम में छुप गए। पुलिस ने भारी बल तैनात कर स्थिति काबू की। SC-ST-OBC संगठनों ने आरोप लगाया कि सरकार हिंदू संगठनों को संरक्षण दे रही है। वंचित वर्ग की आवाज दबाई जा रही है।
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राजनीतिक टकराव चरम पर
चेतना सम्मेलन विवाद, पिटाई और पुलिस कंट्रोल रूम पर हमला हुआ। अब कांग्रेस और भाजपा ने एक दूसरे पर आरोप लगाए हैं। कांग्रेस इसे संविधान बनाम सत्ता के रूप में देख रही है। भाजपा ने कांग्रेस विधायक पर आरोप लगाते हुए संविधान पढ़ने की नसीहत दी। पुलिस पूरे मामले को लेकर सतर्क है।
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