चैतन्य बघेल की रिमांड फिर बढ़ी; 10 दिसंबर तक रहेंगे जेल में, 16 करोड़ की अवैध कमाई का आरोप

छत्तीसगढ़ के शराब घोटाला मामले में पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के बेटे चैतन्य बघेल की रिमांड 10 दिसंबर तक बढ़ा दी गई। वहीं EOW ने 7,000 पन्नों का 6वां पूरक चालान कोर्ट में दाखिल किया है।

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Harrison Masih
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Raipur. छत्तीसगढ़ के बहुचर्चित ₹3200 करोड़ से अधिक के कथित शराब घोटाला मामले में आज दो बड़ी कार्रवाई हुई हैं। पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के बेटे चैतन्य बघेल को कोर्ट में पेश किया गया, जहां उनकी न्यायिक रिमांड अवधि 14 दिन के लिए बढ़ा दी गई है। इसके साथ ही, जांच एजेंसी EOW (आर्थिक अपराध अन्वेषण ब्यूरो) ने 6 अन्य आरोपियों के खिलाफ 7 हजार पन्नों का 6वां पूरक चालान कोर्ट में पेश किया है।

चैतन्य बघेल 10 दिसंबर तक जेल में

शराब घोटाला और मनी लॉन्ड्रिंग के मामले में गिरफ्तार चैतन्य बघेल को आज विशेष कोर्ट में पेश किया गया। कोर्ट ने उनकी न्यायिक रिमांड को फिर से बढ़ाकर 10 दिसंबर तक कर दिया है। ईडी (ED) ने चैतन्य बघेल को उनके जन्मदिन (18 जुलाई) के दिन धन शोधन निवारण अधिनियम (PMLA), 2002 के तहत गिरफ्तार किया था, और तब से वह लगातार जेल में हैं। 

ईडी की जांच में खुलासा हुआ है कि चैतन्य बघेल को शराब घोटाले से ₹16.70 करोड़ की अवैध कमाई (प्रोसीड्स ऑफ क्राइम) मिली, जिसका इस्तेमाल उन्होंने अपनी रियल एस्टेट फर्मों में किया। उन्होंने इस राशि को नकद भुगतान और फर्जी लेनदेन के जरिए अपने 'विठ्ठलपुरम प्रोजेक्ट' में लगाया।

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EOW का 6वां पूरक चालान: 7 हजार पन्नों का पुलिंदा

ईडी की FIR और जांच के आधार पर EOW ने अपनी कार्रवाई तेज करते हुए 6 अन्य आरोपियों के खिलाफ 7,000 पन्नों का एक विस्तृत पूरक चालान ACB/EOW विशेष कोर्ट में पेश किया है। जिन 6 आरोपियों के खिलाफ चालान पेश किया गया है, उनमें शामिल हैं:

  • निरंजन दास: पूर्व आबकारी आयुक्त
  • अतुल सिंह
  • मुकेश मनचंदा
  • नितेश पुरोहित
  • यश पुरोहित
  • दीपेंद्र चावड़ा

EOW का यह कदम मामले को निष्पक्ष और निर्णायक रूप से आगे बढ़ाने की दिशा में एक अहम कड़ी माना जा रहा है।

क्या है शराब घोटाला?

यह घोटाला तत्कालीन भूपेश बघेल सरकार (2019-2023) के कार्यकाल में हुआ था, जहां शराब नीति में बदलाव करके नकली होलोग्राम का इस्तेमाल किया गया। इससे बिना एक्साइज टैक्स दिए शराब की बिक्री होती रही, जिससे सरकारी खजाने को ₹2,500 करोड़ (ईडी के अनुसार) से अधिक का नुकसान हुआ।

ईडी की जांच में यह सामने आया कि IAS अफसर अनिल टुटेजा, आबकारी विभाग के एमडी AP त्रिपाठी और कारोबारी अनवर ढेबर के सिंडिकेट के जरिए इस घोटाले को अंजाम दिया गया।

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पहले से गिरफ्त में बड़े चेहरे

इस मामले में चैतन्य बघेल के अलावा कई अन्य हाई-प्रोफाइल आरोपी पहले से ही न्यायिक हिरासत में हैं, जिनमें शामिल हैं:

  • अनिल टुटेजा: पूर्व आईएएस अधिकारी
  • अनवर ढेबर: प्रमुख कारोबारी
  • अरुण पति त्रिपाठी: आबकारी विभाग के एमडी (ITS)
  • कवासी लखमा: पूर्व मंत्री (वर्तमान विधायक)
  • अरविंद सिंह, त्रिलोक सिंह ढिल्लों

EOW और ED दोनों एजेंसियां मिलकर इस मामले की विस्तृत जांच जारी रखे हुए हैं।

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