संजय जैसवानी के साथ पिंटू भाटिया, एके सिंह के बीच में गहराया विवाद

मंत्री के करीबी माने जाने वाले कन्फेक्शनरी कारोबारी संजय जैसवानी और शराब कारोबारी पिंटू भाटिया, एके सिंह में विवाद गहरा गया है। इस मामले में नोटिस भी जारी किया गया है। यह नोटिस कंपनी एक्ट के उल्लंघन का बताया जा रहा है।

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Sanjay gupta
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इंदौर पुलिस
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INDORE. मंत्री के करीबी और हाल ही में लगातार विवादों में चल रहे कनफेक्शनरी कारोबारी संजय जैसवानी का एक और हाईप्रोफाइल विवाद सामने आया है। जैसवानी का उनके पार्टनर व शराब कारोबारी हरमिंदर सिंह उर्फ पिंटू भाटिया और अरविंद कुमार सिंह यानी एके सिंह के बीच शेयर को लेकर लड़ाई शुरू हो गई है। इस बात को लेकर एके सिंह, पिंटू भाटिया व अन्य लोगों ने जैसवानी के केम्को ग्रुप व अन्य को नोटिस जारी किया है।

किन्हें जारी हुआ नोटिस और किसने दिया

यह नोटिस पिंटू भाटिया, उनकी पत्नी गुरवीन कौर भाटिया, बेटे जयविंदर सिंह भाटिया, एके सिंह, ब्रजेश कुमार और अरविंद कुमार सिंह यानी एके सिंह के साथ ही इनकोर्ड कोमोसेल्स प्रालि व स्टार विनकॉम प्रालि कंपनी की ओर से दिया गया है। नोटिस खालसा न्यूट्रिशंस इंडिया प्रालि के बोर्ड ऑफ डायरेक्टर्स को दिया गया है। बोर्ड में संजय जैसवानी के भाई विजय जैसवानी और दिनेश मनवानी डायरेक्टर पद पर हैं। इसमें पूर्व डायरेक्टर के रूप में पिंटू का बेटा जयविंदर सिंह भाटिया भी है। नोटिस की कॉपी दिनेश मनवानी, विजय जैसवानी, कंपनी सेक्रेटरी राकेश साहा और केम्को च्यू फूड प्रालि में भी गई है। 

शेयर लेकर कंपनी होल्डिंग बदलने का मामला

नोटिस में कहा गया है कि हमारे पास कंपनी में 19 लाख 59 हजार शेयर हैं, जो कुल शेयर का 40 फीसदी है। बोर्ड ऑफ डायरेक्टर ने फरवरी 2024 में प्रस्ताव पास कर केम्को च्यू फूड प्रालि कंपनी को 8 लाख 90 हजार शेयर (जिनकी कीमत 89.90 लाख रुपए है) को दे दिए। यह कंपनी एक्ट 62 के नियमों का उल्लंघन है। 

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क्या हैं नियम और इस नोटिस के मायने

दरअसल कंपनी जब शेयर बढ़ाती है तो पूंजी जुटाने के लिए बोर्ड में जो डायरेक्टर मौजूद है, उनके शेयर प्रतिशत भी बदल जाते हैं जो कंपनी से जुड़े हैं। इससे शेयर होल्डिंग कम होने से कंपनी पर उनका दखल कम हो जाता है। यानी एक तरह से कंपनी की होल्डिंग पिंटू भाटिया, एके सिंह व अन्य से कम करने की तकनीकी कोशिश है। कंपनी एक्ट के अनुसार जब भी कंपनी शेयर की संख्या बढ़ाएगी तो नियमानुसार उसे पहले से मौजूद पार्टनर को ऑफर देना होता है कि क्या वह शेयर लेना चाहते हैं औऱ् इसके लिए एक तय समय दिया जाता है और उन्हें सूचना दी जाती है। इस मामले में आरोप है कि जैसवानी ग्रुप ने ऐसा कुछ भी नहीं किया। इससे पिंटू और एके सिंह पर कंपनी पर दबदबा रखना मुश्किल होगा। उनकी होल्डिंग कम होने का मतलब है कि कंपनी पर पूरी तरह से जैसवानी ग्रुप का काबिज हो जाना। 

केम्को च्यू कंपनी में कौन है डायरेक्टर

केम्को च्यू कंपनी में करतार सिंह, गिरीश वाधवानी और अंशु डेंबला अभी डायरेक्टर हैं। पूर्व में विजय जैसवानी, संजय कलवानी, रंजन राय भी रह चुके हैं। इसी तरह एक केम्को कोरूगेशन प्रालि कंपनी भी है, जिसमें जयविंदर सिंह भाटिया के साथ संजय कलवानी, अरविंद कुमार सिंह यानी एके सिंह शामिल हैं। संजय जैसवानी का बेटा तरूण जैसवानी भी पूर्व में डायरेक्टर रह चुका है। 

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रश्यिन नागरिक के साथ भी यही हुआ

यही कहानी रश्यिन नागरिक गौरव अहलावत के साथ भी हुई है। उनके भी आरोप यही हैं कि जीआरवी बिस्किट में उनकी शेयर होल्डिंग 99 फीसदी थी। लेकिन जब उन्हें 11 सितंबर को बंधक बनाया गया तो उसी दौरान सीए निशिथ नाहर को भी बंधक बनाया गया। सीए के जरिए जैसवानी ने शेयर होल्डिंग बदलकर उनके 76 फीसदी शेयर ले लिए। वह 23 फीसदी पर आ गए, उनकी कंपनी तकनीकी तरीके से जैसवानी ग्रुप के पार शिफ्ट हो गई। अब यही मामला पिंटू भाटिया और एके सिंह ग्रुप के साथ खालास न्यूट्रिशन में होने की बात इस नोटिस से आ रही है।

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