संजय गुप्ता, INDORE. इंदौर शहर के स्कीम नंबर 140 पिपल्याहाना में एक आवासीय प्लॉट पर खुली शराब दुकान का विरोध (protest against liquor shop) तेज होता जा रहा है। इस एक शराब दुकान में सांसद से लेकर दो विधायक तक जुड़े हुए हैं। वहीं विरोध करने वाले भी हाईप्रोफाइल सोसायटी आनंदवन के लोग है, जहां कई अधिकारियों के फ्लैट मौजूद है। ये किस्सा है… एक शराब दुकान का… इसमें महू विधायक उषा ठाकुर (MLA Usha Thakur), सांसद शंकर लालवानी (MP Shankar Lalwani) और विधायक महेंद्र हार्डिया (MLA Mahendra Hardiya) इस तरह जुड़े हैं।
इस तरह है यह हाईप्रोफाइल शराब दुकान
विधायक उषा ठाकुर इस तरह लिंक
यह शराब दुकान स्कीम 140 में एक अप्रैल से ही खुली है। जिसमें लाइसेंसी सागर लखवानी है, जो जगदीश लखवानी का बेटा है। लखवानी शराब ठेकेदार एके सिंह और पिंटू भाटिया के साथ मिलकर शराब का कारोबार करता है। यह वहीं एके सिंह है जो हाल ही में शराब ठेकेदार सूरज रजक के साथ गुजरात की अवैध शराब लाइन विवाद को लेकर चर्चा में आए थे। क्योंकि रजक ने इस बार धार का शराब ठेका ले लिया जो अभी तक सिंह, भाटिया लेते थे। अब यह एके सिंह कौन है? एके सिंह महू विधायक और पूर्व मंत्री उषा ठाकुर का करीबी है। उन्हीं के नाम और संबंधों का फायदा उठाकर अपना कारोबार बढ़ाने में जुटा रहता है।
सांसद शंकर लालवानी इस तरह लिंक
अब इंदौर से बीजेपी सांसद शंकर लालवानी की बात, यह किस तरह इसमें जुड़े हैं। दरअसल, यह व्यावसायिक शराब दुकान लक्ष्मी हाउसिंग सोसायटी के आवासीय प्लॉट पर खुली है और यह प्लॉट दीपक चावला का जो लालवानी के रिश्तेदार होकर साले लगते हैं। इस आवासीय प्लॉट पर शराब दुकान खुल ही नहीं सकती है, लेकिन जहां दम वहां नियम। आबकारी विभाग ने दुकान खुलने दी।
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विधायक महेंद्र हार्डिया इस तरह लिंक
इस मामले में अब विधायक महेंद्र हार्डिया का लिकं पॉजीटिव भूमिका में हैं। यह उनकी विधानसभा इंदौर पांच में आती है। आनंदवन के साथ ही सोसायटी के लोग व रहवासी इस दुकान के खुलने से खासे परेशान है। शाम से ही शराबियों का जमावड़ा शुरू होता है जो देर रात तक चलता है। हार्डिया ने इसे लेकर इंदौर कलेक्टर आशीष सिंह (Indore Collector Ashish Singh) को पत्र लिखकर इसका विरोध किया है। उन्होंने लिखा है कि- मेरी विधानसभा में यह दुकान खुली है, यहां पर 30-40 कॉलोनियों में संभ्रांत लोग रहते हैं। इससे रहवासियों में भारी रोष है। असामाजिक तत्वों का डेरा लगा रहता है। रहवासी बड़े आंदोलन की तैयारी कर रहे हैं। ऐसे में जनप्रतिनिधि होने के नाते मुझे इसमें सम्मिलित होना होगा। इससे सरकार की छवि पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ेगा। इसलिए इसे शिफ्ट करने का आदेश प्रदान करें।
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आवासीय प्लॉट पर खुल ही नहीं सकती शराब दुकान
आवासीय प्लॉट पर किसी तरह का व्यावसायिक एक्टिविटी नहीं हो सकती है। नियमानुसार ही यह शराब दुकान गलत है। इसके पहले स्कीम 94 में रोबोट चौराहे पर भी कुछ साल पहले आवासीय प्लॉट पर शराब दुकान थी, जिसे लेकर रहवासियों ने नाराजगी जाहिर की और आईडीए की स्कीम होने के नाते तत्कालीन आईडीए सीईओ गौतम सिंह ने दुकान बंद करने का नोटिस दिया और फिर यह दुकान वहां से हटी। इस मामले में रहवासी विधायक के साथ ही महापौर, आबकारी विभाग, कलेक्टर सभी को विरोध पत्र दे आए हैं, लेकिन अभी भी ठेकेदार अपने राजनीतिक रसूख के चलते दुकान हटाने को तैयार नहीं है। जब शराब दुकान खुली थी तब भी एक अप्रैल को वहां जमकर विवाद हुआ था, क्योंकि शराब ठेकेदार ने अपने जोर पर आसपास के प्लॉट धारकों की भी बाउंड्रीवाल तोड़ दी थी और कब्जा कर लिया था, क्योंकि शराब पीने वाले वहां वाहन खड़े करके वहीं पर शराब पीने लगते हैं, क्योंकि अहाते अब बंद है। बाद में विवाद बड़ने के बाद ठेकेदार ने बाउंड्रीवाल तोड़ने का काम रोका था।
पूर्व जिला न्यायाधीश, IAS, IFS, SDM ने भी किया विरोध
इस शराब दुकान का विरोध आनंदवन सोसायटी भी कर रही है। इस सोसायटी ने भी संभागायुक्त को पत्र लिखा है। इस सोसायटी में पूर्व जिला न्यायाधीश सत्येंद्र जोशी अध्यक्ष है। हाईकोर्ट के वकील भरत विएट सचिव है, आईएफएस डॉ. पीसी दुबे और रिटायर आईएएस प्रभात पाराशर, एसडीएम प्रतुल सिन्हा परामर्शदाता है। इन सभी ने विरोध किया है।