INDORE : इंदौर श्री गुरुसिंघ सभा चुनाव में अब असल मुद्दा यह हो गया है कि आखिर में अमृतधारी सिख कौन है? किसे गुरुमुखी लिखना और पढ़ना आती है। श्री गुरुसिंघ सभा के बायलॉज में साफ लिखा है कि चुनाव लड़ने वाले के लिए अमृतधारी सिख होना चाहिए, जिसने अमृत चखा हो और उसे गुरमुखी पढ़ना लिखना आती है। अब दोनों ही पक्षों से अध्यक्ष के दावेदारों के खिलाफ इसे लेकर आपत्तियां लग गई है। द सूत्र ने पहले भी बताया था कि जो भी संगत की सेवा करने के लिए आ रहा तो उसे नियमों के तहत अमृतधारी सिख होना चाहिए और गुरमुखी आना चाहिए। दिल्ली में सिरसा केस में भी हाईकोर्ट ने गुरमुखी टेस्ट लेने का आदेश दिया और इसके बाद सिरसा फेल हुए और बाहर हुए।
रिंकू की उम्मीदवारी पर यह लगाई आपत्तियां
श्री गुरुसिंघ सभा के चुनाव में अध्यक्ष पद के प्रत्याशी मनजीत सिंह भाटिया उर्फ रिंकू भाटिया के अमृतधारी ना होने के आधार पर उन्हें चुनाव लड़ने से अयोग्य घोषित करने की मांग की गई है। इस पर चुनाव अधिकारी के समक्ष 11 सदस्यों के द्वारा अलग-अलग आपत्ति प्रस्तुत की गई। आरोप है कि भाटिया के द्वारा इस पद का उपयोग अपने शराब के कारोबार को बढ़ाने के लिए किया गया। इस दौरान रिंकू भाटिया के द्वारा सरकारी अधिकारी का अपहरण कर उसकी हत्या करने की भी कोशिश की गई। यह भी कहा गया कि इस सभा का प्रधान अमृतधारी होना चाहिए । जबकि रिंकू भाटिया अमृत धारी नहीं है। संस्था की नियमावली के अनुसार रिंकू भाटिया इस चुनाव को लड़ने से अयोग्य हैं। रिंकू भाटिया के द्वारा शराब और मांस मछली का सेवन किया जाता है। यह भी आरोप है कि वह एक साल के लिए चुने गए और 12 साल से पद पर है।
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इसके पहले मोनू के खिलाफ भी लगी यही आपत्तियां
इसके पहले खंडा पैनल के सदस्य जगजीत सिंह टूटेजा उर्फ सुग्गा ने भी चुनाव अधिकारी को आपत्ति लगाई थी और मोनू भाटिया के अमृतधारी सिख नहीं होने के आरोप लगाए थे। साथ ही आरोप थे कि वह गुटखा खाते हैं, रहत मर्यादा का पालन नहीं करते हैं, कैश की बेअदबी करते हैं। इसलिए उनके नामांकन को खारिज किया जाए। अब चुनाव अधिकारी इन आपत्तियों का निराकरण करेंगे। मोनू भाटिया के खिलाफ भी बलात्कार का मामला दर्ज किया गया था हालांकि मोनू भाटिया पर से कोर्ट ने बलात्कार के आरोप का खत्मा कर दिया है।
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इन्होंने जताई आपत्ति
यह आपत्ती लगाने वालों में अमरजीत सिंह भाटिया, भूपेंद्र सिंह छाबड़ा , गुरमीत सिंह चड्ढा, हरजीत सिंह भाटिया, हरमीत सिंह टुटेजा , मनजीत सिंह भाटिया, राजा गांधी, राजा सलूजा, रविंद्र सिंह सोनू बग्गा, सतबीर भाटिया और सतपाल सिंह सैनी शामिल हैं।