मूंग खरीदी में 20 करोड़ का फर्जीवाड़ा, 22 हजार क्विंटल हुई रिजेक्ट

सागर में मूंग की खरीदी में बड़ी अनियमितताओं का खुलासा हुआ है। यहां 22 समितियों की 22 हजार 520 क्विंटल मूंग को अमानक घोषित कर दिया गया है, जिसकी कीमत लगभग 20 करोड़ रुपए से अधिक है।

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Deeksha Nandini Mehra
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मूंग खरीदी में फर्जीवाड़ा
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Moong Purchase Fraud in Sagar : मध्य प्रदेश के सागर जिले में ग्रीष्मकालीन मूंग की खरीदी ( Moong Purchase ) में गंभीर अनियमितताओं का खुलासा हुआ है। सहकारी समितियों ने समर्थन मूल्य ( Support price ) पर मूंग खरीदने में जमकर फर्जीवाड़ा (Fraud ) किया है।

सर्वेयर की मिलीभगत से हजारों क्विंटल कचरा माल खरीदने के बाद अब इसे वेयरहाउस में पहुंचाने में परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। इस फर्जीवाड़े की पुष्टि जिला विपणन विभाग द्वारा तैयार किए गए डाटा से हुई है।

प्रारंभिक जांच में जिले की 38 में से 22 समितियों की 22,520 क्विंटल मूंग को अमानक घोषित कर दिया गया है, जिसकी कीमत 19.27 करोड़ रुपए से अधिक है।

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कृषि खरीदी में गड़बड़ी: 50% मूंग अमानक

जिले में मूंग खरीदी के लिए 41 समितियों का चयन किया गया था, लेकिन तीन समितियों ने खरीदी नहीं की। जिन 38 समितियों ने खरीदारी की, उनमें से कई ने फर्जी बिल और अन्य अनियमितताओं का सहारा लिया। अब यह तथ्य सामने आया है कि खरीदी गई मूंग में से 50% अमानक है।

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सागर में मूंग खरीदी में फर्जीवाड़ा

10332 किसानों से की गई खरीदी

सरकार ने ग्रीष्मकालीन मूंग का समर्थन मूल्य 8558 रुपए प्रति क्विंटल तय किया था। इस मूल्य पर जिले के 16,089 किसानों ने पंजीकरण कराया था, जिनमें से 10,332 किसानों से 1,97,196 क्विंटल मूंग खरीदी गई थी।

हालांकि, जांच के बाद 22,520 क्विंटल मूंग को रिजेक्ट कर दिया गया है। खरीदी की प्रक्रिया 5 अगस्त को समाप्त हो चुकी है, लेकिन रिजेक्ट हुई मूंग की ग्रेडिंग अभी भी चल रही है।

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ग्रेडिंग और पूर्ति की आवश्यकता

इधर जिला विपणन अधिकारी राखी रघुवंशी का कहना है कि जिन समितियों की मूंग रिजेक्ट की गई है, उन्हें ग्रेडिंग करने का मौका दिया गया है ताकि किसानों को भुगतान में कोई समस्या न आए। समितियों को अमानक माल की पूर्ति करनी होगी, जिससे किसानों के भुगतान में कोई बाधा उत्पन्न न हो।

रिजेक्ट मूंग वाली 10 समितियां

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