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छिंदवाड़ा में खांसी की सिरप पीने से बच्चों की मौत हो गई थी। अब इस मामले में प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने कड़ी कार्रवाई शुरू कर दी है। ED ने श्रीसन फार्मास्युटिकल्स के मालिक गोविंदन रंगनाथन की 2.04 करोड़ रुपए से ज्यादा की संपत्ति जब्त कर ली है। यह कार्रवाई MP और चेन्नई पुलिस की एफआईआर के आधार पर की गई है।
दो फ्लैट्स कुर्क
ED ने चेन्नई के कोडंबक्कम में जी. रंगनाथन और उनके परिवार के दो फ्लैट्स कुर्क किए हैं। यह कार्रवाई पीएमएलए 2002 के तहत 2 दिसंबर को अस्थायी रूप से की गई है। यह जांच छिंदवाड़ा में दर्ज एफआईआर के आधार पर की गई है। एफआईआर में मिलावटी कफ सिरप बनाने और बेचने का आरोप है।
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जहरीले कफ सिरप से हुई थी बच्चों की मौत
एफआईआर में आरोप है कि श्रीसन फार्मास्युटिकल्स के कोल्ड्रिफ कफ सिरप में जहरीले ग्लाइकोल थे। इन जहरीले उत्पादों के सेवन से बच्चों में किडनी फेल होने की घटनाएं सामने आई थीं। वहीं, कथित तौर पर इस सिरप के कारण 20 से अधिक बच्चों की मौत हो चुकी है।
कफ सिरप मामले में ED की बड़ी कार्रवाई की खबर...
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प्रयोगशाला के नतीजो ने खोला बड़ा राज
ED के मुताबिक, लैब के नतीजों में डाईएथिलीन ग्लाइकोल (DEG) और एथिलीन ग्लाइकोल (EG) की बहुत ज्यादा मात्रा पाई गई थी। DEG 48.6% और EG 46.28% थे, जो कि सुरक्षित सीमा से बहुत ऊपर थे। इसके कारण बच्चों में जहर फैलने की घटनाएं हुईं। यह सिरप सुरक्षा मानकों से काफी नीचे था।
दवाओं को बनाने में हुई थी मिलावटखोरी
इस मामले में भ्रष्टाचार के आरोप भी सामने आए हैं। ED की जांच में पता चला कि श्रीसन फार्मास्युटिकल्स ने दवाइयां बनाने के लिए फार्मा ग्रेड की जगह उद्योग ग्रेड कच्चे माल का इस्तेमाल किया था। इस कच्चे माल की गुणवत्ता की कोई जांच नहीं कराई गई थी। इसके अलावा, अधिकारियों ने बिना बिल के नकद में कच्चे माल खरीदे, ताकि कोई रिकॉर्ड न बने।
ED ने की सर्चिंग कर जब्त किए कई अहम सबूत
ED ने श्रीसन फार्मास्युटिकल के मालिक, ड्रग कंट्रोल अधिकारियों और अन्य लोगों के 10 स्थानों पर सर्चिंग की थी। सर्चिंग में कई अहम सबूत जब्त किए गए हैं। ये सबूत वित्तीय लेन-देन और दवा बनाने में मिलावटीखोरी से जुड़े हैं।
रद्द हो चुका दवा कंपनी का लाइसेंस
जांच के बाद, तमिलनाडु और मध्य प्रदेश के औषधि नियंत्रण अधिकारियों ने यह पुष्टि की कि कफ सिरप में DEG मिलाया गया था। इसके बाद कई राज्यों ने इस सिरप के वितरण पर रोक लगा दी है। अपने औषधि नियंत्रण अधिकारियों को भी सतर्क कर दिया है। इसके अलावा, तमिलनाडु के अधिकारियों ने श्रेसन फार्मास्युटिकल्स का लाइसेंस रद्द कर दिया है और कंपनी को बंद कर दिया है।
क्या है कफ सिरप कांड?
छिंदवाड़ा समेत मध्यप्रदेश के कई जिलों में बीते कुछ महीनों से 20 से अधिक बच्चों की मौत हो गई थी। इसमें गंभीर बीमारियों और मौत के पीछे कफ सिरप को जिम्मेदार माना जा रहा है।
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