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Photograph: (THESOOTR)
भोपाल में मां की बनी मिठाई बेटे तक नहीं पहुंची। पिता ने कूरियर कंपनी के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई। पांच साल बाद कूरियर कंपनी को 23 हजार रुपये का जुर्माना हुआ। आयोग ने कूरियर सेवा की गलती माना। कंपनी ने खाद्य सामग्री भेजने के नियम नहीं बताए।
कस्टम क्लियरेंस न होने से पार्सल वापस भेजा
कंपनी ने मेल के जरिए बताया कि स्पेन में खाद्य पदार्थ भेजना प्रतिबंधित है। उन्होंने कहा कि कस्टम क्लियरेंस न होने की वजह से पार्सल वापस भेज दिया गया। कंपनी ने दावा किया कि ग्राहक ने जोखिम स्वीकार कर लिया था।
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उपभोक्ता आयोग का फैसला
उपभोक्ता आयोग ने कूरियर कंपनी को फटकार लगाई। आयोग ने कहा कि कंपनी ने जानबूझकर परिवार की भावनाओं को ठेस पहुंचाई। आयोग ने कूरियर कंपनी को 23 हजार रुपये का जुर्माना और मानसिक क्षतिपूर्ति राशि देने का आदेश दिया।
रवि श्रीवास्तव ने बताया कि 6400 रुपए कूरियर शुल्क था और सामग्री की कीमत लगभग 4000 रुपए थी। समय पर डिलीवरी न होने से परिवार को मानसिक पीड़ा हुई।
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FAQ- खबर से संबंधित सवाल
कूरियर कंपनी पर जुर्माना | पार्सल डिलीवरी | मध्यप्रदेश
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