मध्यप्रदेश पुलिस भर्ती परीक्षा में फर्जीवाड़ा सामने आया है। कई नवआरक्षकों ने परीक्षा में खुद की जगह दूसरों को बैठाया। उन्होंने आधार कार्ड में अपनी पहचान बाद में अपडेट की। पुलिस मुख्यालय ने दस्तावेज जांच में इस धोखे का पता लगाया। कई सॉल्वर और कियोस्क संचालकों को गिरफ्तार किया गया है। जांच पूरे प्रदेश में जारी है।
फर्जीवाड़े का तरीका
इन नवआरक्षकों ने परीक्षा में खुद की जगह किसी और को बैठाया। बाद में आधार में अपनी असली पहचान अपडेट कर ली, जिससे वे भर्ती प्रक्रिया में सफल हो गए। यह फर्जीवाड़ा पुलिस मुख्यालय द्वारा दस्तावेज जांच के दौरान पकड़ा गया।
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पुलिस मुख्यालय की जांच में चला पता
पुलिस मुख्यालय ने दस्तावेजों की जांच के दौरान बार-बार आधार में बदलाव के संकेत पाए। जांच में पता चला कि जिनके आधार फिंगरप्रिंट और फोटो थे, वे अभ्यर्थी नहीं बल्कि सॉल्वर थे। इसके बाद व्यापक जांच शुरू हुई और कई लोगों को गिरफ्तार किया गया।
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कोचिंग संचालकों और गिरोह की भूमिका
श्योपुर और मुरैना में पकड़े गए नवआरक्षकों के साथ-साथ उन सॉल्वरों और कियोस्क संचालकों को भी गिरफ्तार किया गया जो फर्जीवाड़ा करते थे। शिवपुरी के एक कोचिंग संचालक को भी संदिग्ध माना जा रहा है। पुलिस का मानना है कि यह फर्जीवाड़ा संगठित गिरोह की योजना का हिस्सा है।
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भर्ती प्रक्रिया में सुधार की आवश्यकता
इस मामले ने भर्ती प्रक्रिया में गंभीर कमजोरियों को उजागर किया है। भर्ती में पारदर्शिता और तकनीकी सुरक्षा के उपाय बढ़ाने की आवश्यकता है ताकि भविष्य में ऐसा फर्जीवाड़ा रोका जा सके।
मप्र पुलिस भर्ती | खुलासा | आधार कार्ड में हेरफेर | सॉल्वर बैठाकर एग्जाम
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