डबरा में डॉग टॉमी के नाम का आधार कार्ड वायरल, कलेक्टर ने दिए जांच के आदेश तो खुली पोल

डबरा के वायरल डॉग टॉमी के आधार कार्ड की सच्चाई सामने आई है। यह आधार कार्ड फर्जी था और सोशल मीडिया पर वायरल होने के बाद प्रशासन ने इसकी जांच की। कलेक्टर ने मामले की जांच के आदेश दिए है।

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Sandeep Kumar
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मध्य प्रदेश के ग्वालियर जिले के डबरा क्षेत्र में एक कुत्ते के आधार कार्ड की तस्वीर सोशल मीडिया पर जमकर वायरल हो रही थी। इस कुत्ते का नाम 'टॉमी' बताया गया था और उसे एक आधार कार्ड भी जारी किया गया था। आधार कार्ड में टॉमी का नाम "टॉमी जायसवाल" था और इसका पता "वार्ड नंबर 1, सिमरिया, ताल डबरा, ग्वालियर, मध्य प्रदेश" था। सोशल मीडिया पर यह कार्ड वायरल होने के बाद लोग इसे मजाक में ले रहे थे और इस पर अपनी प्रतिक्रियाएं दे रहे थे।

इस वायरल आधार कार्ड में टॉमी की जन्म तिथि "25/12/2010" भी लिखी हुई थी, जो पूरी तरह से वास्तविक आधार कार्ड की तरह दिख रहा था। इसके साथ ही आधार कार्ड पर "मेरा आधार मेरी पहचान" का स्लोगन भी था, जो भारतीय आधार कार्डों पर पाया जाता है।

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प्रशासन की कार्रवाई और जांच

सोशल मीडिया पर वायरल होने के बाद प्रशासन ने इस मामले की जांच शुरू की। ग्वालियर के कलेक्टर रुचिका चौहान ने मामले की गंभीरता को देखते हुए इसकी जांच का आदेश दिया। जांच में यह पाया गया कि यह आधार कार्ड पूरी तरह से फर्जी था और इसे किसी शरारती तत्व ने एडिट कर तैयार किया था। कलेक्टर ने अधिकारियों से कहा कि वे इस घटना के पीछे के शरारती तत्व की पहचान करें और उस पर उचित कार्रवाई करें।

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सामाजिक मीडिया पर प्रतिक्रियाएं

सोशल मीडिया पर इस वायरल कार्ड के बारे में तरह-तरह की प्रतिक्रियाएं दी जा रही थीं। एक यूजर ने लिखा, "टॉमी भैया तो छा गए, गजब है।" वहीं, दूसरे यूजर ने मजाक करते हुए कहा, "डॉगी के भाई-बहन कहां हैं?" और एक और यूजर ने टिप्पणी की, "ऐसा तो बस एमपी में ही हो सकता है।" इन प्रतिक्रियाओं से यह स्पष्ट हो गया कि लोग इस वायरल कार्ड को एक मजाक के रूप में ले रहे थे, लेकिन यह चिंता का विषय था कि कोई आधार कार्ड जैसे महत्वपूर्ण दस्तावेज को इस तरह से एडिट कर सकता है।

एडिटिंग पर कार्रवाई की मांग

इस फर्जी आधार कार्ड के वायरल होने के बाद लोग इस सवाल पर गंभीर चिंतन कर रहे थे कि क्या कोई भी आधार कार्ड इस तरह से एडिट किया जा सकता है? क्या इस प्रकार की एडिटिंग से किसी भी व्यक्ति का आधार कार्ड आसानी से तैयार किया जा सकता है? ऐसे सवालों के जवाब के लिए कलेक्टर ने इसकी जांच कराई और इसे फर्जी पाया।

अब प्रशासन ने उस व्यक्ति या समूह के खिलाफ कार्रवाई करने की योजना बनाई है, जिसने यह आधार कार्ड एडिट किया। अधिकारियों ने कहा है कि इस मामले की पूरी जांच की जाएगी और शरारती तत्वों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।

कलेक्टर ने दी जांच के आदेश

कलेक्टर रुचिका चौहान ने मामले की गंभीरता को समझते हुए अधिकारियों को तुरंत जांच के आदेश दिए थे। इसके साथ ही, कलेक्टर ने इस फर्जी आधार कार्ड की एडिटिंग के लिए जिम्मेदार व्यक्ति के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने की बात भी कही है।

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