इंदौर में डीएवीवी के एमबीए छात्रों की कॉपियां मोबाइल दुकान पर पड़ी मिली
एडवोकेट अभिजीत पांडे ने बताया कि उनको सूचना मिली थी कि एमबीए के फर्स्ट सेमेस्टर के छात्रों की परीक्षा की कॉपियाें के दो बंडल सुदामा नगर की मोबाइल रिपेयरिंग की दुकान पर पड़ें हैं।
इंदौर के देवी अहिल्या विश्वविद्यालय के एमबीए छात्रों की कॉपियां एक मोबाइल रिपेयरिंग की दुकान पर पड़ी मिलने से हड़कंप मच गया। यह वही कॉपियां हैं जिनमें कुछ दिन पूर्व ही हुई परीक्षा में छात्रों द्वारा लिखा गया था। उन्हें चेक भी कर लिया गया था। डीएवीवी के परीक्षा विभाग को जैसे ही यह जानकारी मिली तो उन्होंने तत्काल एक कमेटी बनाकर कॉपियों को जब्त करने के लिए दल भेज दिया था। मोबाइल दुकान से कॉपियों के दो बंडल जब्त हुए हैं।
गोपनीय कॉपियां खुलेआम पड़ी मिलीं
एडवोकेट अभिजीत पांडे ने बताया कि उनको सूचना मिली थी कि एमबीए के फर्स्ट सेमेस्टर के छात्रों की परीक्षा की कॉपियाें के दो बंडल सुदामा नगर की मोबाइल रिपेयरिंग की दुकान पर पड़ें हैं। इस पर उन्हाेंने परीक्षा नियंत्रण अशेष तिवारी को शिकायत की। उसके बाद परीक्षा विभाग ने एक टीम दुकान पर भेजी और उन कॉपियों को जब्त किया।
उन्होंने बताया कि एलएनसीटी कॉलेज की शिक्षिका सारिका जिंदल के परिचित की दुकान सुदामा नगर में मोबाइल रिपेयरिंग के नाम से है। सारिका को डीएवीवी के परीक्षा विभाग द्वारा सप्ताहभर पहले ये कॉपियां जांचने के लिए दी थीं। उसने उन कॉपियों को चेक किया और फिर उन्हें यूनिवर्सिटी में जमा करवाने के बजाए दुकान पर ही छोड़ दिया।
एग्जाम कंट्रोलर अशेष तिवारी का कहना है कि इस मामले में हमें जैसे ही सूचना मिली तो हमने ओएसडी को मौके पर भेजा और कॉपियां बुलवा लीं। कॉपियां पूरी तरह से सही सलामत मिली हैं। इसको लेकर जांच कमेटी गठित कर दी है। कमेटी पूरे मामले की जांच कर रही है। इसमें एक महिला शिक्षिका की भूमिका मिली है। उसके भी बयान लिए गए हैं। उसने बताया कि कॉपियों को वह यूनिवर्सिटी में जमा करवाने वाली थी, लेकिन कुछ काम आ जाने से उसने इन कॉपियों को दुकान पर ही रख दिया था। अब जांच कमेटी अपनी रिपोर्ट देगी। उसके बाद मामले में दोषियों पर कार्रवाई की जाएगी।
शिक्षिका ने जरूर अपने बयान में कहा है कि ये कॉपियां जांचने के बाद उसने दुकान पर रखवाई थी, लेकिन सूत्रों की मानें तो शिक्षिका दुकान पर बैठकर ही इन कॉपियों की चेकिंग कर रही थी। ऐसे में डीएवीवी यूनिवर्सिटी की गोपनीयता भी संदेह के घेरे में है।