दिल्ली ब्लास्ट के तार एमपी के महू से जुड़े, आतंकियों से लिंक अल फलाह यूनिवर्सिटी कट ट्रस्ट महू के सिद्दीकी का

दिल्ली में हुए कार ब्लास्ट की आतंकी घटना के तार मध्यप्रदेश के महू से जुड़े हैं। जांच में कुछ बड़े खुलासे भी हुए हैं। इस हादसे के तार महू से क्यों जोड़े जा रहे हैं.... चलिए बताते हैं

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Sanjay Gupta
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 Indore News: दिल्ली में कार ब्लास्ट की आतंकी घटना के तार मध्य प्रदेश के इंदौर जिले की महू तहसील से जुड़े हैं। आतंकी गतिविधियों में पकड़े गए मुजम्मिल शकील और उमर नबी मोहम्मद अल फलाह यूनिवर्सिटी के छात्र बताए जा रहे हैं।

इसे चलाने वाला अल-फलाह चैरिटेबल ट्रस्ट महू के जवाद अहमद सिद्दीकी ने स्थापित किया था। वही ट्रस्ट का अध्यक्ष और यूनिवर्सिटी का कुलाधिपति भी है। यह ट्रस्ट हरियाणा के नूंह और दिल्ली में भी इसका पता है। इसके तार दुबई तक हैं।

सिद्दीकी बाद में दिल्ली चले गए

जवाद अहमद सिद्दीकी ने पहले अल-फलाह इन्वेस्टमेंट कंपनी शुरू की। साल 2001 में आर्थिक गड़बड़ी के बाद दिल्ली चले गए। दिल्ली में सोमवार शाम हुए कार ब्लास्ट और हरियाणा के फरीदाबाद से जब्त हुए 2,563 किलो विस्फोटक में अल-फलाह यूनिवर्सिटी, की लिंक हो रही है। इसकी जड़ें मध्यप्रदेश के महू में हैं।

यूनिवर्सिटी इस तरह शुरू हुई

फरीदाबाद की यूनिवर्सिटी की शुरुआत एक इंजीनियरिंग कॉलेज से हुई थी। जांच में यह भी सामने आया है कि दिल्ली ब्लास्ट में लिंक डॉ. मुजम्मिल, उमर मोहम्मद और शाहीन शाहिद पहले फरीदाबाद के अल-फलाह अस्पताल से जुड़े हुए थे।

साल 2001 में आर्थिक गड़बड़ी के बाद सिद्दीकी जब परिवार सहित दिल्ली चला गया और वहां कॉलेज की नींव रखी, जो बाद में यूनिवर्सिटी में बदल गई।

जैश कर रहा था यूनिवर्सिटी का उपयोग

विविध रिपोर्ट के अनुसार फरीदाबाद स्थित इस अल फलाह यूनिवर्सिटी परिसर का इस्तेमाल जैश-ए-मोहम्मद (JeM) और अंसार गजवातुल-हिंद जैसे संगठनों द्वारा किया जा रहा था।

आरोप है कि फंड जुटाने, युवाओं को कट्टरपंथी बनाने और विस्फोटक इकट्ठा करने के लिए अल फलाह चैरिटेबल फ्रंट्स और यूनिवर्सिटी नेटवर्क का इस्तेमाल किया गया था।

दिल्ली विस्फोट (दिल्ली कार हादसा) में शामिल आतंकी डॉ उमर नबी और फरीदाबाद मॉड्यूल का सरगना डॉ मुजम्मिल, दोनों ही यूनिवर्सिटी से जुड़े हुए थे।

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सिद्दीकी कई कंपनियों से लिंक

अल फलाह ट्रस्ट और उसके प्रमुख सिद्दीकी की गतिविधियों पर गंभीर सवाल उठ रहे हैं। सिद्दीकी पहले से ही दर्जनों प्राइवेट कंपनियों (अल फलाह इन्वेस्टमेंट्स, एक्सपोर्ट्स, आदि) के मालिक हैं।

वहीं, साल 2000 में एक वित्तीय घोटाले के मामले में भी उनका नाम आ चुका है। अल फलाह यूनिवर्सिटी के नाम एकत्र किए गए पैसों का आतंकी गतिविधियों में इस्तेमाल हो रहा था।

ट्रस्ट के जरिए मदरसे भी चला रहा सिद्दीकी

इस पूरे नेटवर्क की कमान ट्रस्ट के प्रमुख ट्रस्टी जवाद सिद्दीकी के हाथों में है। इसी ट्रस्ट के जरिए शरीका पब्लिक स्कूल, अनाथालय और मदरसे चलाए जा रहे हैं। इनमें अल फलाह इन्वेस्टमेंट्स, अल-फलाह सॉफ्टवेयर, अल फलाह कंसल्टेंसी से लेकर अल फलाह एक्सपोर्ट्स और एनर्जीज लिमिटेड समेत 8 अलग-अलग कंपनियां शामिल हैं।

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क्या बोल रही पुलिस

एडिशनल एसपी रूपेश द्विवेदी ने बताया कि जवाद का परिवार महू के कायस्थ मोहल्ले में रहता था। उसके दो भाई भी यहीं पढ़े-लिखे हैं। उनके पिता मोहम्मद हामिद सिद्दीकी महू के शहर काजी रह चुके हैं। फिलहाल पुलिस जवाद के स्थानीय रिश्तेदारों और पुराने संपर्कों की जानकारी जुटा रही है।

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