BHOPAL. मध्यप्रदेश मंत्रालय में विधानसभा के मानसून यानी पावस सत्र की तैयारी तेज हो गई है। इसकी हलचल भी वल्लभ भवन में नजर आ रही है। सरकार से हरी झंडी के बाद वहीं वित्त विभाग इस सत्र के पहले अनुपूरक बजट को पेश करने में जुट गया है। इसके लिए सभी विभागों से बजट से संबंधित प्रस्ताव बुलाए गए हैं ताकि परीक्षण उपरांत उन्हें कैबिनेट के सामने पेश कर विधानसभा में लाया जा सके।
ऑनलाइन भेजे जाएंगे अनुपूरक प्रस्ताव
मप्र विधानसभा के पावस सत्र में वित्तीय वर्ष 2025-26 के पहले अनुपूरक बजट को पेश करने के लिए वित्त विभाग ने विभागों के एसीएस, पीएस और सचिव स्तर के अधिकारियों को पत्र भेजकर 13 जून तक बजट प्रस्ताव मांगे हैं। इन प्रस्तावों को भी जीरो वेस्ट प्रणाली के आधार पर तैयार करने के निर्देश भी दिए गए हैं। यानी इन प्रस्तावों में पूर्व से लंबित बिलों का ब्यौरा भी दर्ज करना होगा। ये प्रस्ताव आईएफएमआईएस पर ऑनलाइन भेजने की भी व्यवस्था की गई है। ये तैयारी प्रदेश में ई-ऑफिस और ई- विधानसभा को ध्यान में रखते हुए की गई है।
अनुपूरक बजट प्रस्ताव के लिए निर्देश
अनुपूरक बजट प्रस्तावों के संदर्भ में वित्त विभाग ने अलग से भी निर्देश जारी किए हैं। जिसमें विभागों से कहा गया है कि जिन विभागों को आकस्मिक निधि दी गई है या केंद्र सरकार या अन्य संस्थान से वित्तीय सहायता मिली है जिसे तय मद से अलग न करने का प्रावधान है। इसके साथ ही संसाधनों के लिए अन्य येाजनाओं के बजट में कटौती कर राशि नहीं दी जा सकती है या अलग से बजट लाइन खोलने के निर्देश है ऐसे नए मद वाले प्रस्ताव स्वीकृत नहीं किए जा सकेंगे।
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नए प्रस्ताव में देना होगा पुराना हिसाब
विभागों को बजट के अनुपूरक प्रस्ताव के संबंध में हर जानकारी वित्त विभाग को स्पष्ट रूप से देनी होगी। विभागों को अनुपूरक बजट के प्रस्ताव के साथ यह भी बताना होगा कि वित्त वर्ष 2024-25 में उनके द्वारा कितनी राशि खर्च गई। वहीं वित्त वर्ष 2025-26 में सरकार से विभाग को कितने बजट का प्रावधान किया गया है। इस राशि में से विभाग ने अब तक किस काम या योजना पर कितनी राशि खर्च की है। इन जानकारियों के लिए वित्त विभाग ने प्रस्ताव में फॉर्मेट भी निर्धारित किया है।
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