/sootr/media/media_files/2025/02/06/qcY7OSqUL0mzVeIz39TM.jpg)
भारतीय किसान संघ के मध्य भारत प्रांत के 16 जिलों के किसानों ने बुधवार यानी 5 फरवरी को राजधानी भोपाल में अपनी समस्याओं को लेकर धरना प्रदर्शन किया। किसान खाद, बीज, बिजली, न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी), सिंचाई, पशुपालन, और राजस्व विभाग से जुड़ी समस्याओं को लेकर सड़कों पर उतरे थे। इन किसानों ने वल्लभ भवन के घेराव का ऐलान किया था, ताकि सरकार उनकी समस्याओं पर ध्यान दे सके।
ये खबर भी पढ़िए12वीं टॉपर छात्रों को करना होगा स्कूटी और लैपटॉप का और इंतजार, टेंडर बाकी
सरकार का प्रतिनिधि बनकर पहुंचे डिप्टी सीएम
धरने के शुरू होने से पहले ही डिप्टी सीएम जगदीश देवड़ा और पीएस राजस्व विवेक पोरवाल किसानों से संवाद करने के लिए राजधानी पहुंचे। उन्होंने किसानों से मिलने के बाद उनकी समस्याओं को गंभीरता से सुनने का आश्वासन दिया। देवड़ा ने कहा कि किसानों को अब वल्लभ भवन आने की आवश्यकता नहीं है, क्योंकि सरकार उनकी समस्याओं को हल करने के लिए खुद उनके पास आएगी।
किसानों की समस्याओं का समाधान
किसान संघ ने बताया कि वे कई बार प्रशासन और सरकार से अपनी समस्याओं के समाधान के लिए ज्ञापन दे चुके हैं, लेकिन उनकी कोई सुनवाई नहीं हुई। किसान नेताओं का कहना था कि जिले स्तर पर प्रशासनिक व्यवस्था में व्याप्त भ्रष्टाचार के कारण किसान परेशान हैं। इसलिए वे मजबूर होकर राजधानी भोपाल में धरने पर आए हैं।
ये खबर भी पढ़िए...भोपाल में भारतीय किसान संघ का बड़ा प्रदर्शन, वल्लभ भवन का करेंगे घेराव
किसानों की चेतावनी
किसान नेताओं ने यह चेतावनी दी कि यदि 15 दिन के अंदर उनकी समस्याओं का समाधान नहीं किया गया तो वे फिर सड़कों पर उतरेंगे। डिप्टी सीएम ने किसानों को आश्वासन दिया कि सरकार उनकी समस्याओं को जल्द हल करेगी और इस दिशा में कदम उठाए जाएंगे।
सीएम सचिवालय का संदेश
किसान नेताओं ने बताया कि वल्लभ भवन घेराव से पहले ही सीएम सचिवालय से एक संदेश आया था, जिसमें यह कहा गया था कि किसान रुकें। इसके बाद डिप्टी सीएम जगदीश देवड़ा और पीएस राजस्व विवेक पोरवाल किसानों से मिलने आए। देवड़ा ने किसानों को आश्वासन दिया कि उनकी समस्याओं का समाधान जल्द किया जाएगा और जिन नीतियों को पहले घोषित किया गया था, उन्हें जल्दी लागू किया जाएगा।
ये खबर भी पढ़िए...बागेश्वर धाम जा सकते हैं पीएम मोदी, धीरेंद्र शास्त्री ने दिया न्योता
एमएसपी पर कोई आश्वासन नहीं
हालांकि, किसानों ने एमएसपी (न्यूनतम समर्थन मूल्य) को लेकर सरकार से कोई ठोस आश्वासन नहीं मिला। इसके बावजूद, देवड़ा ने किसानों को यह विश्वास दिलाया कि वे राजस्व और किसानों से जुड़ी प्रशासनिक व्यवस्थाओं को सुधारने के लिए कदम उठाएंगे।
ये खबर भी पढ़िए...महाकुंभ भगदड़ पर बयान को लेकर धीरेंद्र शास्त्री ने दी सफाई, जानें अब क्या बोले
FAQ