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मध्य प्रदेश में सरकारी स्कूलों के 12वीं कक्षा के टॉपर्स को स्कूटी और लैपटॉप दिए जाने की प्रक्रिया में देरी हो रही है। बुधवार को केवल 50 छात्रों को फ्री ई-स्कूटी बांटी गई, जबकि 7 हजार 850 छात्रों को स्वीकृति पत्र दिए गए। इन छात्रों को स्कूटी मिलने के लिए टेंडर प्रक्रिया पूरी होने का इंतजार करना होगा। वहीं, मुख्यमंत्री प्रोत्साहन योजना के तहत 90 हजार छात्रों को लैपटॉप मिलना था, लेकिन इसकी तारीख अभी तक तय नहीं हो पाई है। पिछले साल 78 हजार 641 छात्रों को लैपटॉप दिए गए थे, लेकिन इस बार वितरण में देरी से सरकार को दोनों सत्रों के छात्रों को एक साथ लैपटॉप देने की स्थिति बन सकती है।
साल 2022-23 में स्कूटी वितरण
पिछले साल 2022-23 में 7 हजार 778 छात्रों को स्कूटी दी गई थी। इनमें से 2 हजार 760 छात्रों को ई-स्कूटी और 5 हजार 18 को पेट्रोल स्कूटी दी गई थी। इस योजना पर सरकार ने 40.40 करोड़ रुपए खर्च किए थे। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने इस अवसर पर छात्रों को संबोधित करते हुए कहा कि केवल मेरिट में आने से ही सफलता नहीं मिलती, बल्कि जीवन में नैतिकता और संस्कार भी महत्वपूर्ण हैं। उनका यह संदेश छात्रों को अपनी मेहनत के साथ-साथ अच्छे आचार-व्यवहार को अपनाने के लिए प्रेरित करता है।
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स्कूटी वितरण में देरी
मध्य प्रदेश के सरकारी स्कूलों में 12वीं कक्षा में टॉप करने वाले छात्रों को स्कूटी देने का इंतजार अब लंबा हो सकता है। बुधवार को कुशाभाऊ ठाकरे कन्वेंशन सेंटर में एक आयोजन के दौरान सिर्फ 50 छात्रों को मुफ्त ई-स्कूटी दी गई। शेष 7 हजार 850 छात्रों को स्कूटी का स्वीकृति पत्र दिया गया है। इन छात्रों को स्कूटी मिलने के लिए टेंडर की प्रक्रिया पूरी होने का इंतजार करना होगा। हालांकि, इसकी कोई निश्चित तारीख अभी तय नहीं हुई है। सरकार के शिक्षा विभाग ने फंड जिला शिक्षा अधिकारियों (डीईओ) को भेज दिया है, और अब वे छात्रों से एक फॉर्म भरवाएंगे। इसमें छात्र पेट्रोल या इलेक्ट्रिक स्कूटी में से एक चुन सकते हैं।
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लैपटॉप वितरण पर असमंजस
साथ ही, मुख्यमंत्री प्रोत्साहन योजना के तहत 75% या उससे अधिक अंक प्राप्त करने वाले छात्रों को लैपटॉप देने का निर्णय लिया गया था। इस बार 90 हजार छात्रों को लैपटॉप मिलना था, लेकिन अब तक इस वितरण की तारीख तय नहीं हो पाई है। सरकार ने इसके लिए 225 करोड़ रुपए का बजट रखा था, लेकिन इसका वितरण पहले से तय तारीखों के अनुसार अब तक नहीं हो सका है। 2022-23 में 78,641 छात्रों को लैपटॉप दिए गए थे, जिसमें 196 करोड़ रुपए का खर्च हुआ था। यदि वितरण अगले दो महीनों में नहीं हो सका, तो सरकार को दोनों सत्रों के छात्रों को एक साथ लैपटॉप देने होंगे।
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केवल अकादमिक सफलता ही पर्याप्त नहीं: सीएम
कार्यक्रम में मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने छात्रों से अपील करते हुए कहा कि केवल अकादमिक सफलता ही पर्याप्त नहीं होती। जीवन में नैतिक मूल्यों और संस्कारों का भी महत्व है। उन्होंने छात्रों से उम्मीद जताई कि वे अपने जीवन में अच्छे नागरिक और समाजसेवी बनेंगे। उनका यह संदेश छात्रों को अपने भविष्य की दिशा तय करने के लिए प्रेरित करता है।
शिक्षा प्रणाली में सुधार की आवश्यकता
इस प्रकार की देरी ने राज्य की शिक्षा प्रणाली पर सवाल उठाए हैं। एक तरफ सरकार छात्रों को प्रोत्साहन देने के लिए स्कूटी और लैपटॉप जैसे उपहारों की घोषणा करती है, लेकिन दूसरी तरफ इन योजनाओं का समय पर क्रियान्वयन नहीं हो पा रहा है। इससे छात्रों और उनके अभिभावकों में असंतोष का माहौल बन रहा है। समय पर वितरण की प्रक्रिया सुनिश्चित की जानी चाहिए ताकि छात्रों को उनका हक मिले।
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