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Guna. गुना जिले के देवा पारदी की पुलिस कस्टडी में हुई मौत के मामले में फरार चल रहे थाना प्रभारी संजीत मावई ने आखिरकार सरेंडर कर दिया। रविवार (5 अक्टूबर) शाम को वह शिवपुरी जिले के बदरवास थाने पहुंचे और पुलिस के सामने सरेंडर कर दिया। इसके बाद सीबीआई ने उन्हें इंदौर के लिए रवाना कर दिया।
यह मामला उस समय और गहराया जब देवा पारदी की मां हंसुरा बाई ने सुप्रीम कोर्ट में एक विशेष अवकाश याचिका दायर की थी। सुप्रीम कोर्ट ने इस याचिका पर 15 मई को सुनवाई करते हुए सीबीआई को आदेश दिया था कि वह आरोपियों की गिरफ्तारी एक महीने के भीतर करें।
27 सितंबर को एसआई उत्तम सिंह हुआ गिरफ्तार
इससे पहले सुप्रीम कोर्ट की कड़ी फटकार के बाद 27 सितंबर को एसआई उत्तम सिंह कुशवाह को सीबीआई ने गिरफ्तार कर लिया। 27 सितंबर को उत्तम सिंह शनिवार को कोर्ट में सरेंडर करने के लिए पहुंचा था, लेकिन उससे पहले ही सीबीआई की टीम ने उसे वहां से ही हिरासत में ले लिया। इन दोनों पर 2 लाख रुपए का इनाम घोषित किया गया था। उत्तम सिंह देवा पारदी हत्या मामले में फरार चल रहा था। 26 सितंबर को की सुनवाई के दौरान कोर्ट ने 8 अक्टूबर तक उसकी गिरफ्तारी के आदेश दिए थे।
देवा पारदी मौत मामला अपडेट वाली खबर पर एक नजर
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थाना प्रभारी संजीत मावई अब गिरफ्तार
मजिस्ट्रियल जांच में पुलिसकर्मियों को प्रताड़ना का दोषी ठहराया गया था। उस समय के म्याना थाना प्रभारी (टीआई) संजीव मावई (संजीत सिंह मावई) फरार चल रहे थे। सुप्रीम कोर्ट ने राज्य सरकार और सीबीआई को अवमानना की कार्रवाई की चेतावनी दी थी। इसके बाद मामले में तेजी देखने को मिली।
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SI पहले भी सरेंडर की कोशिश कर चुका
उत्तम सिंह ने पहले भी सरेंडर करने की कोशिश की थी। नवंबर में उसकी बेटी की शादी है, इसलिए वह कुछ समय पहले स्वेच्छा से सरेंडर करना चाहता था। करीब 15-20 दिन पहले उसके परिजन वरिष्ठ अधिकारियों से मिले थे और यह शर्त रखी थी कि पहले से गिरफ्तार पुलिसकर्मी के साथ उसका चालान पेश किया जाए, लेकिन अधिकारियों ने यह शर्त स्वीकार नहीं की। अब सुप्रीम कोर्ट की सख्ती के बाद सीबीआई ने सक्रियता दिखाई और कोर्ट से ही उसकी गिरफ्तारी की।
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जानें देवा पारदी केस के बारे में
देवा पारदी मध्यप्रदेश के गुना जिले के बीलाखेड़ी गांव के निवासी थे और उनकी उम्र केवल 25 वर्ष थी। 15 जुलाई 2024 को गुना शहर के गोकुल सिंह चौक से उनकी बारात रवाना होने वाली थी। करीब शाम 4:30 बजे म्याना थाने की पुलिस गांव पहुंची और चोरी के एक मामले में पूछताछ के नाम पर देवा और उनके चाचा गंगाराम पारदी को बारात के ट्रैक्टर से ही हिरासत में ले लिया।
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आरोपी की हिरासत में मौत पर पुलिस का मत
पुलिस का कहना था कि देवा पर पहले से चोरी, लूट और हत्या के प्रयास जैसे सात आपराधिक मामले दर्ज थे। 16 जुलाई को देवा के परिजनों को गुना जिला अस्पताल से सूचना मिली कि एक पारदी युवक का शव पोस्टमॉर्टम रूम में रखा हुआ है। जब परिजन अस्पताल पहुंचे, तो उन्हें बताया गया कि शव देवा का था।
पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट में हृदयाघात को मौत का कारण बताया गया, लेकिन शरीर पर कई चोटों के निशान पाए गए। परिजनों ने आरोप लगाया कि म्याना थाने के तत्कालीन इंस्पेक्टर संजीव मावई और एसआई उत्तम सिंह ने देवा की हत्या की थी। पुलिस ने अपनी तरफ से दावा किया कि पूछताछ के दौरान देवा की तबीयत बिगड़ी और उन्हें अस्पताल ले जाते समय उनकी मौत हो गई।
क्या है पुलिस पर आरोप
एसआई और टीआई पर पुलिस कस्टडी में देवा पारदी की पिटाई का आरोप है। पिटाई के बाद उसकी मौत हो गई थी। पुलिस हार्ट अटैक से मौत होने की बात कह रही है। गुना जिले के म्याना थाने का मामला है। इसमें पुलिस कस्टडी के दौरान देवा पारदी की मौत हो गई थी।
सीबीआई भी मामले की कर रही है जांच
हाल ही में सुप्रीम कोर्ट की कड़ी फटकार के बाद केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) ने फरार दो पुलिस अधिकारियों तत्कालीन म्याना थाने के इंस्पेक्टर संजीव मावई (संजीत सिंह मावई) और एसआई उत्तम सिंह कुशवाहा पर 2 लाख रुपए का इनाम घोषित किया था। इन दोनों अधिकारियों के खिलाफ गैर-जमानती वारंट भी जारी किए गए थे और उन्हें प्रोक्लेम्ड ऑफेंडर घोषित कर दिया गया।