इस बार समय से पहले होंगी एमपी बोर्ड की परीक्षाएं, छात्रों को मिलेगा ज्यादा समय, जानें नया शेड्यूल

MP बोर्ड की 10वीं और 12वीं की परीक्षाएं इस बार 7 फरवरी से शुरू होंगी, जो कि पिछले सालों की तुलना में 15 दिन पहले है। यह फैसला राष्ट्रीय शिक्षा नीति के तहत लिया गया है, जिसके अनुसार अब साल में दो बोर्ड परीक्षाएं होंगी।

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Kaushiki
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एमपी बोर्ड एग्जाम न्यूज: मध्यप्रदेश में 10वीं और 12वीं कक्षा के स्टूडेंट्स के लिए एक बड़ा अपडेट आया है। इस साल बोर्ड परीक्षाएं पिछले वर्षों के मुकाबले लगभग 15 दिन पहले यानी फरवरी में ही शुरू हो जाएंगी।

यह फैसला राष्ट्रीय शिक्षा नीति (NEP) के तहत लिया गया है जिसका मेन ऑब्जेक्टिव एजुकेशन सिस्टम में सुधार लाना है। इस नीति के तहत अब साल में दो बार बोर्ड परीक्षाएं आयोजित की जाएंगी।

एक मेन एग्जाम फरवरी में होगी जबकि दूसरी परीक्षा जून में होने की संभावना है। यह बदलाव स्टूडेंट्स के लिए एक नई चुनौती भी है और एक नया मौका भी।

क्यों हो रहा है यह बदलाव

इस एमपी बोर्ड की परीक्षा के बदलाव का मेन रीजन राष्ट्रीय शिक्षा नीति (National Education Policy) है। नई शिक्षा नीति में यह प्रावधान किया गया है कि छात्रों को साल में दो बार बोर्ड परीक्षा देने का विकल्प मिलेगा। 

इसका फायदा यह होगा कि अगर कोई छात्र पहली परीक्षा में अच्छे नंबर नहीं ला पाता, तो वह दूसरी परीक्षा में बेहतर प्रदर्शन कर सकता है। इस प्रणाली से छात्रों पर से अननेसेसरी प्रेशर कम होगा और उन्हें अपनी तैयारी के लिए अधिक समय मिलेगा।

इसी वजह से माध्यमिक शिक्षा मंडल (Board of Secondary Education) ने फरवरी में होने वाली पहली मेन परीक्षा का शेड्यूल जारी कर दी है जो 7 फरवरी से शुरू होगी। इस बदलाव के चलते, स्कूल शिक्षा विभाग को भी अपने परीक्षा कार्यक्रम में बदलाव करना पड़ा है।

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नए शेड्यूल का छात्रों पर क्या असर होगा

यह बदलाव छात्रों के लिए कई मायनों में फायदेमंद साबित हो सकता है:

  • ज्यादा तैयारी का समय: 

    नवंबर में हाफ इयरली एक्सामीनेशन खत्म होने के बाद, छात्रों को बोर्ड परीक्षा की तैयारी के लिए दिसंबर और जनवरी का पूरा समय मिलेगा। पहले, दिसंबर में परीक्षाएं होने से यह समय कम हो जाता था।

  • दबाव कम होगा: 

    दो बार बोर्ड परीक्षा होने से छात्रों पर एक ही परीक्षा में अच्छा प्रदर्शन करने का दबाव कम होगा। वे अपनी कमियों को पहचान कर दूसरी परीक्षा में सुधार कर पाएंगे।

  • बेहतर रिजल्ट: 

    स्कूल शिक्षा विभाग का लक्ष्य है कि हर स्कूल का 100% रिजल्ट (100% Result) आए। इसके लिए कमजोर छात्रों के लिए एक्स्ट्रा क्लासेज भी चलाई जाएंगी, ताकि वे भी अच्छा प्रदर्शन कर सकें।

  • हाफ-इयरली और प्री-बोर्ड एक्सामिनाशंस

    बोर्ड परीक्षाओं में इस बदलाव के कारण, हाफ-इयरली और प्री-बोर्ड परीक्षाओं का शेड्यूल भी बदल दिया गया है। नौवीं से बारहवीं तक की हाफ-इयरली एक्सामिनाशंस अब दिसंबर की जगह नवंबर में होंगी।

परीक्षा का प्रकारपहलेअब
अर्धवार्षिक परीक्षादिसंबरनवंबर
मुख्य बोर्ड परीक्षाफरवरी के मध्य/अंत7 फरवरी
दूसरी बोर्ड परीक्षा-जून (संभावित)

यह फैसला स्टूडेंट्स को हाफ-इयरली एक्सामिनाशंस के बाद बोर्ड और वार्षिक परीक्षाओं की तैयारी के लिए ज्यादा समय देने के मकसद से लिया गया है। डीएस कुशवाहा, संचालक, लोक शिक्षण संचालनालय ने भी इस बात की पुष्टि की है।

उन्होंने कहा कि "इस बार फरवरी की शुरुआत से ही बोर्ड परीक्षाएं शुरू होने जा रही हैं। इस कारण छमाही परीक्षाएं भी हमने दिसंबर के बजाय नवंबर में कराने का निर्णय लिया है, ताकि विद्यार्थियों की तैयारी बेहतर तरीके से कराई जा सके।"

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हाफ-इयरली एक्सामिनाशंस का नया पैटर्न

इस साल, कक्षा 9वीं से 12वीं तक की हाफ-इयरली एक्सामिनाशंस भी बोर्ड परीक्षा की तरह ही आयोजित की जाएंगी। इसके लिए प्रश्नपत्र राज्य स्तर पर तैयार किए जाएंगे।

  • कक्षा 9वीं और 11वीं के छात्रों के लिए, अर्धवार्षिक परीक्षा के अंक उनकी वार्षिक परीक्षाओं में जोड़े जाएंगे।

  • हर छात्र के लिए एक रिपोर्ट कार्ड तैयार किया जाएगा। इस रिपोर्ट कार्ड में उनके प्रदर्शन का पूरा डिटेल होगा जिससे स्कूल उन छात्रों की पहचान कर सकेंगे जिनके नंबर कम आए हैं और उनकी तैयारी के लिए विशेष योजना बना पाएंगे।

  • अधिकारियों ने स्कूलों को अक्टूबर तक करीब 50 से 60 प्रतिशत सिलेबस पूरा करने के निर्देश दिए हैं ताकि नवंबर में होने वाली परीक्षाओं के लिए छात्र तैयार रहें।

  • स्कूलों को 100% रिजल्ट का लक्ष्य दिया गया है, इसलिए कम नंबर लाने वाले छात्रों पर खास ध्यान दिया जाएगा। यह कदम न केवल छात्रों को पास होने में मदद करेगा बल्कि उनकी ओवरऑल परफॉर्मेंस को भी सुधारेगा।

एमपी बोर्ड का यह कदम राष्ट्रीय शिक्षा नीति के उद्देश्यों के साथ पूरी तरह से मेल खाता है। समय से पहले परीक्षा 10वीं और 12वीं की पराक्षाएं कराने का निर्णय छात्रों को बेहतर तैयारी का मौका देगा और उन्हें स्ट्रेस-फ्री एनवायरनमेंट में सीखने में मदद करेगा।

साल में दो बार एमपी बोर्ड 10वीं और 12वीं परीक्षा (mp Board 10th-12th exam) आयोजित होने से छात्रों के पास बेहतर प्रदर्शन करने का एक और अवसर होगा जिससे एजुकेशन की क्वालिटी में सुधार होगा और छात्रों का फ्यूचर ब्राइट बनेगा।

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