देवास विधायक गायत्री राजे पंवार नहीं बेच सकेंगी अचल संपत्ति, ननद के केस से लगी रोक

देवास की विधायक गायत्री राजे पंवार के परिवार के संपत्ति विवाद में जिला कोर्ट ने उनकी ननद शैलजा राजे पंवार की याचिका मंजूर की। कोर्ट ने आदेश दिया कि अब शैलजा और उनका ट्रस्ट कोई भी अचल संपत्ति नहीं बेच सकेंगे।

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Sanjay gupta
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dewas mla gayatri raje pawar

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देवास की महारानी और विधायक गायत्री राजे पंवार के परिवार में चल रहे संपत्ति विवाद मामले में जिला कोर्ट ने उनकी ननद शैलजा राजे पंवार की याचिका स्वीकार कर ली है। साथ ही कोर्ट ने उनके द्वारा मांगी गई संपत्ति बिक्री पर निषेधाज्ञा की याचिका को मंजूर कर उनके हक में फैसला दिया है। इसके मुताबिक अब वह और उनके ट्रस्ट किसी भी अचल संपत्ति को नहीं बेच सकेंगे। 

1239 करोड़ का है संपत्ति विवाद

पंवार परिवार में कुल 1 हजार 239 करोड़ की संपत्ति विवाद है। स्वर्गीय महाराज तुकोजीराव पंवार की बहन (गायत्री की ननद) शैलजा राजे पंवार द्वारा लगाए गए कुल संपत्ति में से एक चौथाई हिस्सा मांगा जा रहा है। उनका कहना है कि जब तक यह विवाद का निराकरण नहीं हो जाता है तब तक बिक्री नहीं होने दी जाए, क्योंकि बिक्री होने से इनके हित प्रभावित होंगे जो उनके हक में आखिरी फैसला होने पर भी लौट नहीं सकेगा। इस आदेश से इंदौर के बिल्डर भी उलझ गए हैं, जिन्होंने इन विवादित संपत्तियों को लेकर महारानी के साथ डील कर प्रोजेक्ट शुरू कर दिए थे। 

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केस में यह सभी थे पार्टी

शैलजा राजे पंवार द्वारा साल 2021 में लगाए गए वाद में गायत्री राजे पंवार, विक्रम सिंह पंवार, कनिकाराजे पंवार, उत्तराराजे पाटनकर, देविकाराजे फाल्के,  महाराज तुकोजीराव पंवार धार्मिक एंड चैरिटेबल ट्रस्ट , महाराज कृष्णजीराव पंवार धार्मिक एंड चैरिटेबल ट्रस्ट,  मप्र कलेक्टर देवास, कलेक्टर रतलाम, विकास भाउसाहेब व अन्य पक्षकार बनाए गए थे। शैलजा राजे पंवार के अधिवक्ता रविंद्र छाबड़ा, मुदित माहेश्वरी ने जिला कोर्ट में पक्ष रखा। 

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इंदौर के इन बिल्डर्स के प्रोजेक्ट पर पड़ेगा असर

इस विवाद के दौरान रीगल रायल्स स्केप्स इंदौर और अपोलो क्रिएशंस ग्रुप ने इनकी संपत्तियों पर कॉलोनी और मल्टी बनाने का करार कर लिया था। इसके बाद इसे लेकर शैलजा पंवारने इस सौदे को अवैध बताते हुए सार्वजनिक सूचना भी जारी कर दी थी।

यह है रीगल और अपोलो ग्रुप के सौदे

रीगल रॉयल्स स्केप्स इंदौर में ओल्ड डेलियंस देवराज सिंह बडगरा,आशुतोष माहेश्वरी, आदित्य बोराड, करण नरसरिया, प्रीति आसुदानी शामिल है। इन्होंने गायत्री राजे, उनके पुत्र विक्रम पंवार और पुत्री कनिकाराजे की संपत्ति पर आनंद विलास कॉलोनी काटने का सौदा किया हुआ है। आनंद विलास को लेकर भी याचिका में आपत्ति ली गई है। उधर महाराज तुकोजीराव पंवार धार्मिक व परमार्थिक ट्रस्ट तर्फे विक्रम पंवार ने पलासिया में प्लॉट नंबर 2 जो (इस्लामिया करीमिया स्कूल के पीछे पलासिया) में है, वहां पर अपोलो क्रिएशन ने सौदा किया है जो निर्मल और अनिल अग्रवाल बंधुओं का है। यहां पर मल्टी बनाई जा रही है, काम भी जारी है। जबकि इस प्रोजेक्ट को स्वामित्व विवाद के चलते रेरा ने भी खारिज कर दिया है और मंजूरी नहीं जारी की गई है। यह 60 करोड़ रुपए से ज्यादा की जमीन पर प्रोजेक्ट है।  

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शैलजा राजे ने यह जारी की थी सूचना

शैलजा राजे ने इस मामले में अधिवक्ता मुदित माहेश्वरी के जरिए सार्वजनिक सूचना जारी की है। इसमें दोनों सौदों को लेकर जानकारी देते हुए इसे अवैध बताया है। उन्होंने कहा कि संपत्ति को लेकर जिला कोर्ट देवास में केस दर्ज है। वहीं एक याचिका हाईकोर्ट में भी दायर की गई है। यह याचिक मुख्य रूप से शैलजाराजे पंवार ने मप्र शासन, टीएंडसीपी, गायत्री पंवार , विक्रम पंवार , कनिका राजे पंवार , रीगल रायल स्केप्स के सभी कर्ताधर्तांओं के खिलाफ लगाई है।

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देशभर में फैली है 1239 करोड़ की संपत्तियां

पंवार परिवार की देशभर में फैली 1 हजार 239 करोड़ रुपए की चल-अचल संपत्ति में हिस्सेदारी को लेकर विवाद चल रहा है। महाराज श्रीमंत कृष्णजीराव पावर के पुत्र तुकोजीराव और बेटी शैलजा के साथ ही दो और बहन उत्तराराजे पंवार और देविकाराजे पंवार। तुकोजीराव पंवार की पत्नी गायत्री देवी और बेटे विक्रम सिंह, बेटी कनिकाराज है। संपत्तियों को लेकर मुख्य दावा शैलजा ने लगाया हुआ है। तुकोजीराव के निधन के बाद गायत्री राजे और उनके बेटे विक्रम इसकी देखभाल करते हैं। इस राजघराने की इंदौर, आलोट, जयपुर, पुणे सहित कई शहरों में जमीनें हैं। बताया जाता है कि महल की सफाई के वक्त वसीयत सामने आई थी। इसी वसीयत के खिलाफ शैलजा है और उनका पक्ष है कि हक मांगे जाने के वक्त से पिता कृष्णाराव पंवार की एकदम से वसीयत सामने आना शंका पैदा करने वाला है। तुकोजीराव और कृष्णाराव ने अपने जीवनकाल में किसी वसीयत का उल्लेख नहीं किया था। यह फर्जी तरीके से बनवाई गई है। 

शपथपत्र में गायत्री देवी ने इतनी बताई संपत्ति

विधानसभा चुनाव के दौरान बताए गए शपथ पत्र के मुताबिक गायत्री राजे पंवार के पास 20 लाख रुपए की हाथ में नकदी है, जबकि चल संपत्ति की कीमत 5 करोड़ 39 लाख रुपए से ज्यादा है। इसी प्रकार गायत्री राजे पंवार के पास 32 करोड़ 45 लाख रुपए की विरासत में मिली अचल संपत्ति है। इनमें देवास में फार्म हाउस, कृषि भूमि, रतलाम जिले के आलोट में गढ़ी और पुणे की संपत्ति आदि शामिल है। इसके अलावा राज परिवार के पास कई वेयरहाउस भी हैं। गायत्री राजे पंवार ने अपने शपथ पत्र में उल्लेख किया है कि साल 2023 में उनकी आमदनी 23 लाख 74 हजार सालाना थी।

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