/sootr/media/media_files/2025/08/20/dhar-imambada-pwd-property-2025-08-20-20-57-55.jpg)
धार के हटवाड़ा इमामबाड़े को लेकर संभागायुक्त इंदौर दीपक सिंह की कोर्ट ने एसडीएम धार के बेदखली आदेश पर मुहर लगाते हुए विस्तृत आदेश जारी कर दिया है। इसके बाद मंगलवा-बुधवार की रात को इमामबाड़ा को सील कर दिया गया है।
अभी तक यहां पर मुस्लिम ताजिया कमेटी का कब्जा था। शहर में भारी पुलिस बल तैनात है। वहीं संभागायुक्त दीपक सिंह की कोर्ट के विस्तृत आदेश में संपत्ति को मप्र शासन पीडब्ल्यूडी की मान्य किए जाने और ताजिया कमेटी को बेदखली आदेश से धार में दिवाली जैसा माहौल हो गया है और हिंदू संगठन खुशी मना रहे हैं।
पहले नोटिस हुआ, फिर हाईकोर्ट केस और फिर एसडीएम आदेश
पीडब्ल्यूडी धार ने साल 2023 में ताजिया कमेटी को बेदखली आदेश दिया था। नोटिस में था कि यह पीडब्ल्यूडी की संपत्ति है और आप कब्जा करके बैठे हैं, इसे खाली किया जाए। इस मामले को लेकर अपीलार्थी सिद्दीक पिता जब्बार मोहम्मदद और अशफाक पिता यासिन खान ने अपील की और हाईकोर्ट केस गया। यहां से पीडब्ल्यूडी के नोटिस को रद्द करते हुए एसडीएम धार को सुनवाई के आदेश दिए। इसके बाद धार एसडीएम ने सुनवाई कर मप्र लोक परिसर बेदखली एक्ट के तहत संपत्ति से बेदखल करने के 14 जुलाई को आदेश दे दिए।
संभागायुक्त के पास हुई अपील, यह दिया विस्तृत आदेश...
- संभागायुक्त ने इस मामले में सभी पक्षों को सुना। इसमें अपीलार्थियाों का कहना था कि यह संपत्ति 155 साल पुरानी है। यह उपासना स्थल है और यहां ताजिए बनते हैं। धार महाराज आनंद सिंह पंवार के समय यह जगह दी गई थी, ताकि ताजिए बनें। इसमें 1978 में जिला कोर्ट में भी केस हुआ था।
- वहीं नगर पालिक धार के रिकार्ड बताए कि वह संपत्तिकर भरते हैं और यह वक्फ संपत्ति लिखा है और अहस्तांतरणीय लिखा गया है। इसे उपासन स्थल भी बताया गया।
- इस पर शासन पक्ष की ओर से जवाब बताए गए कि 1978 धार कोर्ट में भी इसे वक्फ संपत्ति नहीं माना गया है। निगम के रजिस्टर में केवल टैक्स के लिए संपत्ति का ब्यौरा लिखा है लेकिन इसमें वक्फ संपत्ति शब्द की लिखावट अलग है और संदिग्ध है।
- 1947 में स्टेट टाइम में भी पीडब्ल्यूडी की संपत्ति लिखा है।
- दस्तावेज से यह भी आया कि यह संपत्ति केवल किराए पर कलेक्टर द्वारा 30 दिन के लिए ताजिए बनाने के लिए दी जाती रही। यह किराया कमेटी ने फिर 1977 के बाद से नहीं दिया और ना ही मंजूरी ली।
- वक्फ संपत्ति नहीं है यह हाईकोर्ट ने भी माना है।
- इसलिए एसडीएम धार के बेदखली के आदेश 14 जुलाई को बरकार रखा जाता है और अपील खारिज की जाती है।
5 पॉइंट्स में समझें पूरी स्टोरी
👉 पीडब्ल्यूडी धार ने 2023 में ताजिया कमेटी को बेदखली का नोटिस दिया था। नोटिस में यह संपत्ति पीडब्ल्यूडी की बताई गई थी और कब्जा खाली करने को कहा गया था। इस मामले में हाईकोर्ट केस हुआ, और एसडीएम ने 14 जुलाई को बेदखली का आदेश दिया। 👉 अपील करने वालों ने दावा किया कि यह संपत्ति 155 साल पुरानी है और उपासना स्थल है, जो ताजिए बनाने के लिए दी गई थी। वहीं, शासन ने इसे पीडब्ल्यूडी की संपत्ति बताते हुए वक्फ संपत्ति नहीं मानने की बात कही। 👉 दस्तावेजों से यह स्पष्ट हुआ कि यह संपत्ति ताजिए बनाने के लिए कलेक्टर द्वारा किराए पर दी जाती थी। 1977 के बाद से कमेटी ने किराया नहीं दिया और ना ही मंजूरी ली। 👉 संभागायुक्त ने सभी पक्षों को सुनने के बाद एसडीएम के आदेश को सही ठहराया और अपील खारिज कर दी। इसके बाद इमामबाड़े की सीलिंग हो गई, जिससे हिंदू संगठनों में खुशी का माहौल है। |
MP वक्फ बोर्ड
thesootr links
- मध्यप्रदेश की खबरें पढ़ने यहां क्लिक करें
- छत्तीसगढ़की खबरें पढ़ने यहां क्लिक करें
- राजस्थान की खबरें पढ़ने यहां क्लिक करें
- रोचक वेब स्टोरीज देखने के लिए करें क्लिक
- जॉब्स और एजुकेशन की खबरें पढ़ने के लिए क्लिक करें
- निशुल्क वैवाहिक विज्ञापन और क्लासिफाइड देखने के लिए क्लिक करें
अगर आपको ये खबर अच्छी लगी हो तो 👉 दूसरे ग्रुप्स, 🤝दोस्तों, परिवारजनों के साथ शेयर करें📢
🔃🤝💬👩👦👨👩👧👧👩
धार इमामबाड़ा