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मध्य प्रदेश के दतिया जिले में शनिवार, 08 नवंबर को एक विवाद ने हिंसक रूप ले लिया। यह विवाद बागेश्वर धाम के पं. धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री को लेकर शुरू हुआ था। वहीं इसके चलते भीम आर्मी और हिंदू संगठनों के बीच पथराव और झड़प देखने को मिली थी।
बता दें कि पुलिस को स्थिति पर काबू पाने के लिए लाठीचार्ज करना पड़ा। साथ ही, वाटर कैनन का भी इस्तेमाल किया गया था। वहीं इस विवाद में तीन लोग घायल हो गए थे।
पुतला दहन को लेकर शुरू हुआ विवाद
यह विवाद शनिवार दोपहर शुरू हुआ था। इस दौरान भीम आर्मी और आजाद समाज पार्टी के करीब 200 कार्यकर्ता इंदरगढ़ कस्बे में एकत्रित हुए थे। इन्होंने पं. धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री के पुतले को जलाने के लिए रैली निकाली थी।
रैली के नेतृत्व में ग्वालियर संभागीय अध्यक्ष केशव यादव थे। जैसे ही यह जुलूस ग्वालियर चौराहे के पास पहुंचा, कार्यकर्ताओं ने शास्त्री का पुतला जलाया दिया।
उसी समय वहां मौजूद हिंदू संगठनों के 70-80 कार्यकर्ताओं ने विरोध में नारेबाजी शुरू कर दी। इसके साथ ही, आजाद समाज पार्टी के संयोजक दामोदर यादव का पुतला भी जलाया गया। ऐसे में दोनों पक्षों में तू-तू, मैं-मैं शुरू हो गई।
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थाने से लौटते समय फिर भिड़े दोनों गुट
हालांकि, पुलिस की कार्रवाई के बावजूद तनाव कम नहीं हुआ। कुछ समय बाद, भीम आर्मी और आजाद समाज पार्टी के कार्यकर्ता इंदरगढ़ थाने पहुंचे। यहां वे पं. धीरेंद्र शास्त्री के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने की मांग करने लगे।
आरोप था कि हिंदू संगठनों के सदस्य ने उन्हें जातिगत गालियां दीं और कार्यक्रम में बाधा डाली। थाने से लौटते समय दोनों गुटों के बीच फिर से भिड़ंत हुई, और पथराव शुरू हो गया, जिसमें कई वाहनों को नुकसान पहुंचा।
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संतों का सम्मान करें, विरोध नहीं
सनातन हिंदू संगठन के नगर अध्यक्ष शिरोमणि सिंह राठौर ने इस मुद्दे पर कहा कि पं. धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री जातिवाद को खत्म करने और सनातन एकता की बात करते हैं, इसलिए उनके पुतले का दहन नहीं होने दिया जाएगा।
राठौर के अनुसार, विरोध करना हो तो नेताओं का विरोध किया जाए, न कि संतों का। इसके जवाब में, हिंदू कार्यकर्ताओं ने दामोदर यादव का पुतला जलाया है।
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जानें क्यों जलाया गया पं. शास्त्री का पुतला
पं. धीरेंद्र शास्त्री ने इस विवाद के बाद हरियाणा में एक कथा के दौरान कहा, हमें छेड़ा गया है तो हम छोड़ेंगे भी नहीं। भारत और संस्कृति को बचाने के लिए जातिवाद से ऊपर उठकर सनातनी बनना होगा।
दरअसल, दलित पिछड़ा समाज संगठन के राष्ट्रीय अध्यक्ष दामोदर यादव ने पं. शास्त्री की सनातन एकता पदयात्रा का विरोध किया था। इसके साथ ही, हाई कोर्ट में याचिका भी दायर की थी। इसमें आरोप लगाया गया था कि शास्त्री ने उन्हें गालियां दीं और धमकाया। इसी के विरोध में केशव यादव ने पुतला दहन कार्यक्रम आयोजित किया था।
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शांति बनाए रखने के लिए पुलिस बल तैनात
पुलिस का कहना है कि इस मामले में दोनों संगठनों के प्रमुख कार्यकर्ताओं की पहचान कर ली गई है। शांति व्यवस्था बनाए रखने के लिए अतिरिक्त पुलिस बल की तैनाती की गई है।
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