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BHOPAL.'सनातन हिंदू एकता पदयात्रा 2.0' 7 नवंबर 2025 से शुरू होगी। यह यात्रा दिल्ली से वृंदावन तक जाएगी। आचार्य धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री के नेतृत्व में यह यात्रा निकाली जाएगी। यात्रा की लंबाई 145 किलोमीटर होगी। यह यात्रा राष्ट्रगान और हनुमान चालीसा के उद्घोष से प्रारंभ होगी। प्रतिदिन सात शपथों के साथ यात्रा आगे बढ़ेगी। यात्रा 16 नवंबर तक चलेगी। इस बीच धीरेंद्र शास्त्री के एक बयान ने बहस छेड़ दी है। उन्होंने कहा, हम मुसलमानों के खिलाफ नहीं, हिंदुओं के समर्थन में हैं।
हम मुसलमानों के खिलाफ नहीं
यात्रा शुरू होने से पहले पंडित धीरेंद्र शास्त्री ने बड़ा दिया है। उन्होंने कहा है कि हम मुसलमानों के खिलाफ नहीं, बल्कि हिंदुओं के समर्थन में मार्च कर रहे हैं। जो लोग हिंदुत्व, सनातन और तिरंगे से प्यार करते हैं, वे इस यात्रा में शामिल हो रहे हैं। कुछ लोग तिरंगे में चांद देखना चाहते हैं, हम चांद पर तिरंगा देखना चाहते हैं।" यह यात्रा धार्मिक एकता, सामाजिक सद्भाव और सांस्कृतिक जागरण का प्रतीक होगी। आइए, जानते हैं इस यात्रा का उद्देश्य, रूट, शपथ और प्रतिभागियों के बारे में।
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ये यात्रा राष्ट्रीय महायज्ञ
आचार्य धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री ने इस यात्रा को राष्ट्रीय महायज्ञ कहा। बागेश्वर धाम के पीठाधीश्वर शास्त्री ने कहा कि यह यात्रा जाति भेदभाव और सामाजिक विभाजन को मिटाने के लिए है। शास्त्री ने कहा कि यह यात्रा सनातन धर्म की रक्षा और हिंदू एकता का प्रतीक है।
पिछले साल, बागेश्वर धाम से ओरछा तक हिंदू एकता यात्रा सफल रही थी। इस बार, यात्रा दिल्ली से वृंदावन तक 7-16 नवंबर तक चलेगी। शास्त्री ने कहा कि 80 करोड़ हिंदू एकजुट हों, तो कोई ताकत हमें तोड़ नहीं सकती। यात्रा में अयोध्या, वृंदावन, हरिद्वार और ऋषिकेश के संत शामिल होंगे।
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40 हजार लोगों ने कराया रजिस्ट्रेशन
बागेश्वर धाम में अब तक 40,000 प्रतिभागियों का रजिस्ट्रेशन हुआ है। ये प्रतिभागी भारत के हर कोने से आ रहे हैं। शास्त्री ने कहा कि हम हर गांव और गली तक पहुंचकर हिंदू एकता के लिए लड़ रहे हैं। उनका उद्देश्य हिंदू एकता और सनातन एकता सुनिश्चित करना है।
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ऐसे समझें यात्रा का पूरा प्लान
पदयात्रा दिल्ली के छतरपुर मंदिर से शुरू होकर वृंदावन धाम में समाप्त होगी। यह यात्रा कुल 145 किलोमीटर (कुछ स्रोतों में 170 किमी) लंबी होगी और 10 दिनों में पूरी होगी। प्रतिदिन 15-20 किमी पैदल मार्च किया जाएगा जिसमें भजन-कीर्तन और व्याख्यान होंगे।
शुरुआत: 7 नवंबर को छत्रपुर मंदिर से राष्ट्रगान और हनुमान चालीसा के साथ। तिरंगे के साथ जुलूस, संतों का आशीर्वाद मिलेगा।
रूट: दिल्ली (छत्रपुर) → फरीदाबाद → पलवल → हरियाणा-UP बॉर्डर → मथुरा → वृंदावन। प्रमुख पड़ाव यमुना नदी पार और ब्रज क्षेत्र के गांव होंगे।
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प्रतिदिन सात शपथ ली जाएंगी
- सामाजिक सद्भाव
- यमुना सफाई
- ब्रज में मांस-मदिरा मुक्त
- गौमाता रक्षा
- पुराने वृंदावन का संरक्षण
- सनातन मूल्यों का पालन
- हिंदू एकता
समापन: 16 नवंबर को बांके बिहारी मंदिर में महासभा होगी, जहां प्रतिभागी संकल्प दोहराएंगे।
सुविधाएं: मेडिकल कैंप, पानी स्टेशन, रेस्ट पॉइंट्स होंगे। 5,000 वॉलंटियर्स और बागेश्वर धाम ऐप पर लाइव स्ट्रीमिंग होगी।
80 करोड़ हिंदू एकजुट होंगे: धीरेंद्र शास्त्री
पूरे भारत से हिंदू एकता का संदेश देने लोग आ रहे हैं। प्रतिभागी उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, राजस्थान, गुजरात, महाराष्ट्र, बिहार, झारखंड और दक्षिण भारत से आ रहे हैं। आचार्य शास्त्री ने कहा कि 80 करोड़ हिंदू एकजुट होंगे।
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