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Photograph: (THESOOTR)
BHOPAL. यश घनघोरिया बने प्रदेश अध्यक्ष: मध्य प्रदेश युवा कांग्रेस के चुनाव खत्म हो गए हैं और यश घनघोरिया ने सबसे ज्यादा वोट पाकर जीत हासिल की है। वे जबलपुर के विधायक और पूर्व मंत्री लखन घनघोरिया के बेटे हैं।
यश को 3 लाख 13 हजार 730 वोट मिले, जबकि भोपाल के अभिषेक परमार को 2 लाख 38 हजार 780 वोट मिले। इस तरह यश ने लगभग 75 हजार वोटों से बढ़त बनाई। कांग्रेस प्रवक्ता विवेक त्रिपाठी के अनुसार, फिलहाल केवल वोट गिनती पूरी हुई है। अब विजेता उम्मीदवारों का इंटरव्यू होगा और उसके बाद औपचारिक ऐलान किया जाएगा।
15 लाख से ज्यादा युवाओं ने ली सदस्यता
मध्यप्रदेश युवा कांग्रेस चुनाव से पहले एक ऑनलाइन सदस्यता अभियान चलाया था। हर युवा को 50 रुपए देकर ऐप के जरिए जुड़ना था। 20 जून से 19 जुलाई तक चले इस अभियान में 15,37,527 युवाओं ने फॉर्म भरे। इनमें से करीब 63 हजार युवाओं ने शुल्क जमा नहीं किया, जबकि 14.74 लाख युवाओं ने पूरी सदस्यता ली। यह दिखाता है कि युवाओं में कांग्रेस के प्रति दिलचस्पी बढ़ी है, और वे संगठन से जुड़ना चाहते हैं।
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अध्यक्ष पद पर शीर्ष उम्मीदवार...
| नाम (Name) | वोट (Votes) |
|---|---|
| यश घनघोरिया | 313,730 |
| अभिषेक परमार | 238,780 |
| देवेंद्र सिंह दादू | 27,566 |
| शिवराज यादव | 19,824 |
| राजवीर कुडिया | 11,058 |
| जावेद पटेल | 10,205 |
बाकी उम्मीदवारों को इससे कम वोट मिले।
महासचिव पद पर धीरज सिंह परिहार की जीत
महासचिव पद के लिए 182 उम्मीदवारों में कड़ा मुकाबला हुआ। इसमें धीरज सिंह परिहार ने 17,716 वोट पाकर पहला स्थान हासिल किया। उनके बाद सत्याम सिंह गुर्जर (15,201) और ऋषभ मिश्रा (14,699) रहे।
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डिजिटल चुनाव पारदर्शिता की जीत
इस बार युवा कांग्रेस के चुनाव पूरी तरह डिजिटल और पारदर्शी सिस्टम से कराए गए। इससे न केवल युवाओं की भागीदारी बढ़ी, बल्कि संगठन में नई पीढ़ी के नेताओं का रास्ता भी खुला। यश घनघोरिया की जीत कांग्रेस में युवा नेतृत्व के उभार का संकेत मानी जा रही है।
भाजपा का निशाना, परिवारवाद की जीत
यश की जीत पर भाजपा ने तीखी प्रतिक्रिया दी है। भाजपा के प्रदेश मीडिया प्रभारी आशीष अग्रवाल ने ‘एक्स’ (Twitter) पर लिखा कि कांग्रेस में पद मेहनत से नहीं, वंश और पट्ठावाद से तय होते हैं! पूर्व मंत्री लखन घनघोरिया के सुपुत्र यश बने यूथ कांग्रेस अध्यक्ष- संगठन चुनाव बस औपचारिकता हैं। परिणाम पहले से तय थे, अध्यक्ष वही जो नेता का बेटा!
आशीष अग्रवाल ने कहा कि कांग्रेस में लोकतंत्र सिर्फ नाम का है, जहां परिवारवाद ही असली विचारधारा बन चुकी है। उनके मुताबिक, चाहे युवा कितना भी संघर्ष कर लें, अंतिम निर्णय हमेशा परिवार के बंद कमरे में होता है।
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इस चुनाव ने दो तस्वीरें सामने रखीं...
एक तरफ कांग्रेस में युवा नेतृत्व की नई पीढ़ी का उभार और दूसरी तरफ विपक्ष के आरोप कि “परिवारवाद” अब भी पार्टी की पहचान बना हुआ है। आने वाले दिनों में यह देखना दिलचस्प होगा कि यश घनघोरिया का नेतृत्व युवाओं को कितना आगे ले जाता है और क्या वे इस आलोचना से खुद को ऊपर साबित कर पाते हैं।
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