छतरपुर में करोड़ों की सरकारी संपत्ति में धीरेंद्र शास्त्री के यात्रा प्रभारी का नाम, PWD ने हाईकोर्ट में की अपील

छतरपुर में PWD की सरकारी संपत्ति की रजिस्ट्री निजी नामों पर कर दी गई है। मामले में धीरेंद्र शास्त्री के करीबियों के नाम सामने आए हैं। अब PWD ने इस फर्जीवाड़े के खिलाफ उच्च न्यायालय में अपील दायर की है।

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Jitendra Shrivastava
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Photograph: (THESOOTR)

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नीरज सोनी@CHHATARPUR.

छतरपुर के कोतवाली इलाके में स्थित एक सरकारी इमारत का रजिस्ट्री फर्जी नामों पर होने का मामला तूल पकड़ चुका है। यह संपत्ति 4000 स्क्वायर फीट की है और पहले लोक निर्माण विभाग (PWD) के नाम से दर्ज थी।

सरकारी संपत्ति में धीरेंद्र शास्त्री के यात्रा प्रभारी का नाम आया है। इसकी रजिस्ट्री धीरेंद्र गौर और दुर्गेश पटेल के नाम पर की गई है, जो बागेश्वर धाम के पीठाधीश्वर धीरेंद्र शास्त्री से जुड़े हुए हैं। इस फर्जीवाड़े का खुलासा होने के बाद प्रशासन ने इस मामले में तुरंत कार्रवाई शुरू कर दी है।

सार्वजनिक संपत्ति का विवाद

यह इमारत पहले विंध्य प्रदेश सरकार के अधीन थी और बाद में इसे PWD को आवंटित कर दिया गया था। इसका किराया नियमित रूप से जमा होता रहा है और यह संपत्ति सरकारी रिकॉर्ड में PWD के नाम पर दर्ज है। फिर अचानक 2024 में कुछ अधिकारियों की लापरवाही के कारण गलत दस्तावेजों के आधार पर इस इमारत की रजिस्ट्री धीरेंद्र गौर और दुर्गेश पटेल के नाम कर दी गई।

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फर्जीवाड़े का खुलासा

कलेक्टर पार्थ सारथी ने PWD के एक्जीक्यूटिव इंजीनियर, भारती आर्य को मामले की जांच के आदेश दिए हैं। इसके अलावा, एडीएम मिलिंद नागदेवे, तहसीलदार पीयूष दीक्षित और रजिस्ट्रार जीपी सिंह को भी इस मामले में शामिल किया गया है। हालांकि, PWD विभाग ने हाईकोर्ट में इस रजिस्ट्री के खिलाफ अपील दायर करने की तैयारी शुरू कर दी है।

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पीडब्ल्यूडी का पक्ष

PWD के अधिकारियों का कहना है कि यह इमारत पूरी तरह से उनके विभाग की है और उन्होंने इसमें कोई गलती नहीं की है। वे इसे अपनी संपत्ति मानते हैं और रजिस्ट्री को अवैध बताते हैं। अब PWD ने इस संपत्ति के नामांतरण पर रोक लगाने के लिए उच्च न्यायालय में अपील दायर की है। उनका कहना है कि यह सरकारी संपत्ति है और इसे निजी हाथों में नहीं जाना चाहिए।

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कानूनी कार्रवाई और जांच

जैसे ही इस फर्जीवाड़े की जानकारी मिली, प्रशासन ने तुरंत जांच शुरू कर दी। कलेक्टर ने PWD के अधिकारियों से इस मामले में उच्च स्तर की जांच करने के लिए कहा और अधिकारियों ने इसकी पुष्टि की है। इसके बाद, न्यायालय ने इस मामले की सुनवाई के लिए तारीख निर्धारित की है।

संपत्ति को बारे में मुख्य बातें...

  • स्थान: छतरपुर, मध्य प्रदेश
  • विवाद: सरकारी संपत्ति की रजिस्ट्री निजी नामों पर
  • प्रमुख आरोपी: धीरेंद्र गौर और दुर्गेश पटेल
  • संपत्ति की अनुमानित कीमत: 9 करोड़ रुपए
  • अधिकारियों द्वारा कार्रवाई: PWD और जिला प्रशासन की सक्रियता
  • कानूनी कार्रवाई: उच्च न्यायालय में अपील
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