/sootr/media/media_files/2025/08/05/digital-arrest-mp-fraud-2025-08-05-18-32-21.jpg)
देवास जिले की सतवास थाना पुलिस ने एक बड़े संगठित गिरोह को पकड़ने में सफलता हासिल की है। यह गिरोह डिजिटल अरेस्ट के माध्यम से लोगों से ठगी कर रहा था। गिरोह के सदस्य सीबीआई के अधिकारियों का नाम लेकर मनी लांड्रिंग के मामलों में फंसाने की धमकी देते थे। इसके बाद वे बड़े पैमाने पर पैसे ऐंठते थे। इस गिरोह ने अब तक 20.81 लाख रुपए ठग लिए थे।
कैसे हुआ डिजिटल अरेस्ट?
सतवास के निवासी प्रमोद गौर को 24 जून 2025 को एक फोन कॉल आई। कॉल करने वाले ने खुद को कोलाबा पुलिस स्टेशन का अधिकारी बताया। उसने कहा कि प्रमोद का नाम नरेश गोयल के मनी लांड्रिंग मामले में है। उसे यह भी बताया गया कि उसके बैंक खाते की सीबीआई जांच चल रही है और सुप्रीम कोर्ट का नोटिस भेजा गया है।
इसके बाद प्रमोद से वीडियो कॉल पर सीबीआई के चीफ आकाश कुलहरि का नाम लिया गया और कहा गया कि उसकी संपत्ति की जांच होनी चाहिए। प्रमोद को डिजिटल अरेस्ट का डर दिखाकर 20 लाख 81 हजार रुपए उसके बैंक खातों में ट्रांसफर करवा लिए गए।
पुलिस की गिरफ्त में गिरोह के 6 सदस्य
पुलिस ने गिरोह के छह सदस्यों को गिरफ्तार किया है। ये आरोपी दिल्ली, महाराष्ट्र, इंदौर, नीमच और अन्य क्षेत्रों से हैं। गिरफ्तार आरोपितों में सोमेश्वर, संजय, गौरव, हर्ष, ऋषिकेश और सुनील शामिल हैं। इनमें से संजय पर हत्या और अन्य गंभीर धाराओं के मामले पहले से दर्ज हैं।
कैसे करते थे ठगी
आरोपियों ने सोशल मीडिया पर एक ग्रुप बनाया और लोगों को अच्छा कमीशन देने का लालच दिया। इसके बाद उन्होंने लोगों के बैंक खातों को किराए पर लिया और इन खातों में धोखाधड़ी के पैसे जमा किए। आरोपियों ने देवास, मध्य प्रदेश और अन्य राज्यों में 37 ठगी की वारदातें की हैं।
ये भी पढ़िए... 1478 शिक्षकों को प्राचार्य पद पर पदोन्नति की उम्मीद... हाईकोर्ट ने सुरक्षित रखा फैसला
पुलिस की कार्रवाई
पुलिस अधीक्षक पुनीत गेहलोद ने बताया कि आरोपियों के खिलाफ कठोर कार्रवाई की जाएगी और उनकी संपत्ति की जांच भी की जाएगी। गिरोह के सदस्य बड़े स्तर पर लोगों को झांसा देकर ठगी कर रहे थे, और पुलिस ने उनकी पूरी योजना को नाकाम कर दिया।
3 पॉइंट्स में समझे स्टोरी👉 देवास जिले की सतवास थाना पुलिस ने एक संगठित गिरोह को पकड़ा है। यह गिरोह डिजिटल अरेस्ट के माध्यम से ठगी कर रहा था। गिरोह के सदस्य सीबीआई के अधिकारियों का नाम लेकर लोगों को मनी लांड्रिंग मामलों में फंसाने की धमकी देते थे। 👉24 जून 2025 को प्रमोद गौर को एक फोन कॉल आई। कॉल करने वाले ने खुद को कोलाबा पुलिस स्टेशन का अधिकारी बताया। उसने प्रमोद को मनी लांड्रिंग मामले में फंसाने और उसकी संपत्ति की जांच करने की धमकी दी। 👉पुलिस ने गिरोह के 6 सदस्यों को गिरफ्तार किया है। ये सदस्य दिल्ली, महाराष्ट्र, इंदौर, नीमच और अन्य क्षेत्रों से हैं। गिरफ्तार आरोपियों में सोमेश्वर, संजय, गौरव, हर्ष, ऋषिकेश और सुनील शामिल हैं। |
विधानसभा में भी गूंजा साइबर ठगी का मुद्दा
मध्य प्रदेश की विधानसभा का मुद्दा उठा। इस मामले में कांग्रेस विधायक जयवर्धन सिंह ने विधानसभा में गृह विभाग से जवाब मांगा। विधानसभा के मानसून सत्र में प्रस्तुत आंकड़ों के अनुसार, 1 मई 2021 से लेकर 13 जुलाई 2025 तक मध्य प्रदेश में साइबर फ्रॉड के जरिए 1054 करोड़ रुपए की ठगी की गई। गृह विभाग ने जानकारी दी कि इस दौरान लगभग 105.21 रुपए करोड़ होल्ड किए गए, लेकिन इन रकमों की रिकवरी में पुलिस की सफलता बहुत सीमित रही है। आंकड़ों के मुताबिक, कुल रुपए1.94 करोड़ रुपए ही साइबर ठगी के शिकार लोगों को वापस मिल पाए हैं।
ठगी के मामले को लेकर ECIR के आंकड़ों पर एक नजर...
- 2020 में 4 लाख 28 हजार 046 मामले (IPC: 2 लाख 83 हजार 081 - SLL: 1 लाख 44 हजार165)
- 2021 में 4 लाख 88 हजार 966 मामले
- 2022 में 4 लाख 94 हजार 426 मामले
- 2023 में 2 लाख 48 हजार 188 मामले
- 2024-2025 (15 जुलाई तक) कुल 1 लाख 82 हजार 372 मामले दर्ज हुए
इससे साफ है कि पुलिस के जरिए दर्ज किए गए मामलों की संख्या में लगातार वृद्धि हो रही है, लेकिन ठगी की रकम और उनकी वापसी में कोई ठोस सुधार नहीं दिख रहा है।
FAQ
thesootr links
- मध्यप्रदेश की खबरें पढ़ने यहां क्लिक करें
- छत्तीसगढ़ की खबरें पढ़ने यहां क्लिक करें
- राजस्थान की खबरें पढ़ने यहां क्लिक करें
- रोचक वेब स्टोरीज देखने के लिए करें क्लिक
- जॉब्स और एजुकेशन की खबरें पढ़ने के लिए क्लिक करें
- निशुल्क वैवाहिक विज्ञापन और क्लासिफाइड देखने के लिए क्लिक करें
अगर आपको ये खबर अच्छी लगी हो तो 👉 दूसरे ग्रुप्स, 🤝दोस्तों, परिवारजनों के साथ शेयर करें 📢🔃🤝💬👩👦👨👩👧👧👩