नेता-अधिकारियों के कम अंक वाले बच्चों का MPPSC में हो रहा चयन, दिग्विजय सिंह ने सीएम मोहन को लिखा पत्र

पूर्व सीएम दिग्विजय सिंह ने मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव को पत्र लिखकर MPPSC की कार्यप्रणाली पर सवाल खड़े किए और आरोप लगाया कि आयोग द्वारा इंटरव्यू में मनमाने अंक दिए जा रहे हैं। साथ ही परीक्षाओं में गड़बड़ी को लेकर सवाल उठाए हैं।

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Vikram Jain
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digvijay singh raises questions on mppsc interview mark controversy
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BHOPAL. मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह और कांग्रेस के राज्यसभा सदस्य ने मध्य प्रदेश लोक सेवा आयोग (MPPSC) की परीक्षाओं में गड़बड़ी को लेकर गंभीर सवाल उठाए हैं। उन्होंने मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव को पत्र लिखकर एमपीपीएससी की कार्यप्रणाली पर सवाल खड़े किए और आरोप लगाया कि आयोग द्वारा इंटरव्यू में मनमाने अंक दिए जा रहे हैं, जिसके कारण प्रतिभाशाली अभ्यर्थियों के भविष्य से खिलवाड़ हो रहा है।

दिग्विजय सिंह ने सीएम मोहन यादव को लिखा पत्र

दिग्विजय सिंह ने पत्र में लिखा कि आयोग द्वारा आयोजित परीक्षाओं में अनियमितताएं हो रही हैं। उन्होंने कहा कि मुख्य परीक्षा में अच्छे अंक लाने वाले अभ्यर्थियों को इंटरव्यू में कम अंक दिए जा रहे हैं, जबकि कम अंक पाने वाले अभ्यर्थियों को ज्यादा अंक देकर डिप्टी कलेक्टर जैसे महत्वपूर्ण पदों पर नियुक्त किया जा रहा है। इस प्रक्रिया से मेधावी छात्रों में नाराजगी बढ़ रही है।

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नेता-अफसरों के कम अंक वाले बच्चों हो रहा चयन

उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि कुछ राजनेताओं और अफसरों के परिवारजनों को बिना किसी मेरिट के ज्यादा अंक देकर महत्वपूर्ण पदों पर बैठाया जा रहा है। उन्होंने लिखा कि अभ्यार्थियों ने बताया है कि मुख्य परीक्षा में टॉप करने वाले अभ्यार्थियों को आयोग द्वारा इंटरव्यू में कम अंक दिए जा रहे हैं जबकि नेताओं और अधिकारियों ने बच्चों, जान-पहचान वालों को ज्यादा अंक देकर डिप्टी कलेक्टर जैसे पद दिए जा रहे हैं।

40 लाख बेरोजगार युवाओं की चिंता

दिग्विजय सिंह ने पत्र में यह भी उल्लेख किया कि प्रदेश में 40 लाख से अधिक शिक्षित बेरोजगार युवाओं का पंजीकरण किया गया है। इसके बावजूद एमपीपीएससी की ओर से लगातार भर्ती के पदों में कमी की जा रही है, जबकि विभिन्न विभागों में हजारों रिक्त पद हैं। उन्होंने कहा कि इन पदों के लिए युवा सालों से तैयार हो रहे हैं, लेकिन फिर भी चयन में गड़बड़ी हो रही है।

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कम नंबर वालों का हो रहा चयन

दिग्विजय ने आगे लिखा कि इस साल घोषित किए गए परीक्षा परिणामों से युवाओं का आत्मविश्वास गिरा है। लिखित परीक्षा में सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन कर मेरिट में नंबर लाने वाले अभ्यर्थी चयन में वंचित कर दिए गए और कम नंबर लाने वाले साक्षात्कार में ज्यादा नंबर लाकर डिप्टी कलेक्टर, डीएसपी जैसे पदों पर चयनित हो गए है। मार्कशीट मिलने पर इस धांधली का खुलासा हुआ है। इस परीक्षा की निष्पक्ष जांच होनी चाहिए।

विशेष विचारधारा के तहत चयन का आरोप

दिग्विजय सिंह ने यह भी लिखा कि मध्य प्रदेश लोक सेवा आयोग में एक विशेष विचारधारा के लोगों को नियुक्त किया जा रहा है, जिससे भाई-भतीजावाद की संस्कृति को बढ़ावा मिल रहा है। उन्होंने इस मुद्दे पर उच्च न्यायालय के कार्यरत न्यायधीश की अध्यक्षता में एक न्यायिक आयोग गठित करने की मांग की ताकि इस गड़बड़ी की निष्पक्ष जांच की जा सके।

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परीक्षा निरस्त कर फिर से आयोजित करने की मांग

उन्होंने इस मामले में गड़बड़ियों की जांच कराने और अगर कोई अनियमितताएं पाई जाती हैं, तो परीक्षा को निरस्त करके पुनः आयोजित करने की मांग की है। उनका मानना है कि बेरोजगार और प्रतिभाशाली अभ्यर्थियों को न्याय मिलना चाहिए और एमपीपीएससी की प्रतिष्ठा को बचाया जाना चाहिए।

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