जबलपुर हाईकोर्ट में डीजे की तेज आवाज से होने वाली मानव समुदाय को शारीरिक नुकसान और सामुदायिक दंगे भड़कने के मामलों को चुनौती देने वाली जनहित याचिका पर सुनवाई हुई। इस दौरान सरकार की ओर से बताया गया कि मुख्यमंत्री ने डीजे के संबंध में आवश्यक दिशा-निर्देश जारी किए हैं, लेकिन हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस सुरेश कुमार कैत और जस्टिस विवेक जैन ने तल्ख टिप्पणी करते हुए कहा कि केवल निर्देश जारी करना पर्याप्त नहीं है, उनका पालन सुनिश्चित करना भी आवश्यक है।
DJ की आवाज से चौंक रहा था बेटा, पिता ने लड़कों को टोका तो काट डाला गला
डीजे की तेज आवाज से शारीरिक नुकसान
अधिवक्ता अमिताभ गुप्ता ने याचिका में यह आरोप लगाया कि डीजे की तेज आवाज से शारीरिक स्वास्थ्य पर प्रतिकूल असर पड़ रहा है, विशेष रूप से कानों में सुनने की क्षमता में कमी आ रही है। वह यह चाहते हैं कि डीजे के लिए तय की गई आवाज की सीमा का पालन हो।
सामुदायिक दंगे और सांस्कृतिक प्रभाव
याचिका में यह भी उल्लेख किया गया कि डीजे पर बजाए जाने वाले गाने कभी-कभी सांप्रदायिक तनाव को बढ़ावा देते हैं, जिसके कारण कई स्थानों पर सांप्रदायिक दंगे हो चुके हैं। याचिकाकर्ता ने कहा कि इन मुद्दों को गंभीरता से लिया जाए और डीजे के गानों पर नियंत्रण लगाया जाए।
राजधानी में खुले में मांस की बिक्री पर प्रसाशन सख्त, अब दर्ज होगी FIR
सरकारी दिशा-निर्देशों का पालन आवश्यक
हाईकोर्ट ने इस मामले में तल्ख टिप्पणी करते हुए कहा कि सरकार द्वारा जारी किए गए दिशा-निर्देशों का पालन सुनिश्चित किया जाना चाहिए, केवल निर्देश जारी करना पर्याप्त नहीं है। कोर्ट ने सरकार से बिंदुवार जवाब पेश करने को कहा है।
DJ बजाने को लेकर विवाद, जमकर चले लाठी-डंडे, 16 लोग घायल, केस दर्ज
अगली सुनवाई और कोर्ट का रुख
इस याचिका की अगली सुनवाई 17 फरवरी को निर्धारित की गई है। कोर्ट ने इस मामले पर आगे की सुनवाई के दौरान बारीकी से विचार करने की बात कही है और सरकार को अपने जवाब में पूरी जानकारी देने का निर्देश दिया है।
इंदौर नगर निगम के BJP पार्षदों की चाल, चरित्र और चेहरा- जुआ, दुष्कर्म, धमकाने जैसे केस
अधिवक्ता अमिताभ गुप्ता ने दायर की याचिका
अधिवक्ता अमिताभ गुप्ता द्वारा दायर याचिका में कहा गया कि डीजे की आवाज दिन में 55 डेसिबल और रात में 45 डेसिबल से अधिक नहीं होनी चाहिए, क्योंकि इससे ध्वनि प्रदूषण फैलता है और स्वास्थ्य पर बुरा असर पड़ता है। याचिकाकर्ता ने यह भी बताया कि ट्रकों में 20 फीट तक साउंड सिस्टम लगाकर डीजे बजाए जाते हैं, जिससे लोगों के कानों पर असर पड़ रहा है और कई जगहों पर सांप्रदायिक दंगे भी भड़क चुके हैं। इस पर युगलपीठ ने सरकार को निर्देश दिया कि याचिका में उठाए गए मुद्दों पर बिंदुवार जवाब प्रस्तुत करें।