मध्य प्रदेश के खरगोन में मुस्लिम समाज के आगामी पर्व मोहर्रम को लेकर एक बैठक आयोजित की गई। इस बैठक में समाज के वरिष्ठजन और इमाम मौजूद रहे। इस बैठक का आयोजित नगर के जमातखाना में सामाजिक संस्था जमात इस्लाहुल मुस्लिमीन द्वारा किया गया था।
बैठक में लिया गया यह फैसला
इसमें सर्वसम्मति से मोहर्रम के दिन निकलने वाले जुलूस के दौरान डीजे साउंड सिस्टम का इस्तेमाल नहीं करने पर सहमति बनी। इसके साथ ही इस बार यह जुलूस शांति और आपसी भाईचारे के साथ निकाले जाने का भी निर्णय लिया गया।
DJ बजाना शरीयत के मुताबिक हराम
जमातखाना की बैठक में मौजूद सभी इमामों और मौलानाओं ने कहा कि डीजे बजाना शरीयत के मुताबिक हराम होने के साथ ही कानूनी रूप से भी अपराध है। उन्होंने कहा कि डीजे पर फूहड़ता वाला नाच किया जाता है। यह जुलूस जैसे पवित्र आयोजन की गरिमा को गिराता है। वहीं इस तरह डीजे साउंड बजाना युवाओं में नशे को भी बढ़ावा देता है।
परमिशन मांगने वालों का होगा बहिष्कार
बैठक में यह भी निर्णय लिया गया कि इस पाबंदी को सभी मोहल्ला कमेटियों को अनिवार्य रूप से मानना होगा। यदि कोई शासन, प्रशासन या जनप्रतिनिधियों के पास परमिशन लेने जाता है तो ऐसे में उसका सामाजिक बहिष्कार किया जाएगा।
ये खबर भी पढ़िए...T20 World Cup 2024 में सबसे अधिक रन व विकेट लेने वाले खिलाड़ी
बैठक में ये लोग रहे मौजूद
बता दें कि, इस बैठक में सामाजिक संस्था जमात-ए-इस्लाहुल मुस्लिमीन के मेंबर, एहले सुन्नत वल जमात के उलेमा, मौलाना उस्मान, मुसअब मुफ्ती जिलानी, मौलाना कुतुबुद्दीन कादरी, हाफिज कलीम, हाफिज मोहसिन, मुफ्ती तैयब, सदर आरिफ खान, जाकीर खान, मगबूल खान के साथ ही सेक्रेटरी, पूर्व सदर अल्ताफ आजाद और जाकिर हाफिज सहित शहरभर के मौलाना मौजूद रहे।
इसके पहले शादी में डीजे बजाने पर लगाया था प्रतिबंध
उल्लेखनीय है कि इसके पहले जमात ने शादी में भी डीजे बजाने पर प्रतिबंध लगाने का निर्णय लिया था, जिस पर आज भी समाज के लोग अमल कर रहे हैं।
thesootr links
-
छत्तीसगढ़ की खबरें पढ़ने यहां क्लिक करें