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Photograph: (The Sootr)
GWALIOR. ग्वालियर में 3 से 5 अक्टूबर 2025 तक आयोजित मध्यप्रदेश स्टेट ऑप्थल्मिक सोसाइटी के वार्षिक सम्मेलन में डॉ. समेंद्र कारखुर ने एक अद्वितीय उपलब्धि हासिल की। उन्होंने सम्मेलन में भाग लेने वाले वैज्ञानिकों में से तीन हाई स्टैंडर्ड के पुरस्कारों को जीतकर सभी को चौंका दिया।
अवार्ड्स की लिस्ट
1. स्टार ऑफ एमपी अवार्ड: यह पुरस्कार एक प्रतिष्ठित आई सर्जन को दिया जाता है, जो मध्य प्रदेश से जुड़ी अपनी कार्यशैली और उपलब्धियों के लिए राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय मान्यता प्राप्त करता है।
2. आईबी गोयल मेमोरियल अवार्ड: इस पुरस्कार से डॉ. कारखुर को मध्य प्रदेश के सबसे बेहतरीन वैज्ञानिक पेपर प्रस्तुति के लिए सम्मानित किया गया।
3. डीएनएस चौधरी अवार्ड: यह अवार्ड पूरे राज्य के विजेताओं में से सर्वश्रेष्ठ वैज्ञानिक पेपर प्रस्तुति को दिया जाता है, जो डॉ. कारखुर के शोध कार्य को नई ऊंचाई पर ले गया।
ये रहे रिसर्च वर्क
डॉ. समेंद्र कारखुर ने पेडियाट्रिक उवीआईटिस (बच्चों में आई सूजन) और एक नई बायोलॉजिकल थेरेपी के भूमिका पर रिसर्च किया। इस रिसर्च में यह सिद्ध हुआ कि नई दवा से कॉर्टिकोस्टेरॉयड्स की खुराक को कम किया जा सकता है, जो बच्चों के लिए गंभीर और दीर्घकालिक साइड-इफेक्ट्स का कारण बनते हैं।
डॉ. कारखुर की चिकित्सा उपलब्धियां
डॉ. समेंद्र कारखुर वर्तमान में असिस्टेंट प्रोफेसर और चीफ विट्रीओ-रेटिना सर्जन के रूप में AIIMS भोपाल में कार्यरत हैं। इससे पहले उन्होंने जटिल रेटिना सर्जरी के क्षेत्र में कई सराहनीय कार्य किए हैं, जिसमें एक दुर्लभ मामला शामिल है, जिसमें उन्होंने आंख से 1.5 इंच लंबे जीवित कीड़े को निकालने में सफलता प्राप्त की। यह सर्जरी न्यू इंग्लैंड जर्नल ऑफ मेडिसिन (NEJM) में प्रकाशित हुई है, जो मेडिकल क्षेत्र में एक प्रतिष्ठित अंतर्राष्ट्रीय पत्रिका है।
AIIMS भोपाल के सीईओ ने दी बधाई
AIIMS भोपाल के प्रोफेसर डॉ. माधवनंद कार, जो संस्थान के कार्यकारी निदेशक और सीईओ भी हैं, ने डॉ. समेंद्र कारखुर को उनके अभूतपूर्व कार्यों और एमपी ऑप्थल्मिक सोसाइटी के तीन अवार्ड जीतने के लिए बधाई दी। उन्होंने डॉ. कारखुर की उच्च गुणवत्ता वाली शोध के योगदान के लिए और मध्य भारत के मरीजों को अंतर्राष्ट्रीय स्तर की रेटिना सर्जरी सेवा देने के लिए उनका आभार व्यक्त किया।
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