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AIIMS भोपाल ने छाती के कैंसर के इलाज में एक नई उपलब्धि हासिल की है। अस्पताल ने छाती के कैंसर, जिसमें फेफड़ों और भोजन नली का कैंसर शामिल है, के लिए 'थोरासिक आंकोलॉजी' सुविधा शुरू की है। इससे मध्य भारत के कैंसर मरीजों को अब बड़े शहरों की यात्रा की जरूरत नहीं पड़ेगी। यह सुविधा महंगे इलाज और लंबी यात्रा की परेशानी को भी दूर करेगी।
थोरासिक आंकोलॉजी सुविधा की शुरुआत
एम्स भोपाल में छाती से जुड़े कठिन कैंसर सर्जरी के लिए एक नई समर्पित सुविधा की शुरुआत की गई है। इस सुविधा के तहत, अस्पताल ने एक जटिल ऑपरेशन को सफलतापूर्वक अंजाम दिया। डॉक्टरों ने मरीज की भोजन नली के कैंसरग्रस्त हिस्से को निकालकर पेट के हिस्से से नई नली बनाई और उसे गले से जोड़ा। यह सभी सर्जरी दूरबीन (Laparoscopy) और कैमरे वाली अत्याधुनिक थोरास्कोपिक तकनीक से की गई, जिससे मरीज को किसी प्रकार का बड़ा चीरा नहीं लगाना पड़ा।
नई तकनीक के फायदे
इस तकनीक का सबसे बड़ा लाभ यह है कि इसमें बड़े चीरे नहीं लगाए जाते, जिससे मरीज को कम दर्द होता है और वह जल्दी ठीक हो पाता है। यही नहीं, इस प्रक्रिया से अस्पताल में भर्ती रहने का समय भी कम हो जाता है और रोगी जल्दी घर लौट सकता है।
कैंसर मरीजों के लिए राहत
अब तक, छाती से जुड़े जटिल कैंसर के ऑपरेशन के लिए मरीजों को दिल्ली या मुंबई जैसे बड़े शहरों में जाना पड़ता था, जहां उपचार की लागत भी अधिक होती थी। लेकिन अब यह उच्च गुणवत्ता वाली सुविधा एम्स भोपाल में उपलब्ध है। इससे न केवल मरीजों को आर्थिक राहत मिलेगी, बल्कि उन्हें लंबी यात्रा और मानसिक तनाव से भी छुटकारा मिलेगा। यह सुविधा अब मध्य प्रदेश और आसपास के राज्यों के मरीजों के लिए एक महत्वपूर्ण संसाधन बन गई है।
विश्वस्तरीय सुविधा का नेतृत्व
इस विशेष पहल का नेतृत्व प्रो. डॉ. माधवानंद कर रहे हैं, जो न केवल एक बेहतरीन सर्जन हैं, बल्कि एक उत्कृष्ट शिक्षक भी हैं। उन्होंने देश के कई प्रमुख एम्स संस्थानों में अपनी विशेषज्ञता का परिचय दिया है और निरंतर युवा डॉक्टरों को प्रशिक्षित करने में भी योगदान दिया है। उनके नेतृत्व में, एम्स भोपाल की विशेषज्ञ टीम ने पहली जटिल सर्जरी को सफलता से पूरा किया। इस टीम में डॉ. विनय कुमार (Department Head, Surgical Oncology) डॉ. अंकित, डॉ. वैशाली, डॉ. जैनब,डॉ. शिखा शामिल हुए।
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कैंसर के इलाज में एम्स भोपाल की भूमिका
AIIMS Bhopal का सर्जिकल आंकोलॉजी विभाग पहले से ही मध्य प्रदेश और आसपास के राज्यों के 20,000 कैंसर मरीजों का हर साल इलाज करता है। इस नई सुविधा के साथ, आने वाले वर्षों में और अधिक मरीजों को विश्वस्तरीय इलाज का लाभ मिलेगा।
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