ड्रग माफिया प्रेमसुख पाटीदार को मिली अस्थायी जमानत, हाईकोर्ट ने पत्नी की बीमारी को माना आधार

प्रेमसुख पाटीदार वही आरोपी है जिसने वर्ष 2024 में मंदसौर में नाटकीय अंदाज़ में आत्मसमर्पण किया था। उसने खुद को पैर में गोली मारकर पुलिस थाने में सरेंडर किया था। प्रेमसुख को कुख्यात ड्रग तस्कर हरीश आंजना का करीबी सहयोगी माना जाता है।

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Neel Tiwari
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Drug mafia Premsukh Patidar
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MP News: मध्य प्रदेश हाईकोर्ट की इंदौर खंडपीठ ने 1800 करोड़ रुपए से अधिक के ड्रग तस्करी मामले में आरोपी प्रेमसुख पाटीदार को अस्थायी जमानत दे दी है। यह आदेश जस्टिस प्रेम नारायण सिंह की एकलपीठ ने जारी किया। प्रेमसुख पाटीदार ने बीएनएसएस, 2023 की धारा 483 के अंतर्गत दूसरी बार अस्थायी जमानत का आवेदन दाखिल किया था। वह एनडीपीएस अधिनियम की धारा 8/15 के तहत दर्ज प्रकरण में दिनांक 15 अक्टूबर 2024 से न्यायिक हिरासत में है। इससे पूर्व उसका पहला आवेदन, जिसमें पत्नी की बीमारी का ही आधार रखा गया था, फरवरी 2025 में खारिज कर दिया गया था। हालांकि ये आर्डर की कॉपी 23 अप्रैल 2025 की है।

पत्नी के इलाज के लिए फिर मांगी थी जमानत

अधिवक्ता के माध्यम से दायर इस बार के आवेदन में प्रेमसुख ने  यह तर्क रखा कि उसकी पत्नी गंभीर पेट की बीमारी से पीड़ित है और डॉक्टरों ने उसे गैस्ट्रो सर्जन के लिए किसी उच्च चिकित्सा केंद्र में रेफर किया है। आवेदन के साथ विस्तृत चिकित्सकीय दस्तावेज प्रस्तुत किए गए, जिनमें यह बताया गया कि पत्नी की देखभाल के लिए पति की उपस्थिति आवश्यक है। साथ ही, आवेदक ने 1 लाख रुपए की नकद राशि कोर्ट में जमा करने की पेशकश भी की। राज्य की ओर से विरोध जरूर किया गया, परंतु यह तथ्य स्वीकार किया गया कि पत्नी की बीमारी सत्यापित है।

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हाईकोर्ट ने 45 दिन के लिए दी अस्थायी जमानत

सभी प्रस्तुतियों और दस्तावेजों पर विचार करने के बाद न्यायालय ने 45 दिन की अस्थायी जमानत मंजूर कर ली। न्यायालय ने आदेश में कहा कि आवेदक 1 लाख रुपए की नकद राशि एवं दो जमानतदारों के साथ कुल 1 लाख रुपए के व्यक्तिगत बंधपत्र विचारण न्यायालय में प्रस्तुत करेगा। शर्त यह है कि वह विचारण की समस्त तारीखों पर उपस्थित रहेगा और बीएनएसएस की धारा 480(3) में उल्लिखित सभी नियमों का पालन करेगा। यह भी स्पष्ट किया गया कि 45 दिन का समय पूरा होने के बाद उसे  कोर्ट में आत्मसमर्पण करना होगा, अन्यथा उसकी गिरफ्तारी की प्रक्रिया शुरू हो सकती है।

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खुद को गोली मारकर किया था आत्मसमर्पण

प्रेमसुख पाटीदार वही आरोपी है जिसने वर्ष 2024 में मंदसौर में नाटकीय अंदाज़ में आत्मसमर्पण किया था। उसने खुद को पैर में गोली मारकर पुलिस थाने में सरेंडर किया था। प्रेमसुख को कुख्यात ड्रग तस्कर हरीश आंजना का करीबी सहयोगी माना जाता है। दिलचस्प बात यह है कि प्रेमसुख, कांग्रेस के टिकट पर सुवासरा विधानसभा से चुनाव लड़ने वाले राकेश पाटीदार का साला है।

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भोपाल में मिली थी 1800 करोड़ से अधिक की खेप

भोपाल के बगरोदा औद्योगिक क्षेत्र में मिली 1814 करोड़ रुपए की मेफेड्रोन (एमडी) की खेप देश में अब तक की सबसे बड़ी जब्ती में से एक थी। गुजरात एटीएस और एनसीबी दिल्ली ने एक संयुक्त कार्रवाई में यह सफलता हासिल की थी। यह भी सामने आया कि इस अवैध फैक्टरी में हर दिन 25 किलो एमडी ड्रग्स तैयार होता था। जब छापेमारी हुई तब भी इस फैक्ट्री में प्रोडक्शन जारी था। बताया जा रहा है कि इस फैक्टरी के लिए इनवेस्टमेंट हरीश आंजना ने किया था और प्रेमसुख उसकी सप्लाई चैन का अहम हिस्सा था।

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ड्रग कार्टेल के आरोपी को मिली जमानत पर उठ रहे सवाल

जहां एक ओर हाईकोर्ट ने मानवीय आधार पर प्रेमसुख को अस्थायी राहत दी है, वहीं दूसरी ओर यह सवाल भी उठ रहा है कि क्या इतने संगीन अपराध के आरोपी को इतनी आसानी से जमानत दी जानी चाहिए? हालांकि यह केवल अस्थायी जमानत है, लेकिन जब मामला देशभर में फैले ड्रग सिंडिकेट से जुड़ा हो, तब ऐसी रियायतें समाज में क्या संदेश देती हैं, यह बहस का विषय है।

जमानत के बाद जांच एजेंसियों की निगरानी बढ़ी

सूत्रों के अनुसार, एनसीबी, एटीएस और स्थानीय पुलिस प्रेमसुख पाटीदार पर लगातार नजर बनाए हुए हैं। चूंकि यह मामला अंतरराज्यीय ड्रग नेटवर्क से जुड़ा हुआ है, इसलिए उसकी गतिविधियों की निगरानी महत्वपूर्ण मानी जा रही है।

 

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