जमीन घोटाले में गंगा पाठक के साथी द्वारका त्रिपाठी को हाईकोर्ट से मिली जमानत

जबलपुर जमीन घोटाले में सह-आरोपी द्वारका त्रिपाठी को हाईकोर्ट ने जमानत दी है। गंगा पाठक और अन्य आरोपी अभी फरार हैं। पुलिस ने उनके खिलाफ ईनाम घोषित किया है।

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Neel Tiwari
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Photograph: (the sootr)

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JABALPUR. जबलपुर के जमीन घोटाले में सह-आरोपी द्वारका प्रसाद त्रिपाठी को हाईकोर्ट ने जमानत दी है। इस मामले में पत्रकार गंगा पाठक, उनकी पत्नी और अन्य आरोपी अभी फरार हैं। पुलिस ने उनके खिलाफ ईनाम भी घोषित किया है।

पत्रकार गंगा पाठक से जुड़े कथित जमीन फर्जीवाड़ा मामले में सह-आरोपी द्वारका प्रसाद त्रिपाठी को मध्य प्रदेश हाईकोर्ट से बड़ी राहत मिली है। कोर्ट ने त्रिपाठी की उम्र, परिस्थितियों और मामले के तथ्यों को देखते हुए उन्हें जमानत पर रिहा करने के निर्देश दिए हैं।

जमीन खरीद में लगा फर्जीवाड़े का आरोप

गंगा पाठक और अन्य पर बरगी और तिलवारा थाने में मामले दर्ज हुए हैं। यह मामला तिलवारा थाना क्षेत्र का है, जहां अपराध क्रमांक 93/2025 के तहत भारतीय दंड संहिता की धारा 419, 420, 468, 471 और अनुसूचित जाति/जनजाति अत्याचार निवारण अधिनियम की धाराओं में केस दर्ज किया गया था।

आरोप है कि एक अनुसूचित जनजाति की भूमि की अवैध रजिस्ट्री कर करोड़ों का सौदा किया गया। इस मामले में पत्रकार गंगा पाठक के साथ सह-आरोपी बनाए गए द्वारका प्रसाद त्रिपाठी को 8 मई 2025 को गिरफ्तार किया गया था।

'मैं खरीदार हूं, धोखेबाज नहीं' - अपीलकर्ता की दलील

द्वारका त्रिपाठी की ओर से अदालत में प्रस्तुत किया गया कि उन्होंने 13 लाख रुपये की वैध राशि देकर जमीन खरीदी थी। बाद में उन्हें पता चला कि जमीन अनुसूचित जनजाति की थी, जिसे बेचना प्रतिबंधित है। त्रिपाठी ने उलटे खुद पुलिस अधीक्षक को पूरे मामले की रिपोर्ट भी दी थी। उन्होंने यह भी कहा कि उन्हें और असली जमीन मालिक को सतनामी नाम के दलाल ने झांसे में लेकर फंसाया।

बैंक ट्रांजैक्शन से किया गया दावा मजबूत

त्रिपाठी के वकील ने कोर्ट में बैंक खाता विवरण भी पेश किया, जिसमें वुडलैंड इंडस्ट्रीज नामक दलाल के खाते में पैसे ट्रांसफर होने की पुष्टि की गई। अदालत को यह भी बताया गया कि त्रिपाठी लगभग 70 वर्ष के बुजुर्ग हैं, और लंबे समय से हिरासत में हैं।

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सरकारी वकील ने की विरोध जताने की खानापूर्ति

राज्य की ओर से पेश अधिवक्ता ने जमानत का विरोध करने की खानापूर्ति करते हुए कहा कि यह गंभीर प्रकृति का अपराध है, लेकिन साथ ही खुद मान लिया कि पूछताछ पूरी हो चुकी है और आरोपी न्यायिक हिरासत में है। सरकार की ओर से कमजोर दलील के चलते, कोर्ट ने दोनों पक्षों को सुनने के बाद पाया कि वर्तमान परिस्थितियों में त्रिपाठी को जमानत देना उचित है।

25 हजार रुपये के मुचलके पर रिहाई, कोर्ट ने लगाईं सख्त शर्तें

मध्य प्रदेश हाईकोर्ट ने द्वारका प्रसाद त्रिपाठी को 25 हजार रुपये के निजी मुचलके और इतनी ही राशि के सॉल्वेंट ज़मानतदार की शर्त पर जमानत दी है। साथ ही यह स्पष्ट किया कि आरोपी को फिर से अपराध न करने, गवाहों को प्रभावित न करने और न्यायालय में उपस्थित रहने जैसी कानूनी शर्तों का पालन करना होगा।

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मामला अब भी जांच के घेरे में, मुख्य आरोपी सहित अन्य फरार

 इस मामले में पत्रकार गंगा पाठक शायद उनकी पत्नी और अन्य आरोपी अभी फरार हैं जिनके ऊपर जबलपुर पुलिस अधीक्षक नहीं इनाम घोषित किया हुआ है। इस मामले में जाति बदलकर जमीन का फर्जीवाड़ा किया गया था, इस जमीन सौदे में जिन सरकारी दस्तावेजों और जातिगत प्रावधानों की अनदेखी हुई, वह पूरे सिस्टम पर सवाल खड़े कर रही है।

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