हरसी घोटाले में ED की बड़ी कार्रवाई, 347 करोड़ रुपए के घोटाले में 49 अफसरों के खिलाफ शुरू की जांच

ईडी ने हरसी उच्च स्तरीय नहर निर्माण घोटाले की जांच तेज कर दी है, जिसमें 347 करोड़ रुपए का घोटाला हुआ था। वहीं 49 अफसरों की संपत्ति की जानकारी जुटाने की जिम्मेदारी ईई को सौंपी गई।

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Amresh Kushwaha
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हरसी उच्च स्तरीय नहर निर्माण का घोटाला मध्य प्रदेश के ग्वालियर और भिंड जिलों में हुआ था। इस परियोजना का उद्देश्य सिंचाई के लिए पानी उपलब्ध कराना था, लेकिन इसमें 347 करोड़ रुपए का घोटाला सामने आया। यह मामला 15 वर्षों से न्यायालय में लंबित था, लेकिन अब ईडी (प्रवर्तन निदेशालय) ने इसे अपनी प्राथमिकताओं में शामिल कर लिया है और इसकी जांच तेज कर दी है।

ईडी ने जल संसाधन विभाग से उन अधिकारियों की संपत्तियों की जानकारी मांगी है, जिन पर ईओडब्ल्यू (आर्थिक अपराध अन्वेषण ब्यूरो) ने एफआईआर दर्ज की थी। इस जानकारी का उद्देश्य शासन को हुए नुकसान की वसूली करना है।

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ईडी ने मांगी दस्तावेजों की सूची

ईडी ने जल संसाधन विभाग से कुछ जरूरी दस्तावेज और जानकारी मांगी हैं, जिनमें परियोजना के संबंध में विस्तृत रिपोर्ट, सहायक दस्तावेज, आपूर्तिकर्ताओं को किए गए भुगतान के बिल, खरीदी गई सामग्री के लिए संशोधित अनुमान, नहर के लिए राशि स्वीकृति और निविदाओं की जानकारी शामिल हैं।

इन दस्तावेजों की जांच के बाद, 49 अधिकारियों, बैंक प्रबंधकों और ठेकेदारों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जा सकती है। इनमें से कई आरोपित अब तक मौत के शिकार हो चुके हैं, लेकिन बाकी लोग अभी भी जांच के दायरे में हैं।

हरसी नहर घोटाले का इतिहास

यह परियोजना ग्वालियर और भिंड जिलों के किसानों को सिंचाई हेतु पानी उपलब्ध कराने के लिए शुरू की गई थी। इसके निर्माण में कथित तौर पर 347 करोड़ रुपए का घोटाला किया गया था। इसके बाद 49 अधिकारियों, बैंक प्रबंधकों और ठेकेदारों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई।

ईओडब्ल्यू के तत्कालीन एसपी ओपी मित्तल ने 2009 में इस घोटाले को लेकर भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की विभिन्न धाराओं के तहत केस दर्ज किया था। यह मामला न्यायालय में लंबित होने के बावजूद, ईडी ने इसे तूल देने के बजाय अब जांच तेज कर दी है।

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ईडी के जरिए मांगी गई जानकारी

ईडी ने विभिन्न विभागीय दस्तावेजों की मांग की है, जिनमें निम्नलिखित शामिल हैं-

  1. हरसी उच्च स्तरीय परियोजना की विस्तृत रिपोर्ट

  2. जल संसाधन विभाग के अधिकारियों का विवरण

  3. खरीदी गई सामग्री के लिए संशोधित अनुमान

  4. निविदाओं का विवरण

  5. आपूर्तिकर्ताओं का विवरण और उनके बैंक खाते

ईडी करेगी वित्ती हेराफेरी की जांच

ईडी की मुख्य भूमिका वित्तीय हेराफेरी की जांच करना है। इस मामले में ईडी ने उन अधिकारियों और ठेकेदारों की संपत्ति की जानकारी मांगी है जिन पर एफआईआर दर्ज की गई है। यह जानकारी शासन को हुए नुकसान की वसूली के लिए बेहद जरूरी हो सकती है।

FAQ

हरसी नहर घोटाला क्या था?
हरसी नहर घोटाला एक बड़ा वित्तीय घोटाला था जिसमें 347 करोड़ रुपए का हेराफेरी हुआ था। यह परियोजना ग्वालियर और भिंड जिलों में किसानों को सिंचाई के पानी की आपूर्ति के लिए शुरू की गई थी।
ईडी ने हरसी घोटाले की जांच क्यों शुरू की?
ईडी ने हरसी घोटाले की जांच शासन को हुए नुकसान की वसूली और दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई के लिए शुरू की। ईडी ने संबंधित अधिकारियों और ठेकेदारों की संपत्तियों की जानकारी मांगी है।
हरसी घोटाले में कितने अधिकारी शामिल हैं?
इस घोटाले में कुल 49 अधिकारी, बैंक प्रबंधक और ठेकेदार शामिल थे। इनमें से कई की मृत्यु हो चुकी है, लेकिन बाकी अभी जांच के दायरे में हैं।

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