BHOPAL. बीते महीनों में नियमित और अतिथि शिक्षक ही स्कूल शिक्षा विभाग के आदेशों से उलझन में थे। वहीं अब स्कूलों में प्रवेश की तैयारी कर रहे नर्सरी के बच्चों के परिजन असमंजस में हैं। इसकी वजह भी स्कूल शिक्षा विभाग ही बना है। स्कूल शिक्षा विभाग के दो आदेश नर्सरी कक्षा में प्रवेश की निर्धारित न्यूनतम उम्र के मामले में विरोधाभास पैदा कर रहे हैं। इनमें एक आदेश में नर्सरी में प्रवेश के लिए न्यूनतम उम्र की गणना 1 अप्रैल से करने का उल्लेख है तो दूसरे आदेश में गणना के लिए 31 जुलाई 2024 को आधार माना गया है।
कक्षा 1 में प्रवेश के लिए पहले आदेश में आयु सीमा की गणना 1 अप्रैल 2024 से की गई थी, जबकि दूसरे आदेश में इसे 30 सितम्बर दर्शाया गया है। अब इन आदेशों के कारण बच्चों के माता-पिता चिंतित है क्योंकि उम्र की गणना के चक्कर में बच्चों का एडमिशन अटका हुआ है।
अप्रैल से या सितम्बर से उम्र की गणना
स्कूल शिक्षा विभाग ने राष्ट्रीय शिक्षा नीति को देखते हुए नर्सरी कक्षा में प्रवेश के लिए उम्र की गणना के लिए नए सिरे से आदेश जारी किए हैं। विभाग के अफसरों द्वारा जारी इन आदेशों में हुई तकनीकी चूक ने प्रदेश के लाखों अभिभावकों की परेशानी बढ़ा दी है। दरअसल विभाग के एक आदेश में उम्र की गणना एक अप्रैल रखी गई तो दूसरे में इसे 30 सितंबर तक कर दिया गया है। विभाग के अनुसार नर्सरी में प्रवेश के लिए बच्चे की आयु कम से कम 3 साल और अधिकतम साढ़े 4 साल होना जरूरी है।
वहीं कक्षा केजी- 1 में प्रवेश के लिए कम से कम आयु 4 और केजी- 2 में प्रवेश के लिए बच्चे की न्यूनतम उम्र 5 साल होना चाहिए। जबकि कक्षा 1 में एडमिशन के लिए बच्चे की न्यूनतम उम्र 6 साल रखी गई है। लेकिन न्यूनतम और अधिकतम उम्र की गणना को लेकर कक्षा नर्सरी और कक्षा एक के लिए दो-दो आदेश और उनमें महीनों का अंतर मुश्किल खड़ी कर रहा है। साल 2024 में भी इस आदेश की वजह से परिजनों को कठिनाइयों का सामना करना पड़ा था तब भी विभाग ने आदेशों को लेकर संशोधन जारी नहीं किया और अब फिर ये आदेश उलझन बन गए हैं।
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रियायत का आदेश बन रहा गफलत
मप्र में नर्सरी, केजी और पहली क्लास में एडमिशन के लिए शिक्षा विभाग ने पहले से तय बच्चों की आयु सीमा में अब छूट दे दी है। मंगलवार को स्कूल शिक्षा विभाग ने नया आदेश जारी करके इसकी जानकारी दी है। इसमें नर्सरी, केजी1, केजी2 के लिए बच्चों की आयु की गणना 1 अप्रैल 2024 के स्थान पर 31 जुलाई कर दी गई है। साथ ही कक्षा 1 में प्रवेश के लिए बच्चों की आयु की गणना 1 अप्रैल 2024 के स्थान पर 30 सितंबर कर दी गई है।
अब 30 सितंबर तक जन्म तिथि वाले बच्चे भी कक्षा एक में प्रवेश ले सकेंगे। इससे पहले स्कूल शिक्षा विभाग ने कहा था कि पहली क्लास में प्रवेश के लिए बच्चों की आयु 1 अप्रैल 2024 को 6 वर्ष से कम नहीं होना चाहिए। इससे 1 अप्रैल के बाद जन्मे कई बच्चों को एडमिशन नहीं मिल रहा है।
2024 में भी हुई भी एडमिशन में मुश्किल
वहीं स्कूल शिक्षा के जानकारों की मानें तो साल 2024 में विभाग के पहले आदेश में 1 अप्रैल से उम्र की गणना की जानी थी। इस दौरान बच्चों को नर्सरी और कक्षा एक में प्रवेश दिलाने में जहां परिजन परेशान हुए थे वहीं स्कूल प्रबंधन भी पशोपेश में थे। इसी वजह से स्कूल शिक्षा विभाग ने बाद में नया आदेश जारी कर आयु की गणना में छह महीने की रियायत देते हुए उसे बढ़ाकर 10 सितम्बर कर दिया था। जिससे कि प्रवेश के दौरान बच्चों को वंचित न रहना पड़े क्योंकि इन कक्षाओं में ज्यादातर स्कूल जनवरी-फरवरी महीने में ही प्रवेश लेते हैं।
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उलझन से बचने संशोधन का इंतजार
प्रवेश की उम्र को लेकर स्थिति स्पष्ट है। इसको लेकर पूर्व में विभाग ने जो आदेश जारी किए हैं वही तय हैं। केवल बीत साल प्रवेश से बच्चे वंचित न रहें इसके लिए रियायत दी गई थी। यदि कहीं उलझन है तो स्थिति को और स्पष्ट करने का प्रयास करेंगे। स्कूलों में निर्धारित कक्षाओं में प्रवेश के लिए उम्र की गणना 1 अप्रैल से ही की जाएगी। वहीं अभिभावक बीते साल के दो आदेशों को लेकर नया संशोधन या स्पष्टीकरण जारी न होने से असमंजस की स्थिति में फंसे हुए हैं।