संजय गुप्ता @ INDORE. कांग्रेस ( CONGRESS ) नेताओं के दलबदल ( Defection ) का सीधा असर सोमवार को मैदान में दिखाई दिया। कांग्रेस का किसानों ( Farmers ) के मुद्दे पर छावनी अनाज मंडी में हुआ धरना-प्रदर्शन पूरी तरह फ्लॉप हो गया और गिनती के 30 लोग भी जुटाने कांग्रेस को भारी पड़ गए। बड़े नेताओं में कोई भी मंच पर नजर नहीं आया और उधर कार्यकर्ताओं का भी टोटा दिखा।
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दो दिन पहले ही दी थी सूचना
किसानों को गेंहू और धान का अधिक समर्थन भाव दिलाने के लिए यह प्रदर्शन था। इसके लिए सात दिन से तैयारी चल रही थी और सभी कार्यकर्ताओं और पदाधिकारियों को कांग्रेस ने दो दिन पहले सूचना दी थी कि प्रदर्शन के लिए आना है। लेकिन कांग्रेस की ओर से ग्रामीण जिलाध्यक्ष सदाशिव यादव, कार्यवाहक शहर अध्यक्ष अरविंद बागड़ी व अन्य ही पहुंचे, मंच पर ही कई कुर्सियां खाली पड़ी हुई थी। 30 कांग्रेसी कार्यकर्ता भी छावनी अनाज मंडी धरने में शामिल होने नहीं पहुंचे।
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दो दिन पहले पूर्व विधायक शुक्ला और पटेल गए थे BJP में
दो दिन पहले ही कांग्रेस के पूर्व विधायक संजय शुक्ला और देपालपुर के पूर्व विधायक विशाल पटेल बीजेपी में शामिल हो गए थे। इसके बाद से ही पहले ही बेदम हो रही कांग्रेस के कार्यकर्ताओं के साथ बचे-खुचे नेताओं का भी मनोबल बुरी तरह टूट चुका है। रही बात लोकसभा चुनाव की तो 35 साल से यह सीट जिस तरह से बीजेपी के पास है, और कांग्रेस को लड़ने के लिए उम्मीदवार नहीं मिल रहे हैं, यह पूरा हिसाब ही उन्हें घर बैठने पर मजबूर कर रहा है।
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