इंदौर SIR में 1.84 लाख मतदाताओं की मैपिंग नहीं, नोटिस से मिलेगा मौका

इंदौर में मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (SIR) में 1.84 लाख मतदाताओं की मैपिंग नहीं हुई है। भारत निर्वाचन आयोग ने डेडलाइन बढ़ाकर 16 दिसंबर कर दी है। इन मतदाताओं को अब नोटिस भेजकर नाम बचाने का आखिरी मौका मिलेगा।

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Sanjay Gupta
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INDORE SIR PROCESS

Photograph: (the sootr)

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INDORE. भारत निर्वाचन आयोग ने मतदाता सूची के लिए SIR की समयावधि सात दिन बढ़ा दी है। इंदौर जिले में एसआईआर को लेकर काफी तेज़ गति से काम किया गया। कलेक्टर शिवम वर्मा ने इस काम की लगातार मॉनिटरिंग की है। नोडल अधिकारी आईएएस पवार नवजीवन विजय ने इसे प्राथमिकता में लिया।

इसका नतीजा यह हुआ कि इंदौर में 77 फीसदी काम हो चुका है। इंदौर के 20 लाख मतदाताओं का गहन पुनरीक्षण किया जा चुका है। 

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मप्र में 94 फीसदी काम पूरा

मप्र में SIR (विशेष गहन पुनरीक्षण) का 94 फीसदी काम हो चुका है। मप्र के अशोकनगर,नीमच,गुना,बैतूल,मंडला, सीहोर,उमरिया, शाजापुर जिले में 100 फीसदी काम पूरा कर चुके हैं। सीधी, डिंडोरी, उमरिया, बड़वानी, मंदसौर, बुरहानपुर, आगर-मालवा, पन्ना जिले भी 98-99 फीसदी पर आ गए हैं। 

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मतदाता सूची प्रकाशन के पहले जाएंगे नोटिस

मतदाता सूची प्रकाशन (16 दिसंबर) के पहले मैपिंग नहीं होने वाले मतदाताओं को नोटिस जाएंगे। एमपी में 5.74 करोड़ मतदाताओं में से 24.20 लाख मतदाताओं की मैपिंग नहीं हुई है। इंदौर जिले में अभी की स्थिति में यह संख्या करीब 1.84 लाख है। लेकिन काम पूरा होने तक यह ढाई लाख तक पहुंचने की संभावना है।  

इस तरह के नोटिस जाएंगे-

इंदौर जिले में 28.67 मतदाताओं में से 20 लाख मतदाताओं के SIR का काम पूरा हो गया है। मैपिंग 1.84 लाख की नहीं मिली है। यानी यह वह मतदाता है जिनके नाम 2003 की मतदाता सूची में नहीं थे। इनके परिजन भी इस सूची में नहीं मिले हैं। ऐसे में इन मतदाताओं को 12 से 15 दिसंबर के बीच में नोटिस जाएंगे। इन्हें तय 11 दस्तावेज में से एक देकर फार्म भरकर नोटिस का जवाब देना होगा। इसके बाद मतदाता सूची जारी होने (16 दिसंबर) पर उनके नाम जुड़ सकेंगे। 

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यह संख्या 2.50 लाख से ज्यादा होगी

इंदौर के अभी तक के 20 लाख मतदाताओं के SIR काम में 1.94 लाख मतदाताओं की मैपिंग नहीं मिली है। यह 6.77 फीसदी है। माना जा रहा है कि बाकी बचे 8 लाख मतदाताओं में भी इसी हिसाब से करीब 50 हजार मतदाता और मिलेंगे। यानी जिले में ढाई लाख से अधिक मतदाताओं को आयोग की साइट से आटोमेटिक नोटिस जनरेट होंगे।

अभी की स्थिति में 20 लाख मतदाताओं में से 8.21 लाख मतदाताओं के नाम 2003 की सूची में मिले हैं। 10 लाख से ज्यादा मतदाता वह है जिनके परिजनों के नाम सूची में मिल गए हैं।

बीएलओ ही पहुंचाएगा यह नोटिस

यह नोटिस बीएलओ द्वारा ही मतदाता को पहुचाएं जाएंगे। क्योंकि 12 से 16 दिसंबर के बीच में काफी कम समय है। ऐसे में वह हाथों हाथ मतदाता से यह दस्तावेज ले फार्म भरवाकर चुनाव अधिकारी के सामने पेश करेंगे। अधिकारी इन दस्तावेजों के आधार पर उनका नाम मतदाता सूची में जोड़े जाने के लिए अनुमोदन देगा। इसके बाद फिर से नाम सूची में जुड़ेगा। 

इंदौर से शिफ्ट हो गए 1 लाख मतदाता

अभी तक की SIR के अनुसार इंदौर जिले में 1 लाख से ज्यादा मतदाता शिफ्ट होकर अन्य जगह चले गए हैं। 30 हजार मतदाता मिल नहीं रहे हैं। सूची में दर्ज 31 हजार से अधिक मतदाताओं की मौत हो चुकी है।

करीब 11 हजार मतदाता दो बार सूची में दर्ज है। इस तरह 1.81 लाख मतदाताओं का कोई ठिकाना नहीं मिला है। ऐसे में इनके नाम भी सूची से हटेंगे। 

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सांवेर ने किया 100 फीसदी काम पूरा

इंदौर जिले में सबसे पहले 100 फीसदी काम सांवेर तहसील ने पूरा किया है। एसडीएम घनश्याम धनगर की विधानसभा इस मामले में शुरू से ही नंबर वन थी। आखिर में पहले काम करके दिखाया। कलेक्टर शिवम वर्मा ने लगातार बैठकें, जागरूकता कैंप पर जोर दिया,हेल्प डेस्क जैसे कदम उठाए। नोडल अधिकारी आईएएस पवार नवजीवन विजय ने लगातार फालोअप कर इंदौर में तेजी से काम करवाया।

विधानसभा देपालपुर 88 फीसदी काम के साथ दूसरे नंबर पर है। इसके बाद 87 फीसदी काम के साथ महू है। माना जा रहा है कि दो दिन में यह भी 100 फीसदी काम पूरा कर लेंगे। शहरी विधानसभाएं अभी 67 से 80 फीसदी के बीच चल रही है। सबसे पीछे विधानसभा एक है जो 67 फीसदी पर है।

इंदौर भारत निर्वाचन आयोग एसआईआर मतदाता सूची कलेक्टर शिवम वर्मा विशेष गहन पुनरीक्षण मतदाताओं को नोटिस
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