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मध्यप्रदेश के बड़वानी, धार, खरगोन और खंडवा के किसान आंदोलन (farmer protest today) कर रहे हैं। किसानों ने आज (1 दिसंबर) धार के खलघाट में नेशनल हाईवे-52 पर चक्काजाम कर दिया है। वो अपनी मांगों को लेकर प्रदर्शन कर रहे हैं। उनकी मांगों में न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) और कर्जमाफी जैसे मुद्दे शामिल हैं।
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किसानों का कहना है कि पिछले 5 महीने से उन्होंने सरकार को कई बार आवेदन दिए, लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई। अब उनकी मांगें केंद्र सरकार से हैं। उनका कहना है कि जब केंद्र सरकार ने 22 उद्योगपतियों का 11 लाख 41 हजार करोड़ का कर्ज माफ किया, तो किसानों का 9 हजार करोड़ का कर्ज क्यों नहीं माफ किया जा रहा? किसानों ने साफ कहा कि जब तक उनकी मांगें पूरी नहीं होती, वे उठेंगे नहीं।
प्रशासन की ओर से इसे लेकर सुरक्षा व्यवस्था को लेकर एडवाइजरी जारी की गई है।
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प्रशासन की तैयारी
पुलिस प्रशासन ने आंदोलन के दौरान नाकाबंदी और निगरानी बढ़ाने का फैसला किया है। खलघाट में आने-जाने वाले सभी वाहनों पर पूरी तरह से नजर रखी जाएगी।
इसके अलावा, मनावर एसडीएम प्रमोद गुर्जर ने टोल प्लाजा (NH-52) के दोनों तरफ 500 मीटर के दायरे में कुछ प्रतिबंध लगा दिए हैं। प्रशासन ने यह सारी तैयारियां इस आंदोलन को शांतिपूर्वक और कंट्रोल में रखने के लिए की हैं।
सरकार से हुई बातचीत और किसानों की मांगें
इससे पहले, शनिवार को किसानों की मांगों को लेकर सरकार के साथ एक बैठक हुई थी। कृषि मंत्री एदल सिंह कंसाना (Aidal Singh Kansana) से हुई इस बैठक में धार, बड़वानी, खरगोन और खंडवा जिलों के प्रतिनिधियों ने भाग लिया था।
किसानों ने फसलों के न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) और कर्ज मुक्ति जैसे मुद्दों पर चर्चा की, लेकिन बैठक बेनतीजा ( किसान आंदोलन वार्ता विफल) रही। किसान नेता इसके बाद सरकार से नाराज होकर आंदोलन की दिशा में आगे बढ़ने का निर्णय लिया।
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कृषि मंत्री का आश्वासन
कृषि मंत्री ने किसानों से आंदोलन न करने की अपील की है। यह आश्वासन भी दिया है कि उनकी समस्याओं का समाधान किया जाएगा।
उन्होंने बताया कि वह किसानों की मांगों को मुख्यमंत्री मोहन यादव तक पहुंचाएंगे। हालांकि, इस आश्वासन के बावजूद किसानों ने आंदोलन जारी रखने का निर्णय लिया।
किसानों की मुख्य मांगें
किसान नेताओं ने विभिन्न मांगें रखी हैं, जिनमें फसल MSP की गारंटी, कर्ज मुक्ति, और गोमाता को राष्ट्र माता का दर्जा देने की मांग शामिल है। इसके अलावा, किसानों ने केंद्र सरकार से यह भी अपील की है कि वे दलहन, कपास और प्याज के आयात पर रोक लगाए।
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आंदोलन को लंबा चलने की संभावना
आंदोलन ( MP farmer protest) के इस चरण में चार जिलों के किसान ट्रैक्टरों से खलघाट पहुंच गए हैं। प्रांतीय संगठन मंत्री गोपाल पाटीदार ने सभी किसानों से कंबल, दो जोड़ी कपड़े, आटा, दाल और लकड़ी साथ लाने का अनुरोध किया था।
इस आंदोलन को लंबा चलने की संभावना जताई जा रही है। प्रशासन की ओर से भी इसकी तैयारियां की जा रही हैं, जबकि किसान संगठन अपने निर्धारित कार्यक्रम को लेकर पूरी तरह से तैयार हैं।
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