चुनाव आयोग का नया प्लान, अब वार्ड में रहने वाले कर्मचारी ही बनेंगे BLO, गलत पहचान पर लगेगा ब्रेक

भोपाल में कौन बनेगा बीएलओ? अब यह बहस शुरू हो गई है। इसके पीछे की बड़ी वजह यह है कि चुनाव आयोग ने बूथ लेवल पर कर्मचारियों की नियुक्ति के लिए नया नियम लाया है।

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Dablu Kumar
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बिहार मेविशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) का मामला जोरों-शोरों से चल रहा है। इस बीच चुनाव आयोग ने मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में फर्जी वोटर पर लगाम लगाने और नए वोटर जोड़ने का नया प्लान तैयार किया है। इसमें आगामी चुनाव के लिए भोपाल में वही कर्माचारी बूथ लेवल ऑफिसर (बीएलओ) बनेंगे, जो उस इलाके का वोटर हो या फिर जिसका ऑफिस पोलिंग बूथ क्षेत्र में आता हो। 

इसके अलावा चुनाव आयोग ने यह भी साफ कर दिया है कि केवल सी-केटेगरी के कर्मचारियों को ही बीएलओ की ड्यूटी दी जाएगी। अगर बुथ लेवल क्षेत्र में ऐसे कर्मचारी मौजूद नहीं रहेंगे, तो पोस्टमैन, आंगनबाड़ी कार्यकर्ता और संविदा कर्मचारी को यह जिम्मेदारी मिलेगी। 

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अगर इस स्थिति के बाद भी कर्मचारी नहीं मिले तो फिर प्रस्ताव चुनाव आयोग को भेजा जाएगा। इसके बाद निर्वाचन अधिकारी से मंजूरी के बाद अन्य कर्मचारी की ड्यूटी लगाई जाएगी।

जानें ऐसा क्यों कर रहा है आयोग

आयोग की कोशिश है कि स्थानीय वोटर को बीएलओ बनाने से क्षेत्र के लोगों की पहचान आसानी से हो पाएगी। साथ ही, असली और फर्जी वोटर्स का भी पता आसानी से लग पाएगा। वहीं, हर घर तक पहुंचने में भी आसानी होगी। इसके अलावा डुप्लीकेट वोटर जोड़ने की शिकायतें भी कम आने लगेंगी। 

आयोग के ऐसा करने के पीछे की कोशिश यह है कि लोगों को अब बीएलओ खोजने की जरुरत नहीं पड़ेगी। क्षेत्र में ही बीएलओ रहने से लोगों को अपना काम कराने में आसानी होगी।

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पोलिंग बुथ घटाई जाएगी मतदाताओं की संख्या

इस वक्त भोपाल में अभी तक 2029 पोलिंग बूथ थे। हालांकि, अब पोलिंग बूथ पर मतदाताओं की संख्या घटाकर हर बूथ पर 1200 तक कर दिया जाएगा। पहले यह सीमा 1500 थी। ऐसे में अब 260 नए बूथ बनाए जा रहे हैं। इसका मतलब यह है कि अब भोपाल में कुल बीएलओ की संख्या बढ़कर 2289 हो जाएगी।

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देखें किस विधानसभा में कितने बूथ

विधानसभाबूथों की संख्या
गोविंदपुरा424 (नए 61)
हुजूर419 (नए 68)
नरेला367 (नए 37)
बैरसिया312 (नए 35)
भोपाल उत्तर257 (नए 25)
भोपाल मध्य256 (नए 16)
दक्षिण-पश्चिम254 (नए 18)

FAQ

चुनाव आयोग ने भोपाल में बीएलओ (बूथ लेवल ऑफिसर) की नियुक्ति के लिए क्या नए नियम बनाए हैं?
नए नियमों के अनुसार, अब बीएलओ केवल वही कर्मचारी बन सकेंगे जो उस पोलिंग बूथ क्षेत्र के मतदाता हों या जिनका कार्यालय उसी क्षेत्र में स्थित हो। प्राथमिकता सी-कैटेगरी के कर्मचारियों को दी जाएगी, और यदि वे उपलब्ध न हों तो पोस्टमैन, आंगनबाड़ी कार्यकर्ता या संविदा कर्मचारियों को यह जिम्मेदारी दी जाएगी।
चुनाव आयोग स्थानीय कर्मचारियों को बीएलओ क्यों बना रहा है?
आयोग का मानना है कि स्थानीय बीएलओ क्षेत्र के लोगों और असली-फर्जी मतदाताओं की पहचान आसानी से कर पाएंगे। इससे हर घर तक पहुंचना आसान होगा और डुप्लीकेट वोटरों की शिकायतों में कमी आएगी। साथ ही, मतदाताओं को अपने काम के लिए बीएलओ को खोजने में भी आसानी होगी।
भोपाल में पोलिंग बूथों की संख्या में क्या बदलाव हो रहा है?
पहले भोपाल में 2029 पोलिंग बूथ थे। अब हर बूथ पर मतदाताओं की संख्या 1500 से घटाकर 1200 कर दी गई है, जिसके कारण 260 नए बूथ बनाए जा रहे हैं। इस बदलाव के बाद भोपाल में कुल पोलिंग बूथों की संख्या बढ़कर 2289 हो जाएगी।

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