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नगर पालिक निगम भोपाल Photograph: (THE SOOTR)
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नगर पालिक निगम भोपाल Photograph: (THE SOOTR)
BHOPAL. कोलार में आरक्षित भूमि पर निजी स्कूल को भवन निर्माण की अनुमति के केस में कार्रवाई के बाद इंजीनियर एक-दूसरे को जिम्मेदार बता रहे हैं। इससे बिल्डिंग परमिशन सेल में चल रही मिलीभगत को लेकर सच्चाई सामने आ रही है। वहीं नगर निगम क्षेत्र में बीते कुछ महीनों में अनाधिकृत निर्माण की अनुमतियों के भी खुलासे हो रहे हैं।
टाउन एंड कंट्री प्लानिंग और निगम की गाइडलाइन के बाहर जाकर भवन निर्माण की अनुमति जारी करने वाले इंजीनियरों को बिल्डिंग परमीशन सेल से बाहर किए जाने के बाद अब सिटी प्लानर की भूमिका की भी शिकायत प्रशासन के पास पहुंची है।
भोपाल नगर निगम की बिल्डिंग परमीशन सेल में चीफ सिटी प्लानर के साथ निगम के इंजीनियरों का पूरा अमला तैनात है। कोलार की दानिश कुंज कॉलोनी में करीब डेढ़ एकड़ भूमि पर निजी स्कूल को भवन निर्माण की अनुमति जारी की गई थी। आरक्षित भूखंड पर निर्माण की अनुमति की शिकायत सामने आते ही हड़कंप मच गया था।
चीफ सिटी प्लानर अनूप गोयल ने नगर निगम आयुक्त को इस मामले में इंजीनियरों की भूमिका की शिकायत की थी। मामले में नगर निगम प्रशासन ने बिल्डिंग परमीशन सेल के इंजीनियरों से जवाब तलब किया था। दानिश कुंज में आरक्षित भूमि पर निर्माण की अनुमति के बाद पूरे शहर और उपनगरीय क्षेत्रों से खुलासे हो रहे थे। कॉलोनियों में बगीचा, पार्किंग स्पेस, बेसमेंट और अन्य वजह से आरक्षित जमीन पर धड़ल्ले से निर्माण अनुमतियां जारी की गई थीं।
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नियम विरुद्ध भवन निर्माण की अनुमति के आरोपों में घिरे इंजीनियर एक-दूसरे पर जिम्मेदारी डाल रहे हैं। दानिज कुंज में भवन निर्माण की अनुमति के मामले में नगरीय प्रशासन विभाग को भेजे गए जवाब भी विरोधाभासी हैं। अनुमति जारी करने वाले प्रभारी चीफ सिटी प्लानर लालजी चौहान ने जवाब पेश कर अनुमति अधीनस्थ इंजीनियरों की रिपोर्ट के आधार पर जारी की है।
असिस्टेंट इंजीनियर नंदकिशोर डेहरिया ने भूखंड पर पूर्व से मिडिल स्कूल संचालित होने की रिपोर्ट दर्ज की थी। इसी वजह से उन्होंने अनुमति जारी कर दी। हालांकि टाउन एंड कंट्री प्लानिंग की गाइडलाइन की अनदेखी के संबंध में उनका जवाब स्पष्ट नहीं है।
वहीं निलंबित किए गए असिस्टेंट इंजीनियर नंदकिशोर डेहरिया का जवाब है कि रिपोर्ट सब इंजीनियर अजय राजावत के भौतिक सत्यापन के आधार पर दी थी। उन्होंने रिपोर्ट के साथ अनुमति न देने का भी अभिमत दिया था लेकिन उसे नजरअंदाज किया गया है।
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नगर निगम में भवन अनुज्ञा शाखा में अनाधिकृत निर्माण से होने वाली कमाई को लेकर अधिकारियों में खींचतान जारी है। इसे दानिश कुंज और विद्यानगर में निर्माण अनुमति के मामलों से समझा जा सकता है। इन निर्माणों की अनुमति को चीफ सिटी प्लानर अनूप गोयल ने निरस्त कर दिया था।
उनके छुट्टी पर जाते ही इंजीनियरों ने रिपोर्ट बदल दी और प्रभारी चीफ सिटी प्लानर लालजी चौहान ने उन्हें पास कर दिया। उधर कॉलोनियों में पूर्व से स्वीकृत नक्शों में बदलाव कर आरक्षित भूखण्डों पर निर्माण की अनुमति में भी बिल्डिंग परमीशन सेल में खुला खेल चल रहा है।
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भवन निर्माण शाखा ने विद्यानगर में तो मनमानी की सारी हदें ही पार कर दी हैं। यहां चार आवासीय भूखण्डों के 20 हजार वर्गफीट क्षेत्रफल पर शॉपिंग कॉम्पलेक्स निर्माण की अनुमति जारी कर दी गई। मास्टर प्लान में फ्लोर एरिया रेशो की दर की भी अनदेखी की गई।
टाउन एंड कंट्री प्लानिंग की पाबंदियों को नजरअंदाज कर फ्लोर एरिया रेशो के बिना ही 10 मंजिला बिल्डिंग के निर्माण की अनुमति दे दी गई। यह अनुमति भी प्रभारी चीफ सिटी प्लानर लालजी चौहान, इंजीनियर महेश सिरोहिया द्वारा स्वीकृत की गई थी।
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