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भोपाल स्थित आयकर विभाग के बेनामी सेल दफ्तर में आज एक अहम पेशी होने वाली है। जानकारी के मुताबिक हिमांशु श्रीवास्तव, सुनील अग्रवाल और सन्मति जैन को 1 अक्टूबर को भोपाल स्थित इनकम टैक्स ऑफिस में गवाही के लिए बुलाया गया है। तीनों आरोपी महेंद्र गोयनका की कंपनी से जुड़े धोखाधड़ी के मामले में एक साल से फरार चल रहे हैं।
एक साल से फरार आरोपी
कटनी पुलिस के अनुसार ये तीनों आरोपी महेंद्र गोयनका की कंपनी से जुड़े प्रकरण में वांछित हैं और पिछले एक साल से फरार चल रहे हैं। इन पर इनाम भी घोषित किया जा चुका है। बता दें कि सुप्रीम कोर्ट तक से इनकी जमानत अर्जी खारिज हो चुकी है।
पुलिस से गिरफ्तारी की मांग
इधर इस मामले के फरियादी ने जिम्मेदार अफसरों से भोपाल में ही इनकी गिरफ्तारी की गुहार लगाई है। सूत्रों का कहना है कि इन फरार आरोपियों की भोपाल में पेशी के मौके पर गिरफ्तारी सुनिश्चित करने के लिए प्रशासन से आग्रह किया गया है।
कटनी में दर्ज है करोड़ों की धोखाधड़ी का मामला
बता दें कि मुंबई की यूरो प्रतीक कंपनी के डायरेक्टर हिमांशु श्रीवास्तव, सन्मति जैन और सुनील अग्रवाल के खिलाफ कटनी के कोतवाली और माधवनगर पुलिस थाने में धोखाधड़ी की FIR दर्ज है। इस मामले में इन तीनों ही आरोपियों की जमानत अर्जियां पहले हाईकोर्ट और अब सुप्रीम कोर्ट तक से खारिज हो चुकी हैं। ये लोग पिछले महीने मुंबई स्थित नेशनल कंपनी लॉ ट्रिब्यूनल (NCLT) परिसर में खुलेआम घूमते दिखाई दिए थे। उनकी मौजूदगी का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया था। इसके बावजूद एमपी पुलिस ने कोई कार्रवाई नहीं की। बता दें कि इससे पहले कोलकाता पुलिस ने भी अनूपपुर में इन आरोपियों को पकड़ने के लिए महेंद्र गोयनका के ठिकानों पर छापेमारी की थी, लेकिन तीनों आरोपी वहां से भागने में सफल हो गए थे।
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मध्यप्रदेश के जबलपुर के सिहोरा स्थित मेसर्स यूरो प्रतीक इंडस्ट्री के डायरेक्टर्स सुरेंद्र सलूजा (Surendra Saluja) और हरनीत सिंह लांबा ( Harnit Singh Lamba ) ने महेंद्र गोयनका ( Mahendra Goenka ) के साथ ही हिमांशु श्रीवास्तव ( Himanshu Srivastava ), सन्मति जैन, सुनील अग्रवाल और कंपनी सेक्रेटरी लाची मित्तल पर धोखाधड़ी के आरोप लगाए हैं।
आरोप है कि कंपनी के चार लोगों ने साजिश रचकर उन्हें बोर्ड ऑफ डायरेक्टर्स से बाहर कर दिया। फर्जी तरीके से हटाए गए डायरेक्टर्स सुरेंद्र सलूजा और हरनीत सिंह लांबा ने कटनी और माधवनगर थाने में फर्जी दस्तावेज बनाने वाले चार लोगों के खिलाफ मामला दर्ज कराया था।
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क्या कहते हैं सुरेंद्र सिंह सलूजा
सुरेंद्र सिंह सलूजा ने बताया कि वे मेसर्स यूरो प्रतीक इंडस्ट्री प्राइवेट लिमिटेड में वर्ष 2018 में डायरेक्टर बने थे। यह कंपनी लौह अयस्क यानी आयरन ओर का काम करती है। सलूजा ने कंपनी में रुपए भी इन्वेस्ट किए हैं। बकौल सलूजा, शुरुआत में सब कुछ ठीक चल रहा था। कंपनी अच्छे से रन हो रही थी।
जब उन्हें पता चला कि कंपनी में मनमानी होने लगी। डायरेक्टर्स को भरोसे में लिए बिना ही लौह अयस्क बेचे जाने लगे। इसे लेकर उन्होंने जबलपुर कलेक्टर से शिकायत की। जब इस मामले की सुनवाई हुई तो कलेक्टर ने सलूजा को बुलाया। जब वे पहुंचे और अपना परिचय दिया तो पास में खड़े वकील ने उन्हें बताया कि वे अब कंपनी में डायरेक्टर नहीं हैं। यह सुनकर सलूजा को विश्वास ही नहीं हुआ। पुख्ता जानकारी लेने के लिए उन्होंने सीए से संपर्क किया। उन्होंने भी इस बात की पुष्टि की। तभी से मामला पुलिस और कोर्ट में चल रहा है। अब सभी आरोपी मुंबई के कोर्ट परिसर में बेखौफ नजर आए।