यूरो प्रतीक कंपनी हड़पने की साजिश: महेंद्र गोयनका के रायपुर ऑफिस पर कोलकाता पुलिस का छापा

कोलकाता पुलिस ने छत्तीसगढ़ के रायपुर स्थित फरिश्ता कॉम्प्लेक्स में कारोबारी महेंद्र गोयनका के ऑफिस पर छापा मारा है। आरोप है कि उन्होंने अपने साथियों के साथ मिलकर फर्जी दस्तावेज तैयार कर यूरो प्रतीक कंपनी पर कब्जा करने की साजिश रची।

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Harrison Masih
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यूरो प्रतीक कंपनी को हड़पने की साजिश के मामले में कोलकाता पुलिस ने रायपुर स्थित फरिश्ता कॉम्प्लेक्स में छापा मारा है। मुख्य आरोपी महेंद्र गोयनका, उनके भाई मनीष गोयनका और सहयोगी सुनील कुमार अग्रवाल के खिलाफ कोलकाता में धोखाधड़ी, जालसाजी और आपराधिक साजिश के गंभीर आरोप दर्ज हैं।

FIR और धाराएं:

कोलकाता पुलिस ने महेन्द्र गोयनका के खिलाफ IPC की धारा 420, 467, 468 और 120B के तहत एफआईआर दर्ज की है।

  • धारा 420: धोखाधड़ी
  • धारा 467: मूल्यवान दस्तावेजों की जालसाजी
  • धारा 468: धोखाधड़ी के उद्देश्य से जालसाजी
  • धारा 120B: आपराधिक साजिश

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ऑफिस में छापेमारी,दस्तावेजों की गहन जांच

कोलकाता पुलिस की टीम ने रायपुर स्थित फरिश्ता कॉम्प्लेक्स में महेन्द्र गोयनका के ऑफिस पर छापा मारा। हालाँकि, मौके पर कोई भी आरोपी नहीं मिला। टीम ने ऑफिस में मौजूद दस्तावेजों और कम्प्यूटर्स की गहनता से जांच की और कई महत्वपूर्ण कागजात ज़ब्त किए हैं।

कोतमा और कटनी में भी कार्रवाई जारी

यह छापेमारी केवल रायपुर तक सीमित नहीं रही। इससे पहले मध्यप्रदेश के कोतमा और कटनी में भी पुलिस ने महेंद्र गोयनका से जुड़ी संपत्तियों और शोरूम्स पर छापेमारी की थी। कोतमा के हीरो शोरूम और अन्य ठिकानों से साक्ष्य जुटाए गए। कटनी के माधवनगर थाने में भी गोयनका और सहयोगियों पर IPC की समान धाराओं में केस दर्ज है। 

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क्या है पूरा मामला?

महेन्द्र गोयनका एक विवादित उद्योगपति हैं, जिनका कारोबार छत्तीसगढ़ और मध्य प्रदेश में फैला हुआ है। वे जमीन, क्रशर, ग्रेनाइट खदानों और माइनिंग के क्षेत्र में सक्रिय हैं। हाल ही में उनका नाम भोपाल में सहारा स्टेट की जमीन खरीद से जुड़ा मामला और कटनी स्थित यूरो प्रतीक इस्पात कंपनी पर फर्जी दस्तावेजों के जरिए कब्जा करने की साजिश में सामने आया है। 

कोलकाता पुलिस द्वारा उनके खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है और अनूपपुर जिले के कोतमा में उनके ठिकानों पर छापेमारी भी की गई, हालांकि पुलिस के पहुंचने से पहले ही वे फरार हो गए। उनका भाजपा विधायक संजय पाठक से भी विवाद चल रहा है।

शिकायत के अनुसार, महेन्द्र गोयनका और उसके सहयोगियों ने फर्जी दस्तावेज़ बनाकर एक कंपनी पर अवैध कब्जा करने की साजिश रची थी। पूरे घटनाक्रम में बड़े पैमाने पर धोखाधड़ी और फाइनेंशियल मैनिपुलेशन की आशंका जताई जा रही है।

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रायपुर में कोलकाता पुलिस का छापा

महेंद्र गोयनका पर कोलकाता पुलिस की कार्रवाई

1️⃣ रायपुर ऑफिस पर कोलकाता पुलिस का छापा
कोलकाता पुलिस ने रायपुर के फरिश्ता कॉम्प्लेक्स स्थित महेन्द्र गोयनका के ऑफिस पर छापा मारा। यह कार्रवाई यूरो प्रतीक कंपनी को फर्जी तरीके से हड़पने के आरोपों के चलते की गई।

2️⃣ धोखाधड़ी और जालसाजी के गंभीर आरोप
महेन्द्र गोयनका, उनके भाई मनीष गोयनका और सुनील कुमार अग्रवाल पर IPC की धारा 420 (धोखाधड़ी), 467 (जालसाजी), 468 (धोखाधड़ी के उद्देश्य से जालसाजी) और 120B (आपराधिक साजिश) के तहत केस दर्ज है।

3️⃣ आरोपी मौके से फरार, दस्तावेजों की जांच जारी
छापेमारी के दौरान मुख्य आरोपी मौके पर नहीं मिले। पुलिस ने ऑफिस में मौजूद दस्तावेजों की गहन जांच की और संभावित सबूत जुटाए।

4️⃣ पहले भी कोतमा (मप्र) में हो चुकी है छापेमारी
इससे पहले कोलकाता पुलिस ने कोतमा (मध्यप्रदेश) स्थित गोयनका के ऑफिस और शोरूम में भी छापे मारे थे, जहाँ से कई महत्वपूर्ण दस्तावेज जब्त किए गए थे।

5️⃣ सुप्रीम कोर्ट से भी खारिज हो चुकी है जमानत
आरोपियों की गिरफ्तारी टालने के लिए दायर की गई जमानत याचिकाएं सुप्रीम कोर्ट तक से खारिज हो चुकी हैं। पुलिस जल्द ही सभी को गिरफ्तार करने की दिशा में बढ़ रही है।

 फरिश्ता कॉम्प्लेक्स रायपुर Kolkata police raid Raipur

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सुप्रीम कोर्ट से भी खारिज हुई ज़मानत

महेन्द्र गोयनका और उनके साथियों की जमानत याचिकाएं सुप्रीम कोर्ट द्वारा खारिज कर दी गई हैं। आरोपी अब भी फरार हैं, लेकिन पुलिस का मानना है कि जल्द ही गिरफ्तारियां संभव हैं।

FAQ

महेन्द्र गोयनका कौन हैं,उन पर क्या आरोप हैं?
महेन्द्र गोयनका मध्यप्रदेश के कोतमा से रायपुर आकर बसे एक कारोबारी हैं। उन पर कोलकाता में दर्ज एक मामले में धोखाधड़ी, जालसाजी और आपराधिक साजिश का आरोप है। FIR के अनुसार, उन्होंने अपने साथियों के साथ मिलकर फर्जी दस्तावेजों के ज़रिए यूरो प्रतीक कंपनी पर अवैध कब्ज़ा करने की साजिश रची है।
क्या महेन्द्र गोयनका को जमानत मिली है?
नहीं, सुप्रीम कोर्ट ने भी महेन्द्र गोयनका और उनके सहयोगियों की जमानत याचिका खारिज कर दी है। सभी आरोपी फिलहाल फरार हैं और पुलिस उन्हें पकड़ने की कोशिश कर रही है।
कोलकाता पुलिस ने महेन्द्र गोयनका के खिलाफ क्या कदम उठाए हैं?
नहीं, सुप्रीम कोर्ट ने भी महेन्द्र गोयनका और उनके सहयोगियों की जमानत याचिका खारिज कर दी है। सभी आरोपी फिलहाल फरार हैं और पुलिस उन्हें पकड़ने की कोशिश कर रही है।

 

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